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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी के दूसरे दिन का सर्वे शुरू

[Edited By: Rajendra]

Saturday, 5th August , 2023 11:30 am

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी के दूसरे दिन का सर्वे शुरू कर दिया है। टीम सुबह करीब आठ बजे ज्ञानवापी पहुंची। सर्वे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। पहले दिन के सर्वे में सात घंटे से ज्यादा समय तक परिसर की आकृति तैयार की है। माप-जोख भी की गई।

ASI की 61 मेंबर्स की टीम सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक दो शिफ्ट में सर्वे करेगी। वजूखाने को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे होना है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई की थी। अदालत ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था- हम हाईकोर्ट के आदेश में दखल क्यों दें? साथ ही मुस्लिम पक्ष से यह भी पूछा था कि ASI सर्वे पर ऐतराज क्यों है?

मुस्लिम पक्ष आज सर्वे के दौरान मौजूद है। इंतजामिया कमेटी के वकील मुमताज परिसर से बाहर आए। उन्होंने कहा,"अंदर सर्वे चल रहा है। हम संतुष्ट हैं। मस्जिद का ताला खोला गया है। मशीनें अंदर मौजूद हैं। लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं किया गया है। तहखाने को खोलने के लिए कहा गया है। अभी वो बंद है। अब तक सिर्फ चीजों को आंखों से देखकर उनकी लिस्ट तैयार की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के मुताबिक वहां ना मिट्टी का सैंपल, ना कोई पत्थर का टुकड़ा ले सकते हैं। अंदर कमेटी से दो वकील और एक सचिव हैं।"

ASI टीम सैंपल बैग, चार्ट पेपर, बाल्टी, कुदाल, छाता, केमिकल लेकर परिसर में पहुंची है। टीम ने शुक्रवार को परिसर में मिट्‌टी का सैंपल लिया था। ज्ञानवापी परिसर को 4 ब्लॉक में बांटा गया है। चारों तरफ कैमरे लगाए हैं। वीडियोग्राफी की जा रही है। ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार पर सबसे ज्यादा फोकस है। दीवार की बारीक स्कैनिंग की जा रही है। कलाकृतियों को देखा जा रहा है।

ASI की टीम ने अब तक सर्वे में पत्थर के टुकड़े, दीवार की प्राचीनता और नींव के सैंपल लिए हैं। इसके अलावा दीवारों की कलाकृतियां मिट्‌टी, अवशेष की प्राचीनता समेत अन्न के दाने का सैंपल जुटाया है। सर्वे के दौरान जिले में हाई अलर्ट जारी किया गया है। मंदिर के आसपास कड़ी सुरक्षा रहेगी। ASI की टीम के अलावा जिले के कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर और काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी भी वहां पर मौजूद रहेंगे। दो दिन के सर्वे में पूरे परिसर की पैमाइश हो चुकी है। चार सेक्टर बनाकर 100 मीटर एरियल व्यू फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की जा चुकी है। अब तक पश्चिमी दीवारों के निशान, दीवार पर सफेदी का चूना, ईंट में राख और चूने की जुड़ाई समेत मिट्टी के कई सैंपल जुटाए हैं। जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा जाएगा।

ज्ञानवापी के पुरातत्व सर्वेक्षण की कार्यवाही में आज मुस्लिम पक्ष के दो वकील समेत तीन पैरोकार सहयोग कर रहे हैं, जिसमें मुमताज़ अहमद, मोहम्मद एखलाक अहमद वकील हैं। मस्जिद के केयरटेकर एजाज अहमद ने आज मस्जिद ताला खोला, जिससे एसआई की टीम ने मस्जिद के अंदर प्रवेश किया। वजूखाने को छोड़कर आज मस्जिद के अंदर भी सर्वे होगा।

आजमगढ़ से सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ भी शनिवार को वाराणसी पहुंचे। ज्ञानवापी पर सीएम योगी के बयान पर उनसे सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि अगर आरोप लगाया है तो सच की जांच होनी चाहिए। जो ढ़ाचा पहले था वो अब नहीं है। उसे किसी ने बलपूर्वक तोड़ दिया है। उसी की जांच सर्वे की टीम कर रही है। जांच से सच सामने आएगा, उससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन भी ज्ञानवापी पहुंचे। उन्होंने कहा कि आज से मैं भी इस सर्वे में भाग लूंगा। एएसआई की टीम सर्वे के दौरान कई बातों का पता लगाएगी। ढांचे के नीचे क्या है और उम्र का भी पता लगाएगी। क्या ये औरंगजेब के समय का है या पहले का। इन सब बातों का खुलासा होगा।

ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता भी पहुंच गए हैं। बोले- देखते हैं वहां क्या होता है। कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा और हम पूरा सहयोग करेंगे। हिंदू पक्ष की पैरोकार सीता साहू भी सर्वे को लेकर ज्ञानवापी पहुंची हैं। इससे पहले उन्होंने दावा किया है कि औरंगजेब ने 1669 में मंदिर ध्वस्त कराया और उसके ढांचे को बदल दिया। तभी से हिंदू अपना अधिकार पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

 

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