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टमाटर के साथ ही हरी सब्जियों के रेट भी आसमान छूने लगे

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 28th June , 2023 01:36 pm

महज एक हफ्ते पहले तक 40 रुपये किलो बिकने वाले टमाटर के भाव 6 गुना बढ़कर 120 रुपये पर पहुंच गए हैं। टमाटर के साथ ही हरी सब्जियों के रेट भी आसमान छूने लगे हैं। चार दिन पहले तक देशी परवल 60 से सीधे 100 रुपये किलो पर पहुंच गया है। बीन्स (बोड़ो) 40 से 80 रुपये किलो बिका। यूपी के कुशीनगर के अधिकतर बाजारों में भिंडी भी 60 रुपये किलो बिकी। केवल आलू-प्याज के दाम ही कम हैं। दिल्ली की आजादपुर थोक मंडी में पिछले दो दिनों में टमाटर का रेट तीन गुना हो गया है। एक टमाटर व्यापारी ने बताया कि कमी के कारण उन्हें उत्तर प्रदेश और हरियाणा से टमाटर नहीं मिल रहे हैं और अब वे सप्लाई के लिए बेंगलुरु पर निर्भर हैं।

भारत में अगर टमाटर की खेती और टमाटर उगाने वाले राज्यों के बारे में देखें तो भारत में सबसे ज्यादा टमाटर मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में उगाया जाता है। यहां टमाटर की दो फसल मुख्य रूप से होती है। एक अगस्त से सितंबर के बीच बोई जाती है और दूसरी फसल फरवरी से जुलाई के बीच तैयार की जाती है। अभी जो टमाटर बाजार में होना चाहिए वो फरवरी से जुलाई के बीच तैयार होकर बिकने वाली फसल है, लेकिन हरियाणा, राजस्थान, यूपी एमपी की फसल खराब हो गई है। इससे दाम अचानक से उछल गए हैं।

टमाटर की खेती में किसानों की रुचि की कमी पिछले महीने फसल की कीमत में गिरावट के कारण है। पिछले साल की तुलना में इस साल बुआई कम हुई है। पिछले साल बीन्स की कीमतें आसमान छूने के कारण कोलार में किसानों ने इस साल बीन्स की बुआई शुरू कर दी। हालांकि, कमजोर मानसून के कारण फसलें सूख गईं। मई में टमाटर की कीमतें गिरकर ₹3-5 प्रति किलोग्राम हो गईं। कई किसानों को फसल पर ट्रैक्टर चला कर नष्ट करने पर मजबूर होना पड़ा। महाराष्ट्र में टमाटर की कमी के कारण, खरीदार मांगों को पूरा करने के लिए पश्चिम बंगाल, ओडिशा और यहां तक कि बांग्लादेश में निर्यात के लिए जा रहे हैं।

मौसम की मार से परेशान किसानों के चेहरों पर टमाटर की बढ़ी कीमतों ने रौनक ला दी है लेकिन उपभोक्ताओं को बेहाल कर दिया है। अमूमन शुरुआती सीजन मंडी में 500 से 600 रुपये बिकने वाले सोलन के लोकल टमाटर का 25 किलो का क्रेट 600 से 1600 से तक बिक रहा है। अब सब्जी मंडी में टमाटर की आवक भी बढ़ गई है। जिला सिरमौर से भी टमाटर आना शुरू हो गया है। मंगलवार को मंडी में 1500 क्रेट पहुंचे। हालांकि अभी कुछ ही क्षेत्रों में टमाटर तैयार हुआ है। दो सप्ताह तक आवक ओर अधिक हो जाएगी। सोलन का टमाटर दिल्ली, चंडीगढ़ और पंजाब जा रहा है। बाहरी राज्यों से भी रोज व्यापारियों ने आना शुरू कर दिया है। 6,74,948 क्रेट टमाटर की फसल बीते साल सोलन मंडी पहुंची थी। 30 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में टमाटर की कीमत अपने कलर सुर्ख लाल की तरह हो गया है। ग्राहक दुकान पर टमाटर का रेट पूछते ही लाल हो जा रहा है। मंगलवार को टमाटर की कीमत फुटकर मार्केट में 160 रुपये से लेकर 180 रुपये किलो तक पहुंच गया था। टमाटर खरीदने आने वाले लोग रेट सुनकर ही वापस हो जा रहे थे। जो लोग टमाटर खरीदना भी चाहते थे वो 100 ग्राम लेकर जा रहे हैं,

चाय में अपना अलग रंग जमाने वाला अदरक भी 320 रुपये किलो पहुंच गया है, तो करारी भिन्डी 60 रुपये किलो बिक रही है। सरपतिया 80 रुपये किलो तो नेनुआ 70 रुपये किलो बिक रहा है तो बींस ने दोहरा शतक लगा लिया है और वो 200 रुपये किलो बिक रहा है। बोड़ा भी शतक लगा चुका है, वो 100 रुपये किलो बिक रहा है, लौकी 60, खीरा 80, गाजर 80, परवल 80, शिमला मिर्च 80, करेला 80 रुपये किलो बिक रहा है। वहीं आलू 20 से 25 रुपये और प्याज 25 से 30 रुपये किलो बिक रहा है। दुकानदारों का कहना है कि महंगाई के कारण उनकी बिक्री आधी से भी कम हो गई है। जो लोग एक किलो हरी सब्जी लेते थे वो अब कतराने लगे हैं। टमाटर के दाम सुनकर कभी कभी ग्राहक भी उखड़ जा रहे हैं। पर जब हमे मंहगी सब्जियां थोक मार्केट से ही मिल रही हैं तो हम भी उसे फुटकर में महंगे दाम पर बेंच रहे हैं।

इस बार टमाटर के किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं। बाहरी राज्यों से भी कारोबारियों ने मंडी आना शुरू कर दिया है। अभी कुछ क्षेत्रों से ही टमाटर शुरू हुआ है। किसानों को दाम भी ग्रेड के हिसाब से मिल रहे हैं। -डॉ। रविंद्र शर्मा, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति सोलन | यहां से आ रहा टमाटर : जिले के सिंचित क्षेत्रों से जून में टमाटर की फसल कृषि उपज मंडी में आना शुरू हो जाती है। गंभर पुल, साधुपुल, अश्विनी खड्ड, हैपी वैली समेत अन्य क्षेत्रों से टमाटर की फसल शुरू हो चुकी है।

जिला सोलन के किसान जहां टमाटर की फसल उगाते हैं उसी के साथ यहां पर शिमला मिर्च की भी खेती की जाती है। इन दिनों सब्जी मंडी में शिमला मिर्च 12 से 22 रुपये प्रति किलो बिक रही है। इससे किसानों की अच्छी आमदनी हो रही है। शिमला मिर्च का परचून रेट 30 से 40 रुपये प्रतिकिलो ग्राहकों को मिल रहा है। जिला में पिछले वर्ष 26,290 क्विंटल के आसपास पैदावार हुई थी।

किसानों ने निकट भविष्य में कीमतों में नरमी की संभावना से इनकार किया है। वर्तमान में नारायणगांव के थोक बाजार में प्रतिदिन औसतन 24,000-25,000 क्रेट टमाटर (प्रत्येक में 20 किलोग्राम) आ रहा है - जो वर्ष के इस समय आने वाली 40,000-45,000 क्रेटों का लगभग आधा है। अगस्त के बाद ही आवक में सुधार होगा और खुदरा कीमतों में कोई सुधार देखा जा सकता है।

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