उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के 25 मार्च से 8 साल पूरे हो चुके है, इन आठ के अंदर योगी सरकार ने कई ऐसे काम किए जिनकी चर्चा देशभर हो रही है सरकार इसे ‘सेवा, सुरक्षा एवं सुशासन’ के रूप में पेश कर रही है। 2017 के बाद यूपी की अर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर, किसानों के हालात ,शिक्षा , लॉ एंड ऑर्डर मे कई बड़े बदलाव हुए।
आठ साल पहले उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति क्या थी, यह किसी से छिपा नहीं है। पहले किसान आत्महत्या करता था। युवा के सामने पहचान का संकट था। प्रदेश में दंगे होते थे। अराजकता का माहौल था।आज प्रदेश वही है, तंत्र वही है, केवल सरकार बदलने से व्यापक बदलाव महसूस किया जा सकता है। पहले यूपी बीमारू राज्य माना जाता था। आज देश की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में जाना जा रहा है। आज हर सेक्टर में यूपी देश के विकास में ब्रेक थ्रू के रूप में देखा जा रहा है। 2017 से पहले किसान आत्महत्या करता था। कृषि सेक्टर में एक वीरानी छाई हुई थी। 2017 के बाद इस क्षेत्र में काफी बदलाव हुए हैं। कृषि विकास दर 13.5 फीसदी से अधिक हुई है। इससे प्रदेश के जीडीपी में 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसकी शुरुआत हमारी पहली कैबिनेट में 36 हजार करोड़ की कर्जमाफी करके की गई।
किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना सहित हर योजना में धनराशि डीबीटी के माध्यम से जा रही है। सिंचाई क्षेत्र में व्यापक बढ़ोतरी हुई है। माफिया को मिट्टी में मिला देंगे’, महज डायलॉग नहीं बल्कि सफलता की इबारत बना है। निर्णयों में दृढ़ता का यह स्वरूप बहुआयामी रहा। CAA-NRC विरोधी आंदोलन के दौर में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के चौराहों पर पोस्टर और वसूली के फैसले के अलावा अवैध धर्मांतरण, गोहत्या और नकल विरोधी कानून जैसे कई ऐसे कदम रहे जिनमें आलोचना की परवाह किए बिना समस्या की जड़ पर प्रहार पर फोकस रहा।
20 नए कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई।
2017 से पहले चीनी उद्योग बंदी के कगार पर था। आंदोलन होता था। गन्ना किसानों का हजारों करोड़ रुपये बकाया था। चीनी मिलें बंद होती जा रही थीं। हमने तीन नई चीनी मिलों की स्थापना की। छह नई चीनी मिलों को पुनः संचालित किया। 38 मिलों का विस्तार किया। वर्तमान में 122 चीनी मिलें क्रियाशील हैं। प्रदेश में निराश्रित गोवंश के लिए 7700 से अधिक गो आश्रय स्थल में 12 लाख 50 हजार से अधिक गोवंश का संरक्षण सरकार स्वयं कर रही है। महाकुंभ में बेहतर कानून व्यवस्था का उदाहरण दिखा। 45 दिनों के आयोजन में कोई अपराध, लूट, छेड़छाड़, अपहरण कोई भी घटना नहीं हुई।