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विश्वकप विजेता टीम के हीरो यशपाल शर्मा का निधन सीएम योगी ने दिया शोक संदेश

[Edited By: Vijay]

Tuesday, 13th July , 2021 12:16 pm

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज यशपाल शर्मा का निधन हो गया है। 66 वर्षीय यशपाल शर्मा का निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ है। यशपाल भारत की 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कभी शून्य पर पवेलियन नहीं लौटने का अनोखा रिकॉर्ड कायम करने वाले यशपाल शर्मा ने अब हमेशा के लिये शून्य पर चले गये अब वो इस दुनिया से अलविदा कह गये

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर यशपाल शर्मा को श्रद्धांजलि दी है

पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि आज हमारा परिवार टूट गया है , वह यशपाल शर्मा ही थे , जिन्होंने 1983 विश्वकप जीत का एजेंडा तय किया था । मिली जानकारी के अनुसार , आज सुबह यशपाल शर्मा अपनी मॉर्निंग वॉक करने के बाद जब घर लौटे तो उन्हें सीने में दर्द की शिकायत की । उन्होंने अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन तब तक उन्होंने दम तोड़ दिया था । डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें हार्ट अटैक आया था , जिसके चलते उनका निधन हुआ है । उनके निधन पर उनके साथी खिलाड़ी रहे मदनलाल ने कहा कि यह काफी दुखद खबर है । यशपाल अपने पीछे अपनी पत्नी और तीन बच्चों को छोड़कर गए हैं । हालांकि उनके बच्चे विदेश में पढ़ाई करते हैं ।

 यशपाल शर्मा 1983 में वनडे का पहला वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे. उन्होंने अपने करियर में भारत के लिए 37 टेस्ट और 42 वनडे खेले हैं. टेस्ट क्रिकेट में 2 शतक के साथ उन्होंने 1606 रन बनाए हैं. जबकि वनडे क्रिकेट में 89 रन दर्ज है. यशपाल शर्मा को 13 जुलाई के तड़के दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उनका निधन हुआ. उनकी उम्र अभी 66 साल थी.

इंटरनेशनल क्रिकेट में यशपाल शर्मा का डेब्यू पाकिस्तान के खिलाफ सियालकोट में खेले वनडे मुकाबले से साल 1978 में हुआ था. इसके बाद अगले ही साल उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच भी इंग्लैंड के खिलाफ क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर खेला. शर्मा ने अपना आखिरी वनडे साल 1985 में इंग्लैंड के खिलाफ चंडीगढ़ में जबकि आखिरी टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली में साल 1983 में खेला था

यशपाल शर्मा 1983 में भारत के लिए वनडे का पहला विश्व कप जीतने वाली टीम के हीरो रहे थे. ओपनिंग मैच में 89 रन की पारी खेलकर उन्होंने वर्ल्ड कप की पिच पर वेस्ट इंडीज की पहली हार की स्क्रिप्ट लिखी थी. वहीं सेमीफाइनल में 61 रन बनाकर वो टीम के टॉप स्कोरर रहे थे. बॉब विलिस की यॉर्कर जैसी गेंद पर लेग साइड में जमाया उनका छक्का आज भी क्रिकेट इतिहास के यादगार शॉट्स में शुमार है.

रिटायर होकर भी क्रिकेट से जुड़े रहे यशपाल शर्मा

भारत के मीडिल ऑर्डर की रीढ़ रहे यशपाल शर्मा का लगभग पूरा जीवन क्रिकेट को समर्पित रहा. क्रिकेट से रिटायर होकर भी वो इस खेल से जुड़े रहे. वो टीम इंडिया के नेशनल सेलेक्टर भी बने. उनका पहला फेज सेलेक्टर की भूमिका में 2003 से दिसंबर 2005 तक का रहा. इसके बाद 2008 में इस रोल में उनकी दोबारा से वापसी हुई. बतौर सेलेक्टर उन्होंने भारतीय क्रिकेट से जुड़े कई अहम फैसलों में अपना योगदान दिया, जिसमें सौरव गांगुली बनाम ग्रेग चैपल विवाद भी शामिल है. टीम इंडिया के सेलेक्टर बनने से पहले उन्होंने कुछ वक्त तक अंपायरिंग भी की थी.

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