रानी रामपाल (Rani Rampal) की कप्तानी वाली महिला भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) ने टोक्यो में नया इतिहास रच दिया. ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ खेले गए क्वॉर्टर फाइनल मैच में भारत ने उसे 1-0 से हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है. ओलंपिक इतिहास में यह पहला मौका है, जब भारतीय महिला टीम ने सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई हो
इस मैच में भारत का खेल बेहद ऊंचे स्तर का था और उसने ऑस्ट्रेलिया को अपने सामने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला अर्जेंटीना से होगा, जो जर्मनी को 3-0 से हराकर यहां पहुंची है. इस मैच की अगर बात करें तो भारत की ओर से मैच का एकमात्र गोल गुरजीत कौर (Gurjeet Kaur) ने किया, जिन्होंने खेल के 22वें मिनट में पनेल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील किया.
इस स्टार ड्रैग फ्लिकर का यह इस टूर्नामेंट में पहला गोल है. उनका यह गोल इसलिए भी खास है क्योंकि इससे पहले टोक्यो ओलंपिक में कोई भी टीम पेनल्टी कॉर्नर पर ऑस्ट्रेलिया की डिफेंस को भेद नहीं पाई थी. लेकिन गुरजीत ने यह कमाल करके दिखाया, जो मैच का निर्णायक गोल भी साबित हुआ
इसके अलावा इस मैच में भारत की रक्षा पंक्ति और गोलकीपर सविता पूनिया (Savita Punia) की भी तारीफ करनी होगी, जिसने इस हाई प्रेशर मैच में ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को एक भी गोल दागने का मौका नहीं दिया.
पूरे मैच में ऑस्ट्रेलिया को 7 पेनल्टी कॉर्नर मिले. लेकिन हर बार भारत ने उसे नाकाम साबित किया. भारतीय टीम मॉस्को ओलंपिक 1980 में चौथे स्थान पर रही थी लेकिन तब केवल छह टीमों ने हिस्सा लिया था और मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गए थे.
इससे पहले भारतीय हॉकी टीम अपने पूल में साउथ अफ्रीका और आयरलैंड को हराकर चौथे स्थान पर रही थी, जबकि ऑस्ट्रेलिया अपने पूल में शीर्ष पर रहा था. इससे पहले रविवार को भारतीय पुरुष टीम भी ग्रेट ब्रिटेन को हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई है.
अब सबकी निगाहें महिला हॉकी टीम पर टिक गई हैं. हर कोई आज देश की इन बेटियों की जीत की दुआ कर रहा है. ओलंपिक में पहले ही इतिहास रचने के बाद अब भारतीय महिला हॉकी टीम अपने सेमीफाइनल मुकाबले में अर्जेंटीना से भिड़ेगी. यह मैच भारतीय समय के अनुसार आज दोपहर 3:30 बजे शुरू होगा.
भारतीय महिला हॉकी टीम अपने ओलंपिक गोल्ड मेडल से बस दो कदम दूर है. हांलाकि इससे पहले उन्हें सेमीफाइनल के अपने मुकाबले में अर्जेंटीना की टीम को हार का स्वाद चखाना होगा. फिलहाल भारतीय महिला टीम ने यहां तक पहुंचने के लिए तीन बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की टीम को 1-0 से करारी हार देकर बाहर का रास्ता दिखाया है.
सेमीफाइनल में पहुंचने से पहले ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले गए कड़े मुकाबले में भारतीय महिला टीम ने मैदान पर अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन किया था. इस दौरान भारत को मिले एकमात्र पेनल्टी कॉर्नर को ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर ने गोल में बदला था. वहीं भारत की गोलकीपर सविता पूनिया के आगे ऑस्ट्रेलिया की टीम को मिले कुल 7 पेनल्टी कॉर्नर बेकार साबित हुए. सविता पूनिया के इस प्रदर्शन के कारण उन्हें ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया के नाम से नवाजा जा रहा है.
फिलहाल देश में भारतीय महिला टीम के सदस्यों के घरों में उनकी जीत को लेकर दुआओं का दौर जारी है. कप्तान रानी रामपाल के पिता रामपाल और नवजोत कौर के पिता सतनाम सिंह का कहना है कि वह मंदिर और गुरुद्वारे जाकर टीम की जीत के लिए प्रार्थना करेंगे. वहीं लगातार जीत मिलने के साथ ही भारतीय टीम की रैंकिंग में भी काफी सुधार देखने को मिला है. विश्व रैंकिंग में अब तक के अपने सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग के साथ भारतीय महिला टीम 7वें स्थान पर पहुंच गई है.
आज भारतीय टीम एक नया इतिहास रचने की कगार पर है अगर वो सेमीफाईनल मे जीतती है तो एक नया इतिहास बन जायेगा और आने वाली पीढ़ियां इस महिला हॉकी टीम पर गर्व करेंगी..