उत्तर प्रदेश में 'मुख्यमंत्री महिला सामर्थ्य योजना' लागू करने की तैयारी है। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जाना है। सूबे में दूध और दूध से बने उत्पादों के डेयरी प्लांट संचालित करने का जिम्मा उनको सौंपा जाएगा। बुंदेलखंड में सरकार पहले से महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ रही है। योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तुत बजट में महिलाओं के लिए 'महिला सामर्थ्य योजना' की घोषणा की थी। इस योजना के लिए बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने किये 'मुख्यमंत्री महिला सामर्थ्य योजना' की शुरुआत की है। इसके तहत राज्य की महिलाओं को कुटीर उद्योगों से जोड़ा जाएगा और उनके बनाये गए या उत्पादित सामग्री को बाजार उपलब्ध कराए जाएंगे। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन निदेशक भानुचंद गोस्वामी ने महिलाओं को डेयरी व्यवसाय से जोड़ने के लिए महिला सामर्थ्य योजना बनाई है। केंद्र सरकार ने मीरजापुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली और सोनभद्र को जोड़ते मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
भानुचंद गोस्वामी ने बताया कि ग्राम्य विकास विभाग ने पूर्वांचल में गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज और कुशीनगर, अवध में रायबरेली, सुल्तानपुर और अमेठी में और पश्चिम में बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर तथा रामपुर में मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। महिलाओं को डेयरी प्लांट के संचालन के साथ दूध से मशीनों के जरिये मक्खन, दही, छाछ, घी सहित अन्य उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस योजना के माध्यम से प्रदेश की महिलाओं को रोजगार के प्रति प्रेरित किया जाएगा तथा स्थानीय संसाधनों के आधार पर होम एंड कॉटेज उद्योगों के माध्यम से उनके जीवन स्तर मैं सुधार लाने का प्रयास किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को अपनी उपज को बेचने के लिए सरकार द्वारा बाजार भी उपलब्ध करवाया जाएगा। UP Mahila Samarthya Yojana 2021 को सरकार ने यूपी बजट 2021–22 की घोषणा करते हुए 22 फरवरी 2021 को आरंभ किया है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 से महिला सामर्थ्य योजना के नाम से नई योजना शुरू की जाएगी इस योजना के लिए सरकार द्वारा 200 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। यह योजना महिला सशक्तिकरण तथा कल्याण के लिए एक महत्वकांक्षी योजना साबित होगी। यूपी महिला सामर्थ्य योजना 2021 का कार्यान्वयन दो स्तरीय कमेटी के माध्यम से किया जाएगा। एक कमेटी जिला स्तर पर गठित की जाएगी तथा एक कमेटी राज्य स्तर पर गठित की जाएगी।