उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में महज कुछ महीने बचे हैं। ऐसे में सभी विपक्षी दल जनता को लुभाने के लिए हर दांव लगा रहे है। फ़िलहाल हर जगह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी फ्रंटफुट पर दिख रही है। लेकिन सत्ताधारी पार्टी भाजपा को ज्यादा देर तक बैकफुट में नहीं रखा जा सकता है। दूसरी तरफ लखीमपुर खीरी मामला, फिर गोरखपुर में व्यापारी की मौत और उसके के बाद आगरा में सफाई कर्मी की पुलिस कस्टडी में मौत इन घटनाओं के कारण विपक्ष योगी सरकार को घेरती नज़र आ रही है। इन सब के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने के ऐलान से दूसरे दलों में खलबली मच गई, इसके अलावा 12वीं और स्नातक पास छात्राओं को स्मार्टफोन और स्कूटी सरकार बनने पर देने का वादा प्रियंका ने कर दिया। अभी जिस तरह से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी हर छोटे-बड़े मामले में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है, और लोगो से सीधा संपर्क कर रही है इससे आगमी विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को कितना लाभ होगा यह तो नतीजे बताएँगे, मगर फ़िलहाल प्रियंका गाँधी जरूर चर्चा का विषय बनी हुई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के एलान पर भाजपा के मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कानपूर में एक सभा के दौरान कहा की पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर प्रियंका गाँधी ने बड़ा कुछ देने का वादा किया मगर ये वादे सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक पुरे नहीं कर सके। वहीं भाजपा सरकार अपना हर वादा पूरा कर रही है। देश स्वच्छ हो, लोगों के पास रोजगार हो और लोगों के पास मकान हो, ये सभी वादे भाजपा सरकार पूरा कर रही है।
दलित-यादव वोट बैंक को लेकर लड़ाई
भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव कर दिया है। अब भाजपा दलित बस्तियों में छोटी-छोटी बैठकें करेंगी। यूपी में भाजपा और कांग्रेस में दलित वोट बैंक को लेकर अच्छी-खासी लड़ाई है। अनुमान है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जहां 24 फीसदी दलित वोट मिला था, वहीं कांग्रेस को 18 फीसदी वोट बैंक मिला था। इसके अलावा भाजपा का 'मिशन यादव' भी एक एहम कदम माना जारहा है। चुनाव से ठीक पहले भाजपा इसी मिशन को आगे बढ़ाते हुए अखिलेश के कोर वोट बैंक को अपने पाले में लाने के लिए आज यादव सम्मेलन कर रही है। चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश यादव के मनमुटाव के बीच युवाओं को रिझाने का यह सबसे सही समय है। हाल ही में कानपुर शहर में सपा के सबसे मजबूत किला चौधरी हरमोहन सिंह यादव के गांव मेहरवान सिंह पुरवा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, ख़ास बात यह है कि पहली बार गांव में समाजवादी झंडो के अलावा किसी और पार्टी का झंडा नज़र आया।
उत्तर प्रदेश के 2022 चुनाव को लेकर पार्टियाँ बड़े-बड़े एलान के साथ मेनिफेस्टो तैयार करने लगी हुई है। इस बार महिला ससक्तिकरण, रोजगार के अवसर, राष्ट्रवाद, अपराध मुक्त प्रदेश, और अन्य मुद्दों पर फोकस करते हुए मेनिफेस्टो तैयार करने की कोशिश हैं। इस बार के चुनाव इसलिए भी एहम है क्योंकि पिछले 3 विधानसभा चुनावों में जनता ने तीन अलग-अलग पार्टियों पर अपना भरोसा जताया है।