कांग्रेस पार्टी के नेता और सांसद राहुल गांधी अपने दिए विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों मे बने रहते है हाल ही मे मनुस्मृति पर दिए बयान को लेकर उन्हे हिंदू धर्म से बाहर करने की मांग की गई है.
प्रयागराज महाकुंभ में रविवार को एक धर्म संसद के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता-सांंसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को लेकर एक प्रस्ताव पास हुआ है. राहुल के खिलाफ संतों-महंतों ने निंदा प्रस्ताव पास किया। संतों ने राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बाहर करने की मांग की है।
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महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 12 में स्थित शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा चलाए जा रहे परम धर्मसंसद में राजा सक्षम सिंह योगी ने सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के मनुस्मृति पर दिए गए आपत्तिजनक बयान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखा. शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के आधिकारिक सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, राहुल गांधी एक महीने के अंदर अपना पक्ष, परमधर्मसंसद् के समक्ष रखें. ऐसा न करने पर, उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत यानि की धर्म से होंगे बाहर करने की घोषणा की जाएगी.
क्या है मामला?
लोकसभा संसद में राहुल गांधी के उस बयान पर चर्चा हुई जिसमें कांग्रेस नेता मनुस्मृति को लेकर अपनी बात रख रहे हैं। राहुल गांधी ने हाथरस गैंगरेप की घटना का जिक्र करते हुए दिया था उन्होंने इस घटना को लेकर कहा कि जिसने गैंगरेप किया वो बाहर घूम रहे हैं और लड़की का परिवार अपने घर में बंद है राहुल गांधी ने आगे कहा कि “ये संविधान में कहा लिखा है कि जो बलात्कार करते हैं वो बाहर घूमें और जिसका रेप हुआ वो घर में रहे. राहुल गांधी ने कहा कि ये आपकी किताब मनुस्मृति में लिखा होगा लेकिन संविधान में नहीं लिखा.”