Trending News

नसों तक जाकर जानेगा बीमारी के बारे में- आई आई टी कानपुर ने तैयार किया विशेष रोबोट

[Edited By: Vijay]

Tuesday, 5th October , 2021 02:28 pm

दिल, गुर्दा, फेफड़ा, लिवर समेत शरीर के अन्य हिस्सों में होने वाले रोग का सीधा असर नसों, धमनियों और कोशिकाओं पर पड़ता है। अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), कानपुर के नए प्रयोग से इनसे संबंधित बीमारी का मूल कारण आसानी से पता चल जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि बीमारी का सटीक इलाज किया जा सकेगा। दरअसल, कानपुर आइआइटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के विशेषज्ञ माइक्रो रोबोट पर काम रहे है जो रक्तवाहिकाओं (धमनियों, नसों) तथा कोशिकाओं में जाकर न सिर्फ कारण पता लगाएगा बल्कि रोगग्रस्त अंग तक दवा भी पहुंचाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अधिकांश मरीजों में सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। जहां रोगग्रस्त अंग में स्थिति अधिक नाजुक होगी, वहीं सर्जरी का विकल्प इस्तेमाल किया जाएगा।

जर्मनी के संस्थान के साथ किया जाएगा काम: यह माइक्रो रोबोट अगले साल से विकसित किए जाएंगे और इस प्रोजेक्ट में आइआइटी के विशेषज्ञ जर्मनी के इंस्टीट्यूट फार इंटेलीजेंस सिस्टम के विशेषज्ञों के साथ काम कर सकते है। इसके बनने के बाद पशुओं और मनुष्यों पर परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण के काम में सरकारी और निजी अस्पताल की मदद ली जा सकती है।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से रहेगा लैस: माइक्रो रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग और मैथमेटिकल माडलिंग की तकनीक पर आधारित रहेगा। यह नस, धमनियों और कोशिकाओं के अंदर जाते ही आक्सीजन का स्तर, रक्त की गुणवत्ता, रोग प्रतिरोधक क्षमता, प्रोटीन और अन्य कारकों की जांच करके रिपोर्ट स्वचालित तरीके से कंप्यूटर स्क्रीन पर भेजेगा। यह अपने आप निर्णय ले सकता है। इसे शरीर से आसानी से बाहर निकाला जा सकेगा।

सस्ती तकनीक पर रहेगा फोकस: यह तकनीक आम आदमी की पहुंच में रहे, इस पर विशेष रूप से फोकस किया जाएगा। विज्ञानी इसके लिए अभी से कार्ययोजना बना रहे हैैं कि कैसे इसे बनाने और संचालित करने में कम से कम लागत की दिशा में काम किया जाए।

200 माइक्रान का होगा रोबोट: आइआइटी कानपुर के प्रो. बिशाख भट्टाचार्य ने बताया कि नस की चौड़ाई 300 माइक्रान होती है। इसे यूं समझें कि बाल की मोटाई करीब 100 माइक्रान होती है और नस उससे तीन गुना मोटी होती है। रोबोट 200 माइक्रान तक का होगा। अगले साल से माइक्रो रोबोट तैयार करने की योजना है। इससे इलाज में सहजता रहेगी।

इंजेक्शन के माध्यम से शरीर के भीतर भेजा जाएगा: विशेषज्ञों के मुताबिक रोबोट को नसों के जरिये विशेष प्रकार के इंजेक्शन के द्वारा शरीर के भीतर भेजा जाएगा। इसके लिए अन्य सरल तरीके भी देखे जाएंगे। रोबोट अंगों में कैंसर, संक्रमण या अन्य किसी भी बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण की स्थिति तथा वजह का पता लगाएगा। इसके साथ रोगग्रस्त स्थान पर दवाओं से नियंत्रण आसान बनाएगा। इसमें रोगी को कम दर्द होगा।

Latest News

World News