शिवसेना सांसद संजय राउत ने मुंबई में दावा किया कि पीएम मोदी अपने रिटायरमेंट प्लान पर चर्चा करने के लिए संघ मुख्यालय गए थे। उन्होंने भाजपा की 75 साल की उम्र में रिटायर होने की पॉलिसी का जिक्र किया। पीएम मोदी भी इस साल सितंबर में 75 साल के हो जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आरएसएस (RSS) मुख्यालय जाने के बाद उनके रिटायरमेंट की चर्चा तेज हो गई हो। इस चर्चा की शुरुआत उस वक्त हुई, जब पीएम मोदी कई सालों बाद आरएसएस के कार्यालय पहुंचे. इसके बाद शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने सोमवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिटायर होने वाले हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री की कुर्सी 26 मई, 2014 को संभाली थी।
पीएम मोदी देश के प्रधानमंत्री के तौर पर अपना तीसरा कार्यकाल साल 2029 में पूरा करेंगे. क्या यह उनका आखिरी कार्यकाल होगा? इस सवाल का जवाब तो कोई नहीं जानता, लेकिन आरएसएस सूत्रों का कहना है कि अगर उनका स्वास्थ्य सही रहा तो वह आगे भी राजनीति में नेतृत्व करेंगे। मगर पीएम मोदी के बाद कौन? इसकी भी तलाश जारी है। सेकेंड लाइन रेस में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नामों पर चर्चा होती है।
पीएम बनने के बाद रविवार को पहली बार पीएम मोदी नागपुर स्थिति RSS के मुख्यालय में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे. फडणवीस ने नागपुर में पत्रकारों से कहा, “2029 में भी हम मोदी को फिर से प्रधानमंत्री के रूप में देखेंगे. उनके उत्तराधिकारी की बात करने की कोई जरूरत नहीं है. वे हमारे नेता हैं और आगे भी रहेंगे.” उन्होंने भारतीय संस्कृति का हवाला देते हुए कहा कि जब नेता सक्रिय हो, तब उसके उत्तराधिकार की बात करना ठीक नहीं. फडणवीस ने तंज कसते हुए कहा, “हमारे यहां जब पिता जिंदा हों, तो उत्तराधिकार की बात नहीं करते. यह मुगल संस्कृति है, हमारी नहीं. अभी इसका समय नहीं आया.”
2014 में जब नरेंद्र मोदी पीएम बने तो लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे शीर्ष नेताओं को संसदीय बोर्ड या कैबिनेट में जगह नहीं दी गई. दोनों नेताओं को जगह तो मिली, मगर मार्गदर्शक मंडल में. जोशी तब 80 और आडवाणी 86 साल के थे. जून 2016 में मध्य प्रदेश कैबिनेट विस्तार के दौरान 75 पार बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को मंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा, इसी तरह 80 पार पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को भी कोई ज़िम्मेदारी नहीं दी गई, हिमाचल के दिग्गज नेता शांता कुमार भी इसी तरह किनारे हो गए. अमित शाह ने तब कहा था, “पार्टी में न तो कोई ऐसा नियम है और न ही परंपरा कि 75 साल की आयु पार कर चुके नेताओं को चुनाव लड़ने की अनुमति न दी जाए”.