औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि अब यूपी के बारे में देश-दुनिया के निवेशकों की धारणा बदल गई है। योगी सरकार बनने से पहले यहां कोई उद्यमी नहीं आना चाहता था।बड़ें उद्योगपतियों ने कसम खाई हुई थी यूपी में इन्वेस्ट नही करेंगे पर अब बड़े पैमाने पर निवेशक आ रहे हैं। आज प्रदेश में देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे नेटवर्क है। व्यावसायिक व आवासीय सुविधाओं से लैस औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने की योजना बनाई गई है। इन्वेस्टर्स समिट में हुए एमओयू का 43 प्रतिशत हिस्सा जमीन पर उतर चुका है।
सतीश महाना ने बुधवार को लोकभवन में अपने विभाग की साढ़े चार साल की उपलब्धियों को मीडिया के सामने रखा। उन्होंने कहा कि डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर में निवेशकों को सबसे सस्ती जमीन दे रहे हैं, जबकि विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में रेट से कई गुना ज्यादा कीमत भी मिल रही है। डिफेंस कॉरीडोर में 50 हजार करोड़ रुपये निवेश की संभावना है। इससे 2.5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। कई कंपनियों को जमीनें आवंटित की जा चुकी हैं।
औद्योगिक विकास मंत्री, श्री @Satishmahanaup जी की प्रेसवार्ता...
— Government of UP (@UPGovt) September 29, 2021
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उन्होंने कहा कि यूपी इन्वेस्टर्स समिट में हुए निवेश प्रस्तावों में से 43 प्रतिशत प्रस्ताव क्रियांवयन के विभिन्न चरणों में हैं। 51923 करोड़ रुपये की निवेश वाली 218 परियोजनाओं में वाणिज्यक उत्पादन प्रारंभ हो गया है। 37376 करोड़ रुपये की 130 परियोजनाएं प्रक्रिया में हैं। वहीं, 81334 करोड़ रुपये की निवेश की 449 परियोजनाओं को सरकार ने जरूरी सहायता मुहैया करा दी है।
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि ग्रेटर नोएडा में हीरानंदानी ग्रुप, सिंगापुर की एसटीटी ग्लोबल, व दक्षिण कोरिया की सैमक्वांग इलेक्ट्रॉनिक्स, नोएडा में अडाणी ग्रुप और बाराबंकी में ब्रिटानिया, और आगरा में वॉन वेलेक्स को भूमि आवंटित कर दी गई है। सैमसंग इंडिया ने भारत को विश्व का तीसरा डिस्प्ले यूनिट निर्माता बना दिया है। जोनल विनियमों में संशोधन कर एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने की अनुमति दे दी गई है।
सतीश महाना ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री से लोकार्पण की तिथि मांगी गई है। जिस दिन यह कार्यक्रम मिल जाएगा, इसे जनता के लिए समर्पित कर दिया जाएगा। गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 93 प्रतिशत भूमि ले ली गई है। पहले की सरकार की तरह 30 प्रतिशत भूमि लेकर टेंडर नहीं करते हैं। ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरीडोर का ग्रेटर नोएडा के दादरी में जंक्शन है। इससे प्रदेश को लॉजिस्टिक लाभ प्राप्त होंगे। प्रदेश सरकार ने लॉजिस्टिक क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया है। एकीकृत मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के विकास के लिए प्रयागराज में 1141 एकड़ और आगरा में 1064 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर 30 एकड़ भूमि पर परफ्यूम संग्रहालय के साथ परफ्यूम पार्क विकसित किया जा रहा है। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में 350 एकड़ में मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किया जाएगा। गीडा क्षेत्र में फ्लैटेड फैक्ट्री परिसर का विकास प्रस्तावित है। प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क विकसित कर रहे हैं।
जमीन लेने के पांच साल के अंदर इकाई स्थापित करने की शर्त का पालन
भूखंड आवंटन के पांच साल के अंदर इकाई स्थापित करने की शर्त का कढ़ाई से पालन कराया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा में 17 एकड़ क्षेत्रफल वाले 50 भूखंडों को निरस्त करके पुन: आवंटन के लिए उपलब्ध कराया गया है। सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को मेगा और इससे उच्च श्रेणी के उद्योगों को आवेदन की तिथि से 15 दिनों के अंदर फास्ट ट्रैक मोड में भूमि उपलब्ध कराई जा रही है। यूपीसीडा की कार्य संस्कृति में बड़ा बदलाव लाए हैं। ट्रांसफर की केंद्रीय व्यवस्था शुरू की है।
फिल्म सिटी के आरएफक्यू की दिशा में आगे बढ़े
औद्योगिक विकास मंत्री ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर फिल्म सिटी के लिए आरएफक्यू (रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन) की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इस अवसर पर राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति, आईआईडीसी संजीव मित्तल और अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अरविंद कुमार उपस्थित थे। प्रेस कांफ्रेंस में यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने बताया कि लखनऊ में ब्रह्मोस के लिए 21 हेक्टेयर जमीन दे दी गई है। यहां मिसाइल बनेगी।