Trending News

क्यों उठा ब्रिटेन की संसद में कश्मीर का मुद्दा?

[Edited By: Arshi]

Friday, 24th September , 2021 12:42 pm


भारत ( India) की जन्नत यानि कश्मीर (Kashmir) केवल भारत ही नहीं पूरी दुनिया में ही चर्चा का विषय रहता है, चाहे वो अपनी खूबसूरती के लिए हो या घाटी में हिंसा को लेकर हो. ब्रिटेन (Britain) में सांसदों ने हाउस ऑफ कॉमन्स (House of Commons) में चर्चा के लिए ‘‘कश्मीर में मानवाधिकारों'' पर एक प्रपोजल रखा है. इस प्रस्ताव पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि देश के अभिन्न हिस्से से संबंधित विषय पर किसी भी मंच पर किए गए दावे को पुष्ट तथ्यों के साथ प्रमाणित करना अनिवार्य है. ब्रिटेन में कश्मीर पर ‘ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप' यानि एपीपीजी (APPG) के सांसदों ने यह प्रस्ताव रखा.

विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) में एशिया की मंत्री अमांडा मिलिंग ने चर्चा में द्विपक्षीय मुद्दे के तौर पर कश्मीर पर ब्रिटेन सरकार के रुख में कोई परिवर्तन न आने की बात दोहरायी. मिलिंग ने कहा, ‘‘सरकार कश्मीर में स्थिति को बहुत गंभीरता से लेती है लेकिन भारत और पाकिस्तान को ही कश्मीरी लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए स्थायी राजनीतिक समाधान ढूंढना होगा. ब्रिटेन का जिम्मा इसका कोई समाधान देना या मध्यस्थ के तौर पर काम करने का नहीं है.''


भारत सरकार ने इस चर्चा में भाग ले रहे सांसदों खासतौर से पाकिस्तानी मूल की सांसद नाज शाह द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर निराशा जतायी. आपको बता दें कि लंदन में भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधे जाने की निंदा की और कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया. उन्होंने 2002 गुजरात दंगों पर नाज शाह की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारतीय उच्चायोग इस पर दुख जताता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के निर्वाचित नेता के खिलाफ आरोप लगाने के लिए आज एक साथी लोकतांत्रिक देश की संस्था का दुरुपयोग किया गया. जैसा कि पहले भी कहा गया है तो भारतीय उच्चायोग यह दोहराता है कि भारत के अभिन्न हिस्से से संबंधित विषय पर किसी भी मंच पर कोई भी दावा करते हुए उसे पुष्ट तथ्यों के साथ प्रमाणित करने की आवश्यकता है.''

इस चर्चा में पक्ष और विपक्ष के 20 से अधिक सांसदों ने भाग लिया. लेबर पार्टी के सांसद बैरी गार्डिनर ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवादी शिविरों को पनाह देता है. उन्होंने कहा, ‘‘इतने वर्षों में पाकिस्तान ने तालिबानी नेताओं को पनाह दी तथा उनकी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उन्हें तथा अन्य आतंकवादी संगठनों को अन्य तरीकों से सहयोग दिया.''

भारत सरकार ने इस चर्चा में भाग ले रहे सांसदों खासतौर से पाकिस्तानी मूल की सांसद नाज शाह द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पर निराशा जतायी. लंदन में भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधे जाने की निंदा की और कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया.

Latest News

World News