राजधानी दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री चुनी गईं रेखा गुप्ता ने आज यानि की 20 फरवरी को दोपहर 12:30 बजे रामलीला मैदान में सीएम पद की शपथ ली, मुख्यमंत्री के साथ छह विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली, रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र से आप उम्मीदवार बंदना कुमारी को 29,000 से अधिक मतों से हराकर जीत हासिल की है
बता दें शपथ ग्रहण समारोह में नेताओं के अलावा बॉलीवुड के कुछ लोगों के शामिल हुए, इसके अलावा वहां पर साधु-संतों ने भी शिरकत की…..वहीं कार्यक्रम की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे….एसपीजी, अर्द्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस का बहुस्तरीय घेरा मौजूद रहा….बता दें रेखा गुप्ता ने दिल्ली के 9वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली…..उपराज्यपाल ने रेखा गुप्ता को शपथ दिलाई…. रेखा गुप्ता के बाद नई दिल्ली विधानसभा से प्रवेश वर्मा ने मंत्री पद की शपथ ली
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दिल्ली की जनकपुरी विधानसभा से विधायक आशीष सूद ने मंत्री पद की शपथ ली…..आशीष सूद ने तीसरे नंबर पर शपथ ली…..राजौरी गार्डन विधानसभा से विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंत्री पद की शपथ ली है…..अकाली दल के टिकट पर दो बार विधायक बने…..2021 में अकाली छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे….इसके बाद बवाना से भाजपा विधायक रविंद्र इंद्राज सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली है…..जोकि दिल्ली में भाजपा का बड़ा दलित चेहरा हैं…..करावलनगर से विधायक कपिल मिश्रा ने मंत्री पद की शपथ ली….. कपिल मिश्रा आम आदमी पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे….वहीं विकासपुरी से भाजपा विधायक पंकज सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली…..उपराज्यपाल ने उन्हें भी शपथ दिलाई ….बता दें पंकज राजपूत समाज से बड़ा चेहरा हैं और पार्षद भी रहे हैं…
सवाल ये है कि आखिर रेखा गुप्ता को ही चुना गया दिल्ली का सीएम
रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह महिला नेतृत्व को बढ़ावा दे रही है। दो महिला सांसदों के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री भी महिला ही होंगी। इसके साथ ही यह वैश्य समुदाय को खुश करने की भी कोशिश है।
ये है रेखा गुप्ता को सीएम बनाने के कारण
रेखा के चयन के पीछे उनका विवादों से दूर रहना और संगठन से लेकर नगर निगम तक में अहम जिम्मेदारियां निभाना शामिल है। कई अहम जिम्मेदारियां निभाने के बावजूद उन पर न तो भ्रष्टाचार का कोई आरोप है और न ही वह किसी बयान या अन्य वजह से विवादों में रही हैं। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की मजबूत विचारधारा से जुड़ी रही हैं। एबीवीपी से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाली रेखा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की सचिव और अध्यक्ष रहीं। वह दिल्ली प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा की सचिव, प्रदेश भाजपा की महासचिव और नगर निगम में तीन बार पार्षद रहीं। वह निगम की कई समितियों में भी रह चुकी हैं। इस तरह उनके पास सांगठनिक और प्रशासनिक दोनों तरह का अनुभव है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर शालीमार बाग से चुनाव जीतने वाली रेखा गुप्ता अब दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गई हैं। रेखा गुप्ता एलएलबी पास हैं। दिल्ली में मुख्यमन्त्री पद पर नाम घोषित होने की अटकलों के बीच शुरू से ही रेखा गुप्ता की दावेदारी काफी मजबूत बताई जा रही थी। कौन हैं रेखा गुप्ता और क्या है उनका राजनैतिक जीवन
दिल्ली की नई सीएम रेखा गुप्ता का जन्म जींद जिले के जुलाना उपमंडल के नंदगढ़ गांव में 1974 में हुआ था। जब वे दो साल की थीं, उनके पिता की नौकरी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में बतौर मैनेजर लगी। इसके बाद वे दिल्ली चले गए और 1976 में पूरा परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। रेखा गुप्ता की पूरी पढ़ाई दिल्ली में हुई। इसी दौरान वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी और राजनीति में सक्रिय हुईं। रेखा गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय की सचिव व प्रधान भी रह चुकी हैं। हालांकि, अब उनके परिवार के लोग जुलाना की अनाज मंडी में आढ़त का काम करते हैं। रेखा गुप्ता ने बताया कि वे अब भी समय-समय पर जुलाना आती रहती हैं। कभी कभार गांव में भी गई हैं।
रेखा गुप्ता के गांव जुलाना के ग्रामीणों का कहना है कि जब पूरा परिवार दिल्ली में शिफ्ट हो गया तो रेखा गुप्ता के परिवार के लोगों ने पुस्तैनी घर को गांव के ही लोगों को बेच दिया। पुराने जमाने में यहां हवेली होती थी, लेकिन इसे तोड़कर आधुनिक घर बना दिया गया। रेखा गुप्ता के चाचा और जुलाना में कारोबारी रमेश जिंदल बताते हैं कि रेखा के दादा मनीराम जिंदल गांव में ही रहते थे। उनके तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा राम ऋषि, दूसरे नंबर पर जयभगवान व सबसे छोटा बेटा सुशील है। रेखा गुप्ता जयभगवान की बेटी हैं। रमेश जिंदल के अनुसार, जय भगवान के पिता मनीराम की गांव में दुकान थी। इसके बाद इन्होंने जुलाना में आढ़त की दुकान की और बाद में दिल्ली में बस गए। रेखा गुप्ता के पुस्तैनी मकान को गांव के ही चांदराम ने खरीद लिया और यहां पर नया मकान बना लिया। यह मकान पहले छोटी ईंटों से बनी भव्य हवेली था। अब इनके परिवार के कुछ लोग जुलाना में भी रहते हैं। रेखा गुप्ता ने बताया कि उनके पिता जय भगवान जिंदल 1972 में भारतीय स्टेट बैंक में मैनेजर बने तो उनकी ड्यूटी दिल्ली में आ गई। तभी वे दिल्ली चले गए और 1976 में पूरा परिवार दिल्ली में शिफ्ट हो गया। रेखा गुप्ता ने बताया कि वे भाजपाकी सिपाही हैं। मुख्यमंत्री बनाने का फैसला पार्टी का है। उनका आज भी अपने गांव व क्षेत्र से बहुत लगाव है।
दिल्ली के शालीमार बाग से विधायक चुनी गईं रेखा गुप्ता का राजनीतिक करियर छात्र राजनीति से शुरू होकर भाजपा के राष्ट्रीय महिला मोर्चा तक पहुंचा। एमबीए पास रेखा गुप्ता राजनीति की गहरी समझ रखती हैं। खास बात यह है कि उनके पति का राजनीति से कोई नाता नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेखा गुप्ता कितनी अमीर हैं? उनकी कुल संपत्ति कितनी है? आपको बताते हैं उनकी नेट वर्थ, राजनीतिक सफर और पारिवारिक जीवन से जुड़ी खास बातें। रेखा गुप्ता की कुल संपत्ति है ₹5.31 करोड़ रुपए। इनकी वार्षिक आय 2023-24 में ₹6.92 लाख रही। पति मनीष गुप्ता की आय की बात करें तो उनकी वार्षिक आय 2023-24 में ₹97.33 लाख है।
रेखा गुप्ता के राजनीतिक सफर पर नजर डाली जाए तो 1992 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी ABVP से जुड़ीं। 1995-96 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ यानी DUSU की सचिव बनीं। 1996-97 में DUSU अध्यक्ष बनीं। 2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुनी गईं इसके अलावा 2010 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बनीं। 2022 में दिल्ली नगर निगम यानी MCD के मेयर पद के लिए भाजपा उम्मीदवार बनीं। 2023 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग से विधायक चुनी गईं। दिल्ली भाजपा महासचिव भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा गुप्ता की शादी 28 जून 1998 को व्यवसायी मनीष गुप्ता से हुई थी। उनके दो बच्चे हैं, जिनमें से बेटा निकुंज गुप्ता और बड़ी बेटी हर्षिता गुप्ता व्यवसाय से जुड़े हैं। रेखा गुप्ता ने बीकॉम, एलएलबी दौलत राम कॉलेज दिल्ली से किया। दिल्ली विश्वविद्यालय एमए और एमबीए किया। कुल मिलाकर रेखा गुप्ता पर आरएसएस की मेहरबानी की चर्चाएं खुलकर सामने आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक रेखा गुप्ता के नाम को लेकर आरएसएस की ओर से ही प्रस्ताव दिया गया जिसे बीजेपी आलाकमान ने स्वीकार कर लिया।