Trending News

खिलाफ था पूरा परिवार पर पापा का साथ मिला- यूपी की वन्दना ने ओलंपिक हॉकी में दिखाया जलवा

[Edited By: Vijay]

Saturday, 31st July , 2021 04:59 pm

इंडियन हॉकी में हैट्रिक लगाने वाली पहली महिला है वन्दना, ओलंपिक में 37 साल बाद किसी भारतीय ने किये तीन गोल……खेल सफर की शुरूआत उत्तर प्रदेश के मेरठ से करने वाली भारतीय हॉकी टीम की फार्वड खिलाड़ी वंदना कटारिया ने बताया था कि वे कभी भी हॉकी नहीं खेल पातीं अगर पिता ने उनका साथ नहीं दिया होता। उन्‍होंने कहा था कि एक समय ऐसा था जब परिवार में उनके पिता को छोड़कर कोई नहीं चाहता था कि वंदना हॉकी खिलाड़ी बनें। उन्‍होंने बताया था कि लखनऊ स्‍पोर्ट्स हॉस्‍टल में उनके पिता ने मां से छिपाकर दाखिला कराया था और कहा था कि वे केवल खेल पर ही फोकस करें।

जर्मनी में 2013 के दौरान जूनियर विश्‍व कप मुकाबला खेला जा रहा था। इस दौरान भारतीय महिला टीम ने शानदार प्रदर्शन किया था। उस टीम में वंदना कटारिया भी शामिल थी। जूनियर हॉकी टीम में वंदना का चयन लखनऊ स्‍पोर्ट्स हॉस्‍टल में दाखिले के बाद हुआ था। इससे पहले वंदना कटारिया ने मेरठ से अपने खेल सफर की शुरूआत की थी। मेरठ में शानदार प्रदर्शन के बाद वे लखनऊ गई थीं। जूनियर विश्‍व कप मुकाबले में भारतीय टीम ने कास्‍यं पदक अपने नाम किया था। इस दौरान वंदना ने पांच मैचों में चार गोल दागे थे।

पिता के आंखों में थे आंसू

वंदना के पिता नाहर सिंह के आंखों में उस वक्‍त आंसू आ गए जब वंदना के जूनियर हॉकी टीम में शानदार प्रदर्शन के बाद मीडिया उनके घर पहुंची थी। पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया था। वंदना बताती हैं कि वे उस पल को कभी भी भूल नहीं पाएंगी। वंदना के पिता का निधन 30 मई को हृदय गति रुकने से हुआ था। उस दौरान वंदना बंगलुरु में ओलिंपिक की तैयारी कर रहीं थीं।

मेरठ में तीन साल तक लिया था प्रशिक्षण

मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली वंदना कटारिया पुत्री नाहर सिंह ने हॉकी की शुरुआती प्रशिक्षण मेरठ के एनएएस कॉलेज स्थित हॉकी मैदान पर कोच प्रदीप चिन्योटी के मार्गदर्शन में लिया। प्रदीप ने वंदना को उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित रोशनाबाद में खेलते देखा था। वहां के हाकी कोच केके ने वंदना और उनकी बहन को मेरठ में प्रशिक्षण के लिए भेजा। वंदना ने मेरठ में साल 2004 से 2006 तक प्रशिक्षण लिया और जिले से लेकर प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। साल 2007 की शुरुआत में वंदना का चयन लखनऊ स्थित हॉकी हास्टल में हो गया था।    

वंदना के नाम इतिहास

वंदना ने वर्ष 2013 में जापान में हुई तीसरी एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। वर्ष 2014 में कोरिया में हुए 17वें एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता था। साल 2016 में सिंगापुर में हुई चौथी एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। 2018 में जकार्ता में हुए एशियाई खेल में रजत पदक जीता। 2018 में गोल्ड कोस्ट में हुए 11वें राष्ट्रमंडल खेल में चौथे स्थान पर रहीं। इसके अलावा वंदना साल 2016 में रियो ओलंपिक, चीन में हुई दूसरी एशियन चैंपियनशिप में भारतीय टीम का हिस्सा रहीं और कई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया है। अब इन्‍होंने ओलिंपिक में हैट ट्रिक गोल जड़कर इतिहास बना डाला है।   

टोक्यो ओलिंपिक गेम्स में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन गोल की हैट्रिक मारने के बाद मेरठ सहित देश की महिला खिलाडिय़ों में खासा उत्साह है। खिलाडिय़ों का मानना है कि वंदना की ही हैट्रिक देश में महिला हॉकी लीग के लिए प्राण वायु का काम करेगी। हाकी इंडिया ने अंडर-21 खेलो इंडिया महिला हॉकी लीग के आयोजन की घोषणा भी की है। वंदना शुरू से ही इस बात की पैरवी करती रही हैं महिला हॉकी लीग के आयोजन से देश में महिला हॉकी के नए युग की शुरुआत होगी और देश के कोने-कोने से खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए निकलेंगे।

Latest News

World News