कोरोना वायरस के इलाज के लिए कुछ दवाएं बिल्कुल कॉमन हैं जो डॉक्टरों द्वारा हर मरीज को दिया जा रहा है। इसमें आइवरमेक्टिन भी शामिल है। लेकिन अब आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है। डब्लूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथ ने एक ट्वीट में कहा है कि किसी भी नई बीमारी के लिए इस्तेमाल हो रही दवाइयों की सुरक्षा और प्रभावकारिता जरूरी होती है। उन्होंने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के बिना कोरोना के इलाज में आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल पर डब्लूएचओ खिलाफ है। सिर्फ डब्लूएचओ ही नहीं, जर्मन हेल्थकेयर एंड लाइफ साइंसेज Merck की ओर से भी इसे लेकर चेतावनी जारी की गई है। डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने अपने ट्वीट में इसे भी शेयर किया है। मर्क ने कहा है कि उनके वैज्ञानिक लगातार आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल से आ रही स्टडीज का अध्यन कर रहे हैं। मर्क का कहना है कि अध्यन में यह पता चला है कि प्री-क्लिनिकल स्टडीज़ में कोविड के इलाज में इसकी प्रभाविता को लेकर वैज्ञानिक आधार, कोई क्लीनिकल सुरक्षा या प्रभावकारिता नहीं है। इतना ही नहीं स्टडी में इसके इस्तेमाल में सुरक्षा को लेकर भी उम्मीद के मुताबिक डेटा नहीं है। आपको बता दें कि यह दूसरी बार है जब आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल को लेकर डब्लूएचओ ने चेतावनी जारी की है। इससे पहले भी मार्च के महीने में डब्लूएचओ की तरफ से कहा गया था कि इस बात की पुष्टि बहुत कम है कि इस दवा से बीमारी से मौत या फिर अस्पतालों में भर्ती होने की दर में कमी आई हो। कोरोना के इलाज में इस दवा के इस्तेमाल से सुधार के बहुत भरोसेमंद सबूत नहीं मिले हैं। गौर करने वाली बात ये है कि डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथ का ट्वीट ऐसे समय पर आया है जब एक दिन पहले ही गोवा सरकार ने आइवरमेक्टिन को कोविड के इलाज में सभी वयस्कों को दी जाने वाली दवा के रूप में मंजूरी दी है।
Safety and efficacy are important when using any drug for a new indication. @WHO recommends against the use of ivermectin for #COVID19 except within clinical trials https://t.co/dSbDiW5tCW
— Soumya Swaminathan (@doctorsoumya) May 10, 2021
आपको बता दे कि आइवरमेक्टिन एक एंटी पैरासिटिक ड्रग है। इस ड्रग का इस्तेमाल पेट के इंफेक्शन के इलाज के लिए किया जाता है। आप अगर सीधे शब्दों में समझे तो आइवरमेक्टिन एक तरह से पेट के कीड़े को मारने वाली दवा है।