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किसने योगी आदित्यनाथ को दिया राजनीति के प्रभु राम का करार?

[Edited By: Arshi]

Thursday, 19th August , 2021 01:39 pm

 

यूपी में विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है जहाँ दूसरे दिन वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अनुपूरक बजट पेश किया. इस दौरान सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राजनीति का राम बताया. सुरेश खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजनीति के राम हैं. वो यहां आसुरी शक्तियों को पराजित करने के लिए बैठे हैं.

सुरेश खन्ना से उनके इस बयान को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भगवान राम का जन्म ही आसुरी शक्तियों के विनाश के लिए हुआ. सीएम योगी ने अच्छा प्रस्ताव दिया, अच्छी सरकार चलाई. सुरेश खन्ना ने कहा कि जो विरोध में वो सब असुरी शक्तियां हैं. सुरेश खन्ना के इस बयान पर विपक्षी दलों ने जमकर निशाना साधा.

यूपी के वित्त और संसदीय मामलों के मंत्री सुरेश खन्ना ने यह टिप्पणी तब की जब विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने अनुपूरक बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री के भाषण पर आपत्ति जताई और इसे नियम और परंपरा के खिलाफ करार दिया. खन्ना की टिप्पणी ने चौधरी को आश्चर्यचकित कर दिया, वो जोर से जयकारा और प्रशंसा में मेजें थपथपाने लगा और मुख्यमंत्री, जो खन्ना के बगल में बैठे थे, मुस्कुराए.

इससे पहले, जब चौधरी ने खन्ना के इस दावे का विरोध किया कि उनकी सरकार ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं, तो उन्हें ट्रेजरी बेंच के सदस्यों द्वारा बाधित किया गया. सुरेश खन्ना के बयान को लेकर विरोधी दल के नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री को राजनीति की कुछ भी जानकारी नहीं है. वो सिर्फ एक शक्तिपीठ के पीठाधीश्वर हैं. भगवान राम की तुलना करना बुद्धिहीनता है. राम अतुलनीय है, उनकी किसी से तुलना नहीं हो सकती. भगवान राम सबके हैं जबकि मुख्यमंत्री सिर्फ कुछ लोगो के मुख्यमंत्री है.

वहीं, कांग्रेस की विधानमंडल नेता आराधना मिश्रा ने सीएम योगी को राजनीति का राम बताने पर सवाल खड़े किए. उन्होंने सवाल किया कि आसुरी शक्तियों का कहां नाश हुआ है? रोजगार नौजवानों को नहीं मिल पा रहा है, महंगाई लगातार बढ़ रही है, आम जनता परेशान है. ऐसी कल्पना राज राम राज्य में कहां की जा सकती है.

आपको बता दें कि मानसून सत्र के दौरान खन्ना खड़े हो गए और सीएम योगी की ओर इशारा करते हुए कहा, "मान्यवर ये तो राजनीति के राम हैं, ये आसुरी शक्तियों को परजीत करने के लिए यहां बैठे हैं. चौधरी कुछ सेकंड के लिए मौन में खड़े रहे और कहा, "वह राजनीतिक मानकों से ऋषि नहीं बल्कि आचार्य पीठ के प्रमुख हैं."

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