मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। भीड़ इतनी ज्यादा की लोगो मे हड़कंप मच गया। रिपोर्ट के मुताबिक हादसे में अब तक कई लोगों की मौत होने की खबर है। 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हैं। घायलों को अस्पताल ले जाया गया है। कुंभ मे भगदड़ को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे है कि क्योकि पहले से ही 29 जनवरी मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में 9 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान लगाया गया था। ऐसे मे शासन प्रसाशन की कड़ी व्यवस्था के बाद भी हादसा हुआ आखिर कैसे।
क्या था भगदड़ का असली कारण?
मले में मंगलवार की देर रात हुई भगदड़ की वजह साफ है, क्योकि 12 साल मे 1 बार महाकुंभ का भव्य मेला लगता है। महाकुंभ मे 29 जनवरी यानि की आज मौनी अमावस्या दूसरा अमृत स्नान है इस खास मौके पर देशभर के कोने-कोने से लोग स्नान करने के लिए 1 दिन पहले से ही प्रयागराज पहुंच चुके थे। माना जा रहा है कि श्रद्धालुओं को मौनी अमावस्या के शुभ मुहूर्त का इंतजार था इसलिख वे सभी ठहरकर लेटे बैठे और आराम कर रहे है तभी दूसरी ओर लोगों की भीड़ अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए बने बैरियरों को तोड़ते हुए घाट की तरफ बढ़ी और घाट पर लेटे हुए लोग इस भीड़ की चपेट में आ गए। भारी भीड़ ने उन्हे कुचल दिया।
आपको बता दें हाादसे से पहले प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत छोटे लाउडस्पीकर से जोर-जोर चिल्ला कर कह रहे थे कि ‘सभी श्रद्धालु सुन लें..यहां (संगम तट) लेटे रहने से कोई फायदा नहीं होगा. जो सोवत है, वो खोवत है. उठिए और स्नान करिए।
भगदड़ होने से पहले ही विजय विश्वास पंत बोला की- आपके सुरक्षित रहने के लिए यह बहुत जरूरी है. बहुत लोग काफी संख्या मे आएंगे और भगदड़ मचने की आशंका है. अगर आप यहां पहले आ गए हैं तो आपको सबसे पहले अमृत स्नान कर लेना चाहिए. सभी श्रद्धालुओं से करबद्ध निवेदन है कि उठें.. उठें.. उठें और स्नान करके वापस जाएं.’ लेकिन श्रद्धालू शुभ संयोग का इंतजार करते रहे और डटे रहे और फिर हालात बिगड़ते गए जिससे ये हादसा हो गया.