कानपुर में आर्य नगर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर कुछ अफसरों के बंगलों पर हुए सौंदर्यीकरण काम में सरकारी धन की लूट का आरोप लगाया है। उन्होंने जांच की मांग की है। इसके बाद से सरकारी अफसरों में खलबली मची हुई है।
ऐसे में कानपुर नगर में वरिष्ठ अधिकारियों के बंगलों की सजावट में लाखों रुपए खर्च करना कतई उचित नहीं है। कमिश्नर कानपुर के आवास पर कमरे तोड़ कर निर्माण, पुराने लाइटों की जगह नयी महंगी इम्पोर्टेड लाइटें, मेरठ के हार्टिकल्चर स्पेशलिस्ट से गार्डन डेवलपमेंट का कार्य हो रहा है। KDA (कानपुर विकास प्राधिकरण) उपाध्यक्ष के बंगले में भी महंगे पर्दे सहित लाखों का डेकोरेशन कार्य हो रहा है। KDA के अपर सचिव सहित अन्य अधिकारियों के बंगले में भी अतिरिक्त धन खर्च किया जा रहा है। एक वर्ष पूर्व भी KDA के VC बंगले में 52 लाख के कार्य कराए गए थे। अब तक अनुमान के मुताबिक 40 लाख रुपए की फाइलें पास हो चुकी है एवं अन्य फाइलें प्रक्रिया में हैं।
विधायक की ओर से पत्र जारी होने के बाद शहर के आला अफसरों के दफ्तरों तक खबर पहुंचते ही खलबली मच गई है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यह प्रकरण सचिवालय तक चर्चा में आ गया है। जांच के आदेश जारी होने का इंतजार है। सूत्र बताते हैं कि अगर विधायक के पत्र पर सही जांच हो गई तो जो सच सामने आएगा, वह बेहद चौंकाने वाला होगा और ऐसे में कई कर्मचारियों के साथ-साथ अधिकारियों पर गाज गिरना तय है।
विधायक अमिताभ बाजपेई ने यह पत्र 18 नवंबर को भेजा है। पत्र में विधायक ने कहा कि, कोरोना की आपदा के चलते देश व प्रदेश आर्थिक तंगी के हालातों से जूझ रहा है। व्यापार में भी कमी आई है। जिससे राजस्व कम एकत्र हुआ है। आर्थिक तंगी के चलते कई विकास की परियोजनाएं एवं जनहित कारी कार्य भी अटके हुए हैं। यहां तक कि इस वित्तीय वर्ष में विधायकों को मिलने वाली क्षेत्र विकास निधि (विधायक निधि) भी नहीं मिली है।