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पूर्वोत्तर रेलवे के विकास को रफ्तार देने वाले विनय कुमार त्रिपाठी बने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन

[Edited By: Vijay]

Saturday, 1st January , 2022 12:49 pm

पूर्वोत्‍तर रेलवे के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी के रेलवे बोर्ड का चेयरमैन बना दिया गया है। इसकी सूचना मिलते ही पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्वांचल के नए साल का जश्न दो गुना हो गया। रेलवे स्टेशनों, विभागीय कार्यालयों, कालोनियों, कर्मचारी संगठनों के दफ्तरों व रेलकर्मियों के घरों में रात 12 बजे से पहले ही पटाखे फूटने लगे। सिर्फ 14 माह और चार दिन के कार्यकाल में ट्रैक के साथ पूर्वोत्तर रेलवे के विकास को रफ्तार देने वाले विनय कुमार त्रिपाठी को रेल मंत्रालय ने न सिर्फ बोर्ड का चेयरमैन बनाया है, बल्कि दिसंबर 2022 तक के लिए सीईओ भी नामित करते हुए छह माह का सेवा विस्तार भी दिया है। विनय कुमार त्रिपाठी पूर्वोत्तर रेलवे के पहले महाप्रबंधक हैं, जो रेलवे बोर्ड के चेयरमैन बने हैं।

कर्मचारी कल्‍याण व लंबित निर्माण का समय से किया पूरा

28 अक्टूबर 2020 को पूर्वोत्तर रेलवे का महाप्रबंधक संभालने के बाद विनय कुमार त्रिपाठी ने यात्री सुविधाओं, कर्मचारी कल्याण और लंबित पड़े निर्माण कार्यों को गुणवत्ता के साथ समय से पूरा करने पर जोर दिया। 29 फरवरी 2020 को राजीव अग्रवाल के महाप्रबंधक पद से सेवानिवृत्त होने के बाद धीमी पड़ गई पूर्वोत्तर रेलवे के विकास की गति को विनय कुमार त्रिपाठी का साथ मिला। कोविड काल की कठिन परिस्थितियों के बाद भी परिणाम सामने है।

लखनऊ-गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग को बनाया 130 किमी रफ्तार के लायक

पूर्वोत्तर रेलवे का लखनऊ-गोरखपुर-छपरा (425 किमी) मुख्य रेलमार्ग 110 से 130 किमी प्रति घंटे रफ्तार के लायक तैयार हो गया। अब इस ट्रैक पर राजधानी, वंदे भारत और दूरंतो जैसी देश की प्रमुख ट्रेनें भी चल सकती हैं। उन्होंने यात्री सुविधाओं के साथ कर्मचारी कल्याण पर भी बल दिया। रेल मदद एप उनकी महत्वाकांक्षी योजना रही है। उन्होंने एप को गंभीरता से लिया और आज पूर्वोत्तर रेलवे में महज नौ से दस मिनट में यात्रियों की शिकायतों का निपटारा हो जा रहा है।

शिकायतों के निस्‍तारण में पूर्वोत्‍तर रेलवे को बनाया अव्‍वल

शिकायतों की समस्याओं के समाधान मामले में पूर्वोत्तर रेलवे देशभर में अव्वल बना हुआ है। उनके मार्ग दर्शन में एक वर्ष में गोरखपुर और इज्जतनगर स्थित यांत्रिक कारखाने में पुराने कोचों से लगभग ढाई सौ न्यू माडिफाइड गुड्स (एनएमजी) वैगन तैयार हुए, जो भारतीय रेलवे स्तर पर आटोमोबाइल्स की ढुलाई कर रेलवे के राजस्व को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे स्क्रैप निस्तारण में भी पहले स्थान पर रहा है। ऊर्जा संरक्षण हो जल संरक्षण। लिंक हाफमैन बुश कोच की उपयोगिता हो या विद्युतीकरण। पूर्वोत्तर रेलवे ने हर क्षेत्र में भारतीय रेलवे स्तर पर अपनी उपयोगिता साबित की है। 75 फीसद रेलमार्गों का विद्युतीकरण कर पूर्वोत्तर रेलवे ने नया रिकार्ड बनाया है।

आनलाइन स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करने वाला पहला जोन बना एनईआर

 

महाप्रबंधक का पद संभालने के बाद विनय कुमार त्रिपाठी ने रेलवे की व्यवस्था को आनलाइन सिस्टम के माध्यम से प्रत्येक यात्री व कर्मचारी तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया। यात्री सुविधाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर 139 के अलावा रेल मदद को जन-जन तक पहुंचान के बाद उन्होंने ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम एचआरएमएस को अनिवार्य कराया। आज (एचआरएमएस) पर रेलकर्मियों के सुविधा पास सहित सेवा से संबंधित सभी कार्य होने लगे हैं। दफ्तरों के टेबल से फाइलें गायब हो गई हैं। ई आफिस पर कार्य होने लगे हैं। उनकी देखरेख में पूर्वोत्तर रेलवे अपने अस्पतालों में हास्पिटल मैनेजमेंट इफार्मेशन सिस्टम (एचएमआइएस) लागू करने वाला पहला जोन बन गया। अब तो गोरखपुर सहित पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख स्टेशनों की निगरानी भी आनलाइन शुरू हो गई है।

उत्कृष्ट बना बनारस, देखने पहुंचे प्रधानमंत्री व रेलमंत्री

महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी ने मुख्यालय गोरखपुर ही नहीं बनारस (मंडुआडीह का नया नाम) रेलवे स्टेशन को भी अपनी देखरेख में उच्चस्तरीय बनाया है। वाराणसी दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अपने आप को रोक नहीं पाए और बनारस स्टेशन पहुंचकर यात्रियों से संवाद स्थापित किया। प्रधानमंत्री के बाद रेलमंत्री भी बनारस पहुंच गए और महाप्रबंधक के उपलब्धियों पर गर्व महसूस किया।

कर्मचारी संगठनों व अफसरों ने दी बधाई

रेलवे कर्मचारी संगठनों और अफसरों ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन बनने पर विनय कुमार त्रिपाठी को बधाई दी। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के महामंत्री केएल गुप्ता ने उनके चेंबर में पहुंचकर अपनी शुभकामनाएं दीं। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) ने महामंत्री विनोद कुमार राय और संयुक्त महामंत्री एके सिंह के नेतृत्व में स्वागत करते हुए बधाई दी।

ऐसे पूरा किया सफर

उत्तर रेलवे में हुई थी पहली तैनाती, 1983 के हैं आइआरएसईई के अधिकारी

विनय कुमार त्रिपाठी 1983 बैच के भारतीय रेल विद्युत

इंजीनियरिंग सेवा (आइआरएसईई) के अधिकारी हैं। उन्होंने रूड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की उपाधि हासिल की है। पहली नियुक्ति उत्तर रेलवे में सहायक विद्युत

इंजीनियर के पद पर हुई। उत्तर रेलवे, मध्य रेलवे एवं पश्चिम रेलवे में विद्युत इंजीनियरिंग विभाग के अनेक महत्वपूर्ण पदों के उत्तरदायित्व का निर्वहन किया। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार मंडल रेल प्रबन्धक, उत्तर मध्य रेलवे इलाहाबाद, मुख्य विद्युत लोकोमोटिव इंजीनियर एवं अपर महाप्रबंधक पश्चिम रेलवे तथा अपर सदस्य (संकर्षण) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कुशलता पूर्वक कार्य किया है। उन्होंने स्विटरलैंड एवं अमेरिका में उच्च प्रबंधन में प्रशिक्षण लिया है। प्राप्त किया है। तकनीक के थ्री फेज वाले

 

विद्युत लोकोमोटिव के विकास एवं इसके स्वदेसीकरण में सराहनीय योगदान दिया है। यह इंजन आज भारतीय रेल के अग्रवाहक हैं।

 

अन्य उपलब्धियां

- वर्ष 2020-21 में पूर्वोत्तर रेलवे में नहीं हुई एक भी परिणामी दुर्घटनाएं।

- 24 घंटे के लिए क्रीयाशील हुए पूर्वोत्तर रेलवे के 26 प्रमुख माल गोदाम।

- 28 से बढ़कर 50 किमी प्रति घंटा हो गई मालगाड़ियों की रफ्तार।

- पूर्वोत्तर रेलवे के 75 फीसद रेलमार्गों का पूरा हुआ विद्युतीकरण।

- नेपाल के पास तक इलेक्ट्रिक इंजन से चलने लगीं गाड़ियां।

- स्किल इंडिशन मिशन के तहत दर्जनों युवाओं को किया गया प्रशिक्षित।

- तेजी से पूरा किया गया दोहरीकरण और आमान परिवर्तन का कार्य।

- खेल गतिविधियों को भी किया प्रोत्साहन, बालियान ने जीता जूनियन वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य।

- सहायक क्रीड़ा अधिकारी चंद्र विजय सिंह बने भारतीय कुश्ती टीम के कोच।

 

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