लखनऊ-यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ हालात बेकाबू होने लगे हैं। संक्रमित मरीजों की संख्या के साथ ही कोविड-19 की बीमारी से मरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। स्थिति ये है कि ज्यादातर श्मशान घाटों में शवों को जलाने के लिए जगह भी कम पड़ रही है। वहीं लखनऊ के भैंसाकुंड श्मशान घाट में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। बताया जा रहा है कि यहां जब एक परिवार को अपने रिश्तेदार के शव का अंतिम संस्कार करने की जगह नहीं मिली, तो उन्होंने प्लास्टिक शेड के नीचे ही चिता में मुखाग्नि दे दी।
चिता जलाने के बाद आग की लपटों से शेड पूरी तरह जलकर खाक हो गया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि आग नहीं फैली और खुद ही बुझ गई। खबर के मुताबित गुरुवार को भैंसाकुंड घाट पर अंतिम संस्कार के लिए जगह ही नहीं थी। इसके बाद परिवार वालों ने अपने रिश्तेदार के शव का अंतिम संस्कार चबूतरे पर ही कर दिया। ये चबूतरा लोगों के बैठने के लिए बनाया गया था और छांव के लिए इसे प्लास्टिक शेड से ढंका गया था। अंतिम संस्कार के दौरान आग की लपटें तेज हो गईं, तो चिता की आग ने प्लास्टिक शेड को जलाकर खाक कर दिया।
बता दें लखनऊ के इसी भैसाकुंड श्मशान घाट का एक और वीडियो वायरल हुआ था। उसमें रात के वक्त एक साथ दर्जनों चिताएं जलती दिखाई दे रही थीं। इसके बाद गुरुवार को नगर निगम ने श्मशान घाट के बाहर खुली बाउंड्री को नीले टीन की चादर से ढक दिया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि वहां से गुजरने वाले लोग श्मशान के भीतर की रिकॉर्डिंग या तस्वीरें आदि न ले सकें। लेकिन इसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी बवाल कटा। लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने कोरोना से मौतों को छिपाने के लिए ऐसा किया है।