श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बाद ब्रज में राधाष्टमी की धूम होगी। बरसाना में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ेगा। प्रशासन के साथ उप्र. राज्य परिवहन निगम ने भी राधाष्टमी की तैयारियां शुरू कर दी हैं। राधाष्टमी पर बरसाना के लिए 100 बस संचालित की जाएंगी, ताकि श्रद्धालुओं को बरसाना पहुंचने में दिक्कत न हो।
राधाजी की कृपा पाने को देश भर से श्रद्धालु आते हैं। बरसाना में श्रद्धा की अविरल धारा बहती है। इस आयोजन के लिए प्रशासन के साथ परिवहन निगम ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। श्रद्धालुओं के आवागमन की जिम्मेदारी परिवहन निगम की होती है। परिवहन निगम ने राधाष्टमी पर बरसाना के लिए बस संचालन की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बरसाना के लिए 13 व 14 सितंबर को बस चलाई जाएंगी। 60 बस जेनर्म की और 40 बस निगम की होंगी
80 बस गोवर्धन होकर और 20 बस कोसीकलां होकर जाएंगी। बस संचालन के लिए टीआइ तैनात किए जाएंगे। चालक-परिचालकों को ड्यूटी पर रहने के निर्देश दे दिए गए हैं। व्यवस्थाओं पर अधिकारी भी नजर रखेंगे ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। आवश्यकता पड़ने पर बसों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। स्टेशन अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि बरसाना के लिए 100 बस का संचालन किया जाएगा। 60 बस जेनर्म की और 40 बस निगम की संचालित की जाएंगी।
वैसे तो पूरा ब्रज राधारानी की लीलाओं को संजोए है, लेकिन बरसाना में उनकी तमाम बाल लीलाओं के निशान आज भी मौजूद हैं। ब्रह्मांचल पर्वत के मध्य स्थित गहवरवन जो लताओं व पताओं से घिरा है। जिसे राधारानी ने स्वयं अपने हाथों से लगाया था। इसी वन में राधारानी अपनी सहचरियों के साथ नित्य विहार करती थीं। यहां तक कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी कई बार गहवरवन की लताओं-पताओं के बीच राधारानी व उनकी सखियों के साथ रास रचाया था। गहवरवन के आसपास तमाम लीलास्थल है। दानगढ़, मोरकुटी, मानगढ़ में भगवान श्रीकृष्ण व राधारानी ने तमाम बाल लीलाएं की थीं। आज भी यह बाल लीलाएं बूढ़ी लीला महोत्सव के दौरान जीवंत हो उठती है। यहां पर राधाष्टमी को भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है ..
13 व 14 सितंबर को बरसाना में राधाष्टमी महोत्सव का आयोजन होगा। राधा जन्मोत्सव में भाग लेने के लिए देश -विदेश से लाखों श्रद्धालु बरसाना आते है। शनिवार को कस्बे के नगर पंचायत सभागार कक्ष में एसडीएम गोवर्धन राहुल यादव व सीओ गोवर्धन धर्मेंद्र चौहान ने राधाष्टमी महोत्सव को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान सफाई व्यवस्था व पार्किंग स्थलों पर चर्चा हुई। प्रियाकुंड, गहवरवन कुंड, बृषभानु कुंड की बैरिकेड्स, परिक्रमा मार्ग में सफाई व प्रकाश की व्यवस्था पर जोर दिया। बिना अनुमति के मेला क्षेत्र में कोई भंडारा नहीं लगेगा। कोविड-19 के गाइड लाइन का पालन कराते हुए बिना मास्क के किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। वहीं टुकड़ियों में श्रद्धालुओं का प्रवेश मंदिर में होगा। मंदिर में भीड़ का दबाव न बने इसके लिए सूचना विभाग द्वारा राधा जन्म के लाइव दर्शन श्रद्धालुओं को कराए जाएंगे।
गहवरवन की परिक्रमा लगाकर धन्य होते है श्रद्धालु
गोवर्धन पर्वत की तरह बरसाना के गहवरवन की भी परिक्रमा लगाई जाती है। यह परिक्रमा चार किलोमीटर की है। परिक्रमा में ब्रह्मांचल पर्वत के चारों शिखरों दानगढ़, मानगढ़, भानगढ़, विलासगढ़ के दर्शन होते हैं। कहा जाता है कि गोवर्धन की सात परिक्रमा व गहवरवन की एक परिक्रमा का बराबर महत्व है। मान्यता है कि ब्रह्मांचल पर्वत ब्रह्मा जी का ही स्वरूप है। पर्वत के चारों गढ़ ब्रह्माजी के मुख व गहवरवन वक्ष स्थल है। यहां पर भी भक्तों की अपार भीड़ परिक्रमा के लिये पूरे देश से आती है ..