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गुजरात कांग्रेस को दो बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया

[Edited By: Rajendra]

Thursday, 4th August , 2022 05:10 pm

गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के दो बड़े नेता पूर्व गृहमंत्री नरेश रावल व पूर्व सांसद राजूभाई परमार ने भी कांग्रेस को अलविदा कर दिया है। दोनों नेता 15 अगस्त के बाद भाजपा में शामिल हो सकते हैं। गांधी परिवार के करीबी रहे रावल व राजू परमार लंबे समय से पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रहे थे। पार्टी छोड़ने वाले अन्य नेताओं की तरह इन्होंने भी प्रदेश आलाकमान पर उपेक्षा बरतने का आरोप लगाया है।

गुजरात कांग्रेस को दो बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ने का ऐलान किया है। खबर है कि दोनों नेता जल्द भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। वरिष्ठ नेताओं के पार्टी छोड़ने के पीछे एससी नेता जिग्नेश मेवाणी का बढ़ता कद भी बड़ा कारण माना जा रहा है। हाल ही में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भी कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। परमार ने दावा किया है कि मेवाणी ने अब तक पार्टी के लिए कुछ नहीं किया है और इसके बावजूद उन्हें तरक्की मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान और खासतौर से राहुल गांधी की तरफ से मेवाणी के तरजीह दिए जाने से गुजरात कांग्रेस के नए नेता असंतुष्ट हो गए हैं।

गुजरात कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रबोध रावल के बेटे व पूर्व गृहमंत्री नरेश रावल ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के साथ पायलट का प्रशिक्षण लिया था। गांधी परिवार के करीबी रहे नरेश की कभी गुजरात कांग्रेस में तूती बोलती थी, उनके पिता प्रदेश के तगड़े ब्राह्मण नेता रहे हैं। गुजरात के ही अन्य नेता अहमद पटेल के दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विश्वस्त बनने के साथ ही रावल पार्टी में हाशिए पर चले गए। उधर, गुजरात का ब्राह्मण मतदाता भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा के पक्ष में खड़े हो गया है। कांग्रेस में दलित, ओबीसी, आदिवासी व अल्पसंख्यक नेताओं का वर्चस्व बढ़ता गया और ब्राह्णण, पाटीदार, वैश्य नेता एक ओर धकेल दिए गए।

एक अन्य कांग्रेस नेता ने बताया कि मेवाणी को राष्ट्रीय स्तर पर दलित चेहरे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी के साथ मेवाणी के जुड़ाव के अब तक कोई अच्छे नतीजे नहीं निकले हैं, फिर भी उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। रावल ने राजधानी गांधीनगर में पत्रकारों से बातचीत में कहा, मैंने और राजू परमार ने कांग्रेस से इस्तीफा देने का फैसला किया है। हम 17 अगस्त को एक कार्यक्रम में भाजपा में शामिल होंगे। हमारे कई समर्थक भी उस दिन भाजपा में शामिल होंगे। परमार ने भी पुष्टि की है कि वह अगले दो दिनों में पार्टी छोड़ रहे हैं।

रावल ने कहा कि वह पार्टी में साथियों के धोखे समेत कई कारणों के चलते कांग्रेस छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, बीते 10 सालों में पार्टी में मेरे कई बुरे अनुभव रहे हैं। पार्टी में अब टीमवर्क की कमी है। नेता बगैर किसी आंतरिक चर्चा के फैसले लेते हैं और अन्य लोगों को छोटा महसूस कराते हैं। मैंने भी धोखे का अनुभव किया है। रावल ने यह भी बताया कि उन्होंने भाजपा से टिकट की मांग नहीं की है।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष व राज्यसभा के पूर्व सदस्य राजू परमार का आरोप है कि कांग्रेस नेतृत्व के पास अपने नेताओं के लिए ही वक्त नहीं है। नए नेताओं पर उनको अधिक विश्वास है, लेकिन 30-35 साल से जो नेता पार्टी के साथ खड़ा है, उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। उनका इशारा प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व विधायक जिग्नेश मेवाणी की ओर है। दलित नेता के रूप में प्रदेश कांग्रेस आजकल मेवाणी पर अधिक भरोसा कर रहा है। उत्तर गुजरात में मेवाणी दलित व मुस्लिम मतदाताओं को साध रहे हैं, जिससे पार्टी का केंद्रीय आलाकमान भी खुश है, लेकिन इससे पुराने नेताओं को अपनी जमीन खिसकती नजर आ रही है। रावल व राजू परमार 17 अगस्त को भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

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