ट्विटर से जारी पॉलिसी विवाद अभी थमा भी नहीं था कि कई भारतीय नेताओं के ट्विटर अकाउंट अनवेरिफाईड हो गए यानि उनमे से ब्लू टिक हट गया. ट्विटर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस के कई बड़े नेताओं के साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत के हैंडल से भी ब्लू बैज यानि टिक को हटा दिया है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख(ऑल इंडिया पब्लिसिटी हेड) अरुण कुमार, संघ कार्यवाह सुरेश जोशी, सह-संघकार्यवाह सुरेश सोनी और कृष्णगोपाल जी के ट्विटर हैंडल पर अब ब्लू बैज हटाए गए हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने इसकी वजह नहीं बताई. इससे पहले ट्विटर ने उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के पर्सनल वेरीफाइड अकाउंट से भी ब्लू बैज हटा दिया था. लेकिन दो घंटों बाद ही उपराष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल को ब्लू बैज वापस कर दिया गया. ट्विटर के पॉलिसी के हिसाब से ट्विटर पर ब्लू वेरीफाइड बैज ट्विटर का इस्तेमाल कर रहे लोगों को यह बताता है कि किसी ऑथेंटिक अकाउंट पर पब्लिक का इंटरेस्ट है.
आपको बता दें कि ट्विटर ने हाल ही में अपनी ब्लू टिक वेरीफिकेशन की प्रोसेसिंग को दोबारा शुरू किया और इसके साथ ही उसने पुराने इस्तेमाल हो रहे हैंडल्स को एक बार फिर चेक करते हुए ब्लू बैज को हटाना शुरू किया है. इसी के तहत इन कुछ बड़े नेताओं के ट्विटर हैंडल पर अब ब्लू बैज या ब्लू टिक नज़र नहीं आ रहा है. वहीं, एम. वेंकैया नायडू को ब्लू टिक वापस करने के बाद अब उनके ट्विटर हैंडल पर ये ब्लू बैज फिर नजर आने लगा है.ब्लू बैज प्राप्त करने के लिए, ट्विटर यूज़र का खाता ऑथेंटिक, नोटेबल और सक्रिय होना चाहिए. ब्लू बैज का उद्देश्य वेरीफाइड करने के लिए ट्विटर के साथ एक अकाउंट की पहचान की पुष्टि करके प्लेटफॉर्म पर यूजर्स के बीच विश्वास को प्रोत्साहित करना और बनाए रखना है.
ट्विटर के अनुसार, वेरीफिकेशन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की वचनबद्धता या पॉलिसी का हिस्सा है, जिसमें लोगों को सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए अकाउन्ट्स की ऑथेंटिसिटी के बारे में सूचित करके सार्वजनिक बातचीत का वादा किया जाता है. ट्विटर की पॉलिसी है कि यदि कोई भी अकाउंट यीज़र अपना यूज़र नेम बदलता है या कोई अकाउंट इनएक्टिवेट हो जाता है या फ़िर अकाउंट का यूज़र अब नहीं है, तो वह किसी भी समय और बिना किसी सूचना के किसी भी ट्विटर खाते के ब्लू वेरीफाइड बैज और वेरीफाइड स्थिति को हटा सकता है.
ट्विटर उन अकाउन्ट्स से ब्लू वेरीफाइड बैज को भी हटा सकता है जो ट्विटर के नियमों का गंभीर या बार-बार उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं, जिसमें यूज़र प्रदर्शन नाम या जैव उल्लंघनों को बदलकर ट्विटर पर लोगों को जानबूझकर गुमराह करना शामिल है, जिसके परिणाम के फलस्वरूप तुरंतअकाउंट सस्पेंड होता है. ट्वीट्स, जिनमें गंदी आचरण नीति, अपमानजनक व्यवहार, हिंसा नीति की झलक, नागरिक अखंडता, निजी सूचना नीति, या प्लेटफार्म हेरफेर और स्पैम नीति शामिल हैं, लेकिन इन्हीं तक ट्विटर की विस्तृत नीतियां शामिल नहीं हैं. वहीं हाल ही में गणमान्य व्यक्तियों के हैंडल के साथ छेड़छड़ के बाद सरकार ने ट्विटर को नियमों का तुरंत पालन करने के लिए एक अंतिम नोटिस दिया है जिसमें विफल रहने पर आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उपलब्ध देयता से छूट वापस ले ली जाएगी और अन्य दंड कानूनों के अनुसार कार्रवाई होगी.