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राजस्थान में इन दिनों राजनीति काफी गरम

[Edited By: Rajendra]

Friday, 14th April , 2023 12:19 pm

राजस्थान में इन दिनों राजनीति काफी गरम है। इस बीच गुरुवार को दिल्ली में मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ, सचिन पायलट और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल की मुलाकात हुई और यहां राजस्थान में दोनों गुटों के बीच मतभेदों को सुलझाने के तरीकों पर चर्चा की।

सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ राजस्थान में मोर्टा खोलकर रखा है। पायलट ने पिछली भाजपा सरकार के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ इस सप्ताह एक दिवसीय उपवास किया। वसुंधरा राजे द्वारा और अपनी ही पार्टी की सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया। वहीं इस साल के अंत में होने वाले चुनावों से पहले यह राजनीतिक मुद्दा काफी हलचल पैदा कर सकता है। इस बीच, दिल्ली में सचिन पायलट पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कोई अफवाहें नहीं हैं जब हम राजस्थान पर फैसला करेंगे, हम आपको बताएंगे।

कांग्रेस नेतृत्व, जिसने शुरुआत में अशोक गहलोत का समर्थन किया था और पायलट के उपवास को “पार्टी विरोधी गतिविधि” बताते हुए उनके समर्थन में दो बयान जारी किए थे, अब अपना रुख बदल दिया है और बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रहा है। सूत्रों ने कहा कि पायलट ने कमलनाथ और वेणुगोपाल को अपनी शिकायतों से अवगत कराया और पार्टी से उचित व्यवहार की मांग की। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, सचिन पायलट ने भी वसुंधरा राजे के खिलाफ अपने उपवास का बचाव करते हुए कहा कि यह पार्टी विरोधी नहीं था और वह जनहित के मुद्दों को उठा रहे थे।

राजस्थान के नवनियुक्त प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और वरिष्ठ नेता जयराम रमेश द्वारा जारी किए गए बयान से कांग्रेस नेतृत्व भी कथित तौर पर नाखुश है, जिन्होंने सचिन पायलट के उपवास को "पार्टी विरोधी गतिविधि" कहने वाले बयान की समीक्षा की थी। अचानक मामलों के बिगड़ने से पार्टी के भीतर कई लोग परेशान हैं।

सचिन पायलट के मामले में कांग्रेस के भीतर दो दिन चले मंथन के बाद अब रणनीति बदल दी है। पायलट मामले को लेकर दिखाई गई जल्दबाजी को अब आगे डिले में बदलने का खाका तैयार कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस हाईकमान इस मामले में जल्दबाजी नहीं करना चाहता और बहुत सोच समझकर ही इस मामले में आगे फैसला लिया जाएगा।

इधर, सचिन पायलट ने फिर से फील्ड में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है। पायलट 17 अप्रैल से इसकी शुरुआत कर रहे हैं। पायलट मामले में दो दिन चले बैठकों के दौर के बाद अब बीच का रास्ता निकालने की कोशिश है। बीच का रास्ता निकालने के लिए फैसला लेने में देरी पहली रणनीति है। ऐसे में अब इस मसले को आगे खींचा जाएगा। अभी कई बैठकों के दौर भी चलेंगे, लेकिन एक लाइन तय कर दी गई है, जिसके आधार पर ही आगे बढ़ा जाएगा।

कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सचिन पायलट मामले में अभी तत्काल फैसला नहीं होने को लेकर साफ संकेत दिए हैं। रंधावा ने कहा कि अभी कोई फैसला नहीं हुआ है और रिपोर्ट भी नहीं दी गई है। वरिष्ठ नेताओं से सलाह मशविरा करके ही आगे बढ़ा जाएगा। सचिन पायलट मामले को लेकर प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा पिछले तीन दिन से तेवर दिखा रहे थे, उनमें अब बदलाव आ चुका है। पहले रंधाव ने पायलट के अनशन से पहले ही रात में बयान जारी करके पार्टी विरोधी गतिविधि बताया था। अगले दिन पायलट ने अनशन के बाद बीजेपी को निशाने पर लिया और बीजेपी राज के करप्शन पर ही सवाल उठाए। रंधावा ने पायलट के अनशन के बाद कहा कि राजस्थान को पंजाब नहीं बनने दिया जाएगा और अब कार्रवाई होगी। मेरे से पहले जो हुआ उनमें कार्रवाई कई बार होनी चाहिए थी लेकिन अब होगी। रंधावा के तेवर अब पहले जैसे नहीं रहे। रंधावा अब वरिष्ठ नेताओं की सलाह से फैसले की बात कहकर इसमें वक्त लगने की बात कह रहे हैं। सचिन पायलट के मामले में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दखल दिया है। प्रभारी सुखजिंदर रंधावा और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी से राजस्थान को लेकर चर्चा की। राहुल गांधी ने दोनों नेताओं को राजस्थान के मामले को बहुत सावधानी से हैंडल करने की सलाह दी है। प्रियंका गांधी पायलट के लिए शुरू से ही पैरवी कर रहीं थीं।

बीजेपी राज के करप्शन पर कार्रवाई नहीं होने के मुद्दे पर अनशन औरा फिर विवाद के बाद अब सचिन पायलट ​फील्ड में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। 17 अप्रैल से सचिन पायलट कि फील्ड के दौरों के कार्यक्रम बन गए हैं। 17 अप्रैल को 11 बजे पायलट शाहपुरा के खोरी में परमानंद धाम के कार्यक्रम में शामिल होंगे। पायलट इसके बाद खेतड़ी के टीबा बसई गांव में शहीद की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। यहां पायलट सभा भी करेंगे। इसके बाद पायलट के और जिलों में भी सभाओं के कार्यक्रम फाइनल किए जा रहे हैं। पायलट समर्थक नेता सभाओं की तैयारी में लगे हैं। पायलट के फील्ड में उतरकर सभा करने के भी सियासी मायने हैं।

इन सभाओं के जरिए पायलट आगे की सियासी लाइन के बारे में समर्थकों और जनता को संकेत देंगे। पायलट और सीएम गहलोत के खेमों के बीच खींचतान का मुद्दा अब भी बना हुआ है।इसी खींचतान को ताजा विवाद की वजह बताया जा रहा है। चुनावी साल में कांग्रेस हाईकमान इस खींचतान को कम करने की फार्मूला पर भी मंथन कर रहा है। दोनों नेताओं के बीच ताजा एपिसोड से खाई और गहरी हो गई है।

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