पहलगाम मे खौफनाक आंतकी हमले के बाद हर एक व्यक्ति का दिल कांप गया है, लोगो का गुस्सा इतना ज्यादा है कि रोजाना पहले शहर और इलाकों मे हमले मे मारे गए बेगुनाह मासूमों के लिए मार्च निकालकर प्रदर्शन कर रहे है, वे सभी सरकार से बस बदले की गुहार लगा रहे है, इसी बीच मध्य प्रदेश के इंदौर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां पहलगाम हमले से दुखी होकर एक युवक ऐसा कारनामा कर दिया है। जिसे देख सब हैरान हैं।
दरअसल जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आंतकी हमले के बाद इंदौर के एक मुस्लिम का हृदय फट परिवर्तन कर दिया। शहाबुद्दीन नाम के इस शख्स ने मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है। उसने नाम बदलकर श्यामलाल रख लिया। बता दें शहाबुद्दीन ने पहलगाम हमले से दुखी होकर छोड़ा इस्लाम धर्म का त्याग कर दिया है पहले शहाबुद्दीन नाम का ये सख्स दरगाह में कव्वाली का आयोजन करवाता था, लेकिन उसी युवक ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है। बता दें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए डरावने आतंकी हमले से शहाबुद्दीन बहुत दुखी था। उसने टेलीवीजन पर में देखा कि आंतकवादियों ने नाम और धर्म पूछ-पूछ कर लोगों को गोली मारी है। इसके बाद उसने मस्जिद से कव्वालियां बंद करवाई और खुद फिर खुद हिंदू धर्म में वापसी कर ली, उसका नाम अब शहाबुद्दीन से श्याम लाल उर्फ श्यामू हो गया।
शहाबुद्दीन से श्याम लाल बने सख्स ने कहा कि जिस दरगाह परिसर में वह कव्वाली का आयोजन कराता था, वहां अब केवल हनुमान चालीसा, रामायण और सुंदरकांड का पाठ होगा। श्यामू ने इस मौके पर दरगाह परिसर में ही सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ कराया और भंडारे का आयोजन भी किया। इसमें मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल हुए। सुंदरकांड पाठ में शामिल हुए मुस्लिम समुदाय समाज के लोगों का अंगवस्त्र और फूलों से सम्मान किया गया। जहां धर्म के नाम पर बंटावारा नहीं, भाईचारे का संदेश दिखा। ये घटनाक्रम इंदौर के कुलकर्णी भट्टा इलाके का है। इससे पहले श्यामू और वहां मौजूद लोगों ने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर देश के वीरों को नमन किया। इस बदलाव की चर्चा जोरों-शोरों से हो रही है। क्योंकि जहां पहले कव्वाली की महफिलें सजा करती थीं। वहीं पर अब सुंदरकांड का पाठ हो रहा है।
श्यामलाल ने पहलगाम मे हुए आतंकी हमले के बारे मे भी बातचीत की और कहा हादसे से बहुत दुख हुआ। हमारे देश में ऐसा कभी हुआ नहीं। खुद को लेकर उन्होंने कहा कि मैं भटक गया था, उधर चला गया था। समाज के लोगों से बात करने और उनके समझाने के बाद वापस अपने हिंदू धर्म में आया हूं। यहां अब हर साल भंडारा चलता रहेगा। इसीलिए हमने कव्वाली रोककर सुंदरकांड का पाठ रखा।
बता दें की पहलगाम हमले के विरोध कल पूरे मध्यप्रदेश में पाकिस्तान और आंतकियों का पुतला दहन किया गया था। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में 26 लोगों ने जान गंवा दी थी। जिसके बाद एक्शन में आते हुए मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को रोका दिया। साथ ही 48 घंटे में पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया। इसके अलावा पाकिस्तान का वीजा रद्द कर दिया है। अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया गया है।
साबिर हुसैन ने भी छोड़ा इस्लाम
बता दे केवल मध्य प्रदेश के इंदौर से नही बंगाल से भी धर्मपरिवर्तन की खबर सामने आ रही है यहा भी पहलगाम मे हुए डरावने आतंकी हमले से दुखी होकर पश्चिम बंगाल के एक शिक्षक साबिर हुसैन ने इस्लाम धर्म त्यागने का फैसला किया है। साबिर हुसैन दक्षिण 24 परगना जिले के बादुरिया स्थित निर्माण आदर्श विद्यापीठ में विज्ञान के शिक्षक हैं। उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि देश-दुनिया में कई आतंकी हमले हुए हैं लेकिन पहलगाम में जिस तरह से लोगों का धर्म पूछकर उनकी जान ली गई उससे वह स्तब्ध हैं। उन्होने लिखा- मैं अब तक जानता था कि आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता। वे बिना सोचे-विचारे हत्या करते हैं, लेकिन पहलगाम की घटना ने दिखाया है कि उनका भी धर्म होता है। एक शिक्षक के तौर पर मैं इस घटना को लेकर बहुत शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं इसीलिए इस तरह का कठिन निर्णय लेने के लिए बाध्य हुआ हूं।