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कर्नाटक में सरकारी करप्शन का मुद्दा भाजपा के लिए मुसीबत बन सकता

[Edited By: Rajendra]

Friday, 3rd March , 2023 02:33 pm

कर्नाटक में गुरुवार को लोकायुक्त ने भाजपा विधायक मदल वीरुपक्षप्‍पा के बेटे प्रशांत कुमार को 40 लाख रुपए घूस लेते गिरफ्तार किया। प्रशांत की गिरफ्तारी पिता के बेंगलुरु स्थित कर्नाटक सोप एंड डिटर्जेंट लिमिटेड के दफ्तर से हुई। लोकायुक्त ने कर्नाटक सोप एंड डिटर्जेंट लिमिटेड के दफ्तर और प्रशांत के घर पर छापा मारा तो 8 करोड़ कैश बरामद हुआ। गिनती करने के बाद अफसरों ने नोटों के बंडल बिस्तर पर रख दिए।

भाजपा विधायक मदल वीरुपक्षप्पा ने कर्नाटक सोप एंड डिटर्जेंट लिमिटेड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि जिस टेंडर के मामले में बेटे ने घूस ली, उसमें मैं शामिल नहीं हूं। वीरुपक्षप्पा के इस्तीफे से पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि लोकायुक्त को दोबारा शुरू करने का मकसद राज्य में भ्रष्टाचार को खत्म करना था। लोकायुक्त अधिकारियों के मुताबिक, प्रशांत कर्नाटक एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के 2008 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने साबुन और अन्य डिटर्जेंट बनाने के लिए कच्चे माल को खरीदने की डील के लिए एक ठेकेदार से 80 लाख रुपए की डिमांड की थी। जिसके बाद ठेकेदार ने इसकी शिकायत लोकायुक्‍त से की थी। शिकायत पर लोकायुक्त ने प्रशांत को रंगे हाथ पकड़ने के लिए योजना बनाई। अधिकारी ने बताया कि कर्नाटक सोप एंड डिटर्जेंट लिमिटेड के चेयरमैन और भाजपा विधायक मदल वीरुपक्षप्‍पा ओर से ये रकम ली गई है। ऐसे में रिश्वत लेने के इस मामले में पिता और पुत्र दोनों आरोपी हैं।

प्रशांत के पिता मदल वीरुपक्षप्‍पा कर्नाटक के दावणगेरे जिले के चन्‍नागिरी से विधायक हैं। उन्होंने कहा- मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसकी जानकारी मुझे मीडिया के जरिए मिली। इस बारे में मैंने अपने बेटे से बात नहीं की है, क्योंकि वह अब लोकायुक्त की कस्टडी में है। मैं किसी टेंडर में शामिल नहीं हूं।

कर्नाटक दक्षिण भारत का इकलौता राज्य है, जहां भाजपा सत्ता में है। यहां अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। इससे पहले सरकारी करप्शन का मुद्दा फिर गरमा गया है और ये भाजपा के लिए मुसीबत बन सकता है, क्योंकि आरोप विधायकों और मंत्रियों पर है। राज्य के कॉन्ट्रैक्टर्स ने इस करप्शन सिंडिकेट के खिलाफ बुधवार को बेंगलुरू में प्रदर्शन भी किया।

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भाजपा विधायक के बेटे के घर मिली अकूत दौलत मामले पर मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई का बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की जाएगी। यही हमारा उद्देश्य है कि दोषियों को सजा मिले। लोकायुक्त के पास मामले की पूरी जानकारी है कि यह पैसा किसका है और यह कहां से आया। जल्द ही सब खुलासा हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकायुक्त ने विधायक के बेटे के ठिकानों पर छापेमारी की। यही कारण है कि हमने राज्य में फिर से लोकायुक्त की शुरुआत की है ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लग सके। कांग्रेस की सरकार में लोकायुक्त के बिना कई मामले रफा-दफा कर दिए गए। बता दें कि कर्नाटक के भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे पारसनाथ मदल के घर से छापेमारी में छह करोड़ रुपए नकद बरामद किए गए हैं।

दरअसल कर्नाटक लोकायुक्त की एंटी करप्शन विंग ने गुरुवार को भाजपा विधायक के बेटे को चालीस लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। रिश्वत मांगने की शिकायत मिलने पर लोकायुक्त ने यह कार्रवाई की थी। कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी विधायक के बेटे के घर से इतनी बड़ी मात्रा में नकदी का मिलना विपक्ष को सरकार पर हमलावर होने का मौका दे सकता है।

मदल विरुपक्षप्पा कर्नाटक के देवनागरे जिले की चन्नागिरी सीट से विधायक हैं। साथ ही राज्य सरकार के कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) के अध्यक्ष भी हैं। इसी के तहत प्रसिद्ध मैसूर चंदन साबुन का निर्माण किया जाता है। वहीं आरोपी पारसनाथ मदल कर्नाटक एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज के 2008 बैच के अधिकारी हैं। फिलहाल वह बेंगलुरु वाटर सप्लाई और सीवरेज बोर्ड के चीफ अकाउंटेंट पद पर तैनात हैं। केएसडीएल के कार्यालय में ही लोकायुक्त की एंटी करप्शन विंग ने पारसनाथ मदल को 40 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा है।

जांच में कार्यालय से 2.2 करोड़ रुपए से भरे बैग भी मिले, जिन्हें जब्त कर लिया गया। इसके बाद पारसनाथ के घर पर भी छापेमारी की गई, जहां से 6.10 करोड़ रुपए बरामद किए गए। एफआईआर दर्ज की गई है। कर्नाटक के लोकायुक्त बीएस पाटिल ने यह जानकारी दी।

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