- आज मकर संक्रांति का पावन पर्व
- प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत
- कुंभ मेला 2025 का पहला ‘अमृत स्नान’
- विभिन्न अखाड़ों के साधु-सन्यासी कर रहे स्नान
धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। सोमवार 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन सुबह 7 बजे तक 35 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया। आज 14 जनवरी को मकर संक्रांति के मौके पर पहला अमृत स्नान है, अमृत स्नान के लिए CM योगी ने दी बधाई दी. महाकुंभ में पहले शाही स्नान पर प्रयागराज में आस्था का सैलाब उमड़ा. संतों का हुजूम है और मंत्रों का शोर दिखा. सभी 13 अखाड़ों के संतों ने डुबकी लगाई.
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “आज 2025 महाकुंभ का प्रथम अमृत स्नान है… जिसमें विभिन्न अखाड़ों के साधु-सन्यासी भी स्नान कर रहे हैं.आज ब्रह्म मुहूर्त से ही अखाड़ों का आना शुरू हो चुका है, ऐसे में हमारे सभी अधिकारी और कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर है….हम लोगों की पूरी कोशिश होगी कि स्नान पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो….पूरे प्रदेश में आज मकर संक्रांति का जो शाही स्नान चल रहा है वो बिना किसी बाधा के चल रहा है,
संगम के तट पर मंगलवार को डुबकी लगाने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर उत्तर प्रदेश सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई। हेलीकॉप्टर से सभी घाटों और अखाड़ों पर स्नान के दौरान गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश देख संगम तट पर श्रद्धालुओं ने अभिभूत होकर जय श्री राम और हर हर महादेव, बम बम भोले के नारे लगाए।
कुंभ के अमृत स्नान पर लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने महाकुंभ पर कहा, “…आज संक्रांति के दिन जब हमने संगम में डुबकी लगाई तो अद्भुत लगा… वाकई जीवन सफल हो गया… व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं, ठहरने के लिए बहुत अच्छी व्यवस्थाएं हैं, शौचालय और वस्त्र बदलने के लिए बहुत अच्छे बूथ हैं। सुरक्षा और सफ़ाई दोनों ही हैं। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि महाकुंभ में ज़रूर आएं।
महाकुंभ अमृत स्नान पर सीएम योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने महाकुंभ मेला 2025 पर कहा, “… साल 2019 का कुंभ प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की व्यवस्थाओं के आधार पर बहुत अच्छा हुआ था जिसमें 25 करोड़ से अधिक लोग आए थे। कल करीब डेढ़ करोड़ और आज अभी तक 2 करोड़ लोग महाकुंभ में आ चुके हैं… मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर घंटे महाकुंभ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं… हमारा मानना है कि इस बार 50 करोड़ से भी अधिक लोग महाकुंभ में आएंगे…”
महाकुंभ मेला 2025 का पहला ‘अमृत स्नान पर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा, “मैं बहुत प्रसन्न हूं क्योंकि सभी आचार्यों में सबसे पहला शाही स्नान मेरा हुआ। सरकार की व्यवस्था से मैं बहुत प्रसन्न हूं। इतनी बड़ी भीड़ को सरकार ने नियंत्रित किया। सरकार बहुत साधुवाद की पात्र है।
महाकुंभ मेला 2025 पर कथा वाचक जया किशोरी ने कहा, आज सभी को मकर संक्रांति की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। मुझे बहुत खुशी है कि मैं पहली बार कुंभ में स्नान के लिए आई हूं… मैं चाहूंगी कि देश का हर व्यक्ति महाकुंभ के दर्शन कर सके… हम अपनी संस्कृति, धर्म और संस्कार दुनिया को दिखा रहे हैं, जिससे युवा आकर्षित हो और उनका ध्यान भगवान और भक्ति से जुड़ सके।
इस बार महाकुंभ मेले में सबसे अधिक आकर्षण का केंद हैं देश के 13 प्रमुख अखाड़े। इन अखाड़ों के साथ ही उनके साधु- संत भी शामिल हो रहे है। प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में से किसी एक स्थान पर एकत्र होते हैं और नदी में पवित्र स्नान करते हैं। हर स्थान पर मेले का आयोजन एक विशेष खगोलीय स्थिति के आधार पर किया जाता है। यह मेला हिंदू धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है और इसे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। प्रत्येक 12वें वर्ष के अतिरिक्त प्रयाग में दो कुम्भ पर्वों के बीच छह वर्ष के अन्तराल में अर्धकुम्भ भी होता है। 2013 के कुंभ के बाद 2019 में प्रयाग में अर्धकुम्भ मेले का आयोजन हुआ था और अब 2025 में पुनः प्रयागराज मेले का आयोजन हो चुका है।