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प्रदेश में वसुंधरा राजे के खिलाफ या साथ की लड़ाई खुलकर सामने

[Edited By: Rajendra]

Wednesday, 1st March , 2023 04:42 pm

राजस्थान में चुनावी बिगुल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भीलवाड़ा और दौसा की रैली के साथ ही बज चुका है। ऐसे में अब नेताओ में भी खासी होड़ नजर आ रही है, अपना वर्चस्व और अपनी ताकत आलाकमान को दिखाने की। यूं तो बीजेपी की प्रदेश स्तरीय स्थिति से सब ही वाकिफ हैं कि यहां पार्टी कितने गुटों में बटी हुई है। अब इस पर मुहर लगाने का समय आ चुका है।

बता दें कि मार्च की शुरुआत में ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का जन्मदिन जो कि आठ मार्च को आता है। लेकिन आठ मार्च को होली होने के कारण अब जन्मदिन को चार मार्च को ही मनाया जा रहा है। राजे का जन्मदिन प्रदेश की सिद्ध पीठ सालासर में मनाया जाना तय हुआ है। राजे के जन्मदिन पर पूरे प्रदेश के नेताओं और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को निमंत्रण भेजे गए हैं। ऐसे में अनुमान है कि इस आयोजन में लाखों लोगों के आने की पूरी संभावना जताई जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री राजे की टीम इसको लेकर पिछले एक महीने से काम कर रही है। कई समर्थक नेताओं को भीड़ और कार्यकर्ताओं को लाने के जिम्मेदारी भी दी गई है। यूं तो सभी इसको राजे के जन्मदिन ही बता रहे हैं, परंतु राजनीति में कोई भी आयोजन राजनीति से जुदा नहीं होता है। जानकर इसको मैडम का शक्ति प्रदर्शन मान रहे हैं, जिसको लेकर बीजेपी की प्रदेश इकाई में चिंता भी देखी गई है।

प्रदेश में एक तरफ वसुंधरा राजे का जन्मदिन का उत्सव है, ठीक उसी दिन बीजेपी प्रदेश इकाई ने भी जयपुर में सरकार के खिलाफ विधानसभा घेराव का कार्यक्रम घोषित किया गया है। परंतु इस बार इस कार्यक्रम को युवा मोर्चा के कंधों पर डाल दिया गया है। अगर विधानसभा घेराव में कार्यकर्ताओं की भीड़ कम नजर आती है तो जिम्मेदारी युवा मोर्चा पर डाल दी जाएगी और कामयाबी मिली तो वो बीजेपी प्रदेश इकाई की होगी।

चूरू जिले के सालासर बालाजी में जनसभा का आयोजन होगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पार्टी के सभी विधायकों को जयपुर में रहने के निर्देश दिए है। मंगलवार शाम हुई विधायक दल की बैठक में पूनिया ने सभी विधायकों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में जयपुर में हो रहे विधानसभा घेराव में शामिल होने के निर्देश दिए हैं। राजनीतिक विश्वलेषक पूनिया के निर्देश के अलग-अलग सियासी मायने निकाल रहे हैं। माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे के जन्मदिन कार्यक्रम में विधायकों को शामिल होने से रोकने के लिए पूनिया ने यह निर्देश दिए है। पिछली बार जब वसुंधरा राजे ने अपने जन्मदिन पर सियासी शक्ति प्रदर्शन किया था। उस दौरान भी पूनिया ने कहा कि यह वसुंधरा राजे का व्यक्तिगत कार्यक्रम है। संगठन का नहीं है। उल्लेखनीय है कि भाजपा विधायक दल की बैठक में विधानसभा में माननीय विधायकों के साथ सदन में उठाए जाने वाले प्रदेश के जनहित के मुद्दों और 4 मार्च के विधानसभा घेराव आंदोलन को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने विस्तृत चर्चा की।

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ, युनूस खान, राजपाल सिंह शेखावत, प्रताप सिंह सिंघवी सहित कई नेता लगातार अपने-अपने प्रभाव क्षेत्र में बैठकें करके वसुंधरा समर्थकों को एकजुट करने में लगे हुए हैं। सबसे ज्यादा जोर सीकर, चुरू, नागौर, झुंझुनूं जिलों से भीड़ जुटाने पर है, साथ ही बाकी जिलों से भी समर्थकों को भीड़ लाने के लिए कहा गया है। पार्टी के जानकारों, वसुंधरा समर्थकों और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वसुंधरा राजे इस आयोजन के जरिए अपनी ताकत दिखाएंगी। साथ ही केंद्रीय नेतृत्व और अपने समर्थकों के बीच अपनी दावेदारी का भी मैसेज देंगी। जानते हैं इस आयोजन के जरिए वसुंधरा क्या हासिल करना चाहती हैं?

इस परिस्थिति में अब नेताओं के गुट खुलकर आमने-सामने आने की संभावना बढ़ गई है, कौन कहां जाएगा, इससे तय होगा कि कौन किसकी तरफ है। प्रदेश में चार मार्च को वसुंधरा राजे के खिलाफ या साथ की लड़ाई खुलकर सामने आने वाली है। बीजेपी प्रदेश इकाई की तरफ से भी नेताओं को खुलकर आमंत्रण दिया जा रहा है। इसी क्रम में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने विधायक दल की बैठक में भी विधायकों से अपने क्षेत्र से लोगों को लाने की अपील की है। अल्पसंख्यक मोर्चा को भी जिम्मेदारी दी गई है को वो भी ज्यादा संख्या में भीड़ जुटाने का काम करें।

वहीं, बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा ने कहा कि अभी वसुंधरा राजे से मुलाकात हुई है। दिन में एक बजे फिर मुलाकात होगी। चार मार्च को सालासर कार्यक्रम में शामिल रहूंगा। पार्टी के कार्यक्रम में भी मौजूद रहूंगा। सरकार ने आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया, केवल बजट में घोषणा की। बीजेपी विधायक एवं प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा, राजे का कार्यक्रम पहले से फिक्स था। लेकिन पेपर लीक की घटना को देखते हुए युवा मोर्चा सड़कों पर उतर रहा है।

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