Pulwama Terror Attack
14 फरवरी 2019 वह वो दिन वो तारीख जिसे देश कभी नहीं भूल सकता। ये वहीं जवान है जो अपनों को छोड़ अपनी मां को छोड़ अपने छोटे-छोटे बच्चो और पत्नियों को छोड़ हमारी सुरक्षा के लिए खड़े रहते है ये वही जवान है जो अपनी जान की परवाह न करते हुए हमारी जान की सुरक्षा करते है ये वही जवान है जो न ही दिन देखते है न तो रात न सुबह देखते है और न ही शाम, ये वही है जो न गर्मी देखते न ठंड जी हां ये वही जवान है जो अपनी पूरी जवानी देश के लिए कुरबान कर देते है, देश के लिए हर जवान का बलिदान बहुत ही महत्वपूर्ण है।
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14 फरवरी 2019 का वो पुलवामा अटैक इस आतंकी हमले को भले ही 6 साल बीत गए हों। लेकिन इसकी कसक और दर्द आज भी लोगों के जहन में ताजा है। वो जब कोई याद करता है तो रूह कांप जाती है, ऐसा भयानक मंजर जब किसी की पत्नी किसी की मां किसी का पिता अपनों के लिए आस लगाकर बैठा था, पूरा देश वेलेंटाइन डे मगन था जैसी ही देशभर मे 40 जवानों के शहीद होने के सूचना मिली वैसी ही खुशी गम मे बदल गई।
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14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ (CRPF) बटालियन से भरा ट्रक जवानों को लेकर जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे से गुजर रहा था। जवानों का यह काफिला बिना अन्य वाहनों की आवाजाही को प्रभावित किए बगैर श्रीनगर के लिए बढ़ रहा था। सीआरपीएफ के काफिले में 78 गाड़ियां थीं और करीब 2500 जवान शामिल थे. इस दौरान अवंतीपोरा के गोरीपोराके पास विस्फोटक से लदी कार बसों से टकराई और एक जोरदार धमाका हुआ।
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हमला इतना खौफनाक और भयानक था कि जवानों के शरीर बुरी तरह से छिटक गए। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। आतंकवादी ने जिस कार से टक्कर मारी थी, उसमें करीब 350 किलो विस्फोटक थे. इस हमले के तुरंत बाद आतंकियों ने एक और चाल चली। जैसे ही धुआं छंटा आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग करना शुरू कर दी। सैन्य जवानों ने किसी तरह खुद को संभाला और जवाबी कार्रवाई में आतंकियों पर पलटवार किया। जिसके बाद आतंकी भाग गए। हमले के बाद सेना आतंकियों की तलाश में जुट थी। और फिर कुछ ही दिनों बाद सेना ने अपना बदला पूरा किया था। 40 जवानों के बलिदान पर इस दिन को पूरा देश ब्लैक डे रूप मे मनाता है