महाराष्ट्र मे GBS का आतंक दिन पर दिन बढता ही जा रहा है, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम यानि की GBS का पहला मरीज 9 जनवरी को सामने आया था। अभी तक कुल 197 मरीज सामने आ चुके हैं। इसमें से 172 में सिंड्रोम की पुष्टि हो चुकी है। अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।
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मुंबई शहर में जीबीएस सिंड्रोम वायरस से पहली मौत हुई है. BMC के आयुक्त ने भी पुष्टि की कि लंबी बीमारी के बाद नायर अस्पताल में 53 वर्षीय एक मरीज की मौत हुई है। अधिकारियों ने बताया कि 53 वर्षीय मृतक वडाला इलाके का निवासी है और एक अस्पताल में वार्ड बॉय की नौकरी करता था। 15 दिन पहले वह पुणे गया था,जहां जीबीएस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। जीबीएस से जुड़ी मौतों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई के सभी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज जीबीएस (GBS) मरीजों के इलाज के लिए तैयार हैं। शहर में आवश्यक दवाईयां, उपकरण और एक्सपर्ट उपलब्ध हैं।
जीबीएस के बढ़ते मामलों ने बढाई चिंता
महाराष्ट्र के सोलापुर में पहले फैला था GBS का खौफ
28 जनवरी 2025 को गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के 9 और केस सामने आए थे। इस बीमारी के कारण 1 शख्स की मौत हो चुकी है. 40 वर्षीय पीड़ित पुणे के सिंहगढ़ इलाके में काम करता था और GB सिंड्रोम की चपेट में आने के बाद वह वापस सोलापुर चला गया था।
स्वास्थ्य विभाग: 28 जनवर की रिपोर्ट मे एक्टिव मरीजों की कुल संख्या 110 थी। इन मरीजों में 73 पुरुष और 37 महिलाएं शामिल थे, जबकि 17 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। अभी तक कुल 197 मरीज सामने आ चुके हैं। इसमें से 172 में सिंड्रोम की पुष्टि हो चुकी है।
गुलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामले अभी और बढने के आसार है। शहर के कई हिस्सों से 34 वाटर सैंपल भी कैमिकल और बायोलॉजिक एनालिसिस (Biologic Analysis) के लिए पब्लिक हेल्थ लैब भेजे थे। इनमें से सात सैंपल में पानी के दूषित होने की सूचना मिली थी। जांच मे पाया गया कि प्रदूषित पानी में मौजूद कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया GBS का कारण बन सकता है। जिसको लेकर प्रशासन ने बीमारी को रोकने के लिए कई कदम उठाए थे।
क्या है GBS
GBS सिंड्रोम ( गुइलेन-बैरे सिंड्रोम) एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी है। इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी से निकलकर शरीर के बाकी हिस्सों में फैली हुई नसों पर हमला करती है। जिसमें अचानक सुन्नता और मांसपेशियों में कमजोरी हो जाती है। कमज़ोरी से सुन्नता और गंभीर मामलों में पक्षाघात हो सकता है. हालाँकि GBS गुइलेन-बैरे सिंड्रोम किसी को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन इसका सटीक कारण अज्ञात है.