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सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर पंजाब को फटकार लगाई

[Edited By: Rajendra]

Tuesday, 7th November , 2023 01:26 pm

सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर पंजाब को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा, "ये राजनीतिक लड़ाई का मैदान नहीं है। राजनैतिक ब्लेमगेम को रोकें। ये लोगों की हेल्थ की हत्या के समान है। आप इस मामले को दूसरों पर नहीं थोप सकते। आप पराली जलाने को क्यों नहीं रोक पाते..? दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण और पराली जलाने की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है और पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि दिल्ली में साल दर साल ये नहीं हो सकता। सब कुछ पेपर पर ही चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल ने कि उन्होंने खुद देखा है कि पंजाब में सड़क के दोनों तरफ पराली जलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को रोकने के लिए राज्यों के द्वारा राजनीति नहीं होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यों को प्रदूषण को कम करने के लिए एक साथ आने की जरूरत है। पब्लिक को स्वस्थ हवा में सांस लेने का हक है और स्वस्थ हवा प्रदान करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये राजनीतिक लड़ाई का मैदान नहीं है। राजनैतिक ब्लेम गेम को रोकें। ये लोगों की हेल्थ की हत्या के समान है। आप इस मामले को दूसरों पर नहीं थोप सकते। आप पराली जलाने को क्यों नहीं रोक पाते।

दरअसल, पंजाब सरकार के वकील ने कहा था कि पंजाब में 40 फीसदी पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। हम कदम उठा रहे हैं। इसके बाद जस्टिस एस के कौल ने कहा कि प्रदूषण पर राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती। केंद्र और राज्य में कौन सत्ता में है, इसके आधार पर लोगों पर बोझ पड़ता है। आप देख रहे हैं कि छोटे बच्चे किन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट पंजाब सरकार पर सख्त होते हुए कहा कि हम नहीं जानते आप कैसे करेंगे।। पर इसे तत्काल रोकिए। रोक लगाइये। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि – पराली जलाने की घटना बंद हो। यहां हर कोई एक्सपर्ट है लेकिन समाधान किसी के पास नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली जलाया जाना प्रदूषण की मुख्य वजह है। दूसरा वाहनों की वजह से होने वाला प्रदूषण है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में कुछ स्मॉग टॉवर के बंद पड़े होने पर सख्त नाराज़गी जताई। पूछा कि स्मॉग टॉवर कब काम करेंगे। स्मॉग टॉवर तुरंत शुरू होना चहिए। हम नहीं जानते सरकार कैसे स्मॉग टॉवर शुरू करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के चेयरमैन को अगली सुनवाई में पेश होने को कहा है। साथ ही कहा है कि डीपीसीसी प्रदूषण पर रियल टाइम डेटा इकट्ठा करे और इसे सार्वजनिक ना किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की ऑड- ईवन योजना पर भी सवाल उठाए। जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि आप पहले भी ऑड ईवन सिस्टम ला चुके हैं। क्या यह सफल हुआ है? हमें ये सिर्फ ऑप्टिक लगता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर तत्काल समाधान होना चाहिए। इस मामले में हमारा ज़ीरो पेशेंस है। इस पर पंजाब सरकार ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की कुछ स्थानीय समस्याएं हैं, उनको ध्यान रखना चाहिए। जस्टिस संजय किशन कौल ने हल्के अंदाज में कहा- प्रदूषण रोकने के लिए अपने आप से ही सरकारें सख्त कदम उठाएं, तो बेहतर है। हमने अपना बुलडोजर शुरू किया, तो फिर हम रुकेंगे नहीं। जस्टिस कौल ने कहा, "अगर मैं बुलडोजर चलाऊंगा, तो अगले 15 दिनों तक नहीं रुकूंगा।।।हम चाहते है कि दीवाली की छुट्टियों से पहले सभी पक्ष मिलकर एक बैठक करें। हम इस समस्या का तत्काल समाधान चाहते हैं। यहां तक कि दिल्ली में बसों के जरिए होने वाले प्रदूषण का प्रतिशत भी बहुत बढ़ चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये समस्या साल दर साल आती है। इस पर तुरंत कदम उठाने की जरूरत है। इस मामले में कोर्ट की निगरानी की जरूरत है।

जस्टिस कौल ने दिल्ली सरकार से कहा कि अगर कुछ समस्या है, तो उसपर आपको ध्यान देना होगा। याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि खेतों में लगने वाली ये आग दिल्ली में पर्यावरण का संतुलन बिगाड़ देती है। जस्टिस कौल ने पंजाब सरकार से कहा कि आपको ये आग रोकनी होगी। आपके प्रशासन को ऐसा करना ही होगा, स्थानीय SHO को इसकी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। आज से ही उन्हें इस पर काम करना शुरू कर देना चाहिए। हम सिर्फ इसी उम्मीद में नहीं रह सकते कि मौसम में सुधार होगा। पंजाब में धान की फसल को फेज वाइज बाहर किया जाए। केंद्र सरकार इसमें वैकल्पिक फसल के लिए मदद करे। आदेश पारित करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि पराली जलाने और दमघोंटू धुएं की ये समस्या हाल के वर्षों की है, जब से पंजाब हरियाणा जैसे उत्तर पश्चिमी राज्यों में धान की फसल शुरू हुई है। पहले ऐसा नहीं था। हवा और भू-जल को स्थिति प्रभावित हुई है। दिल्ली की भौगोलिक स्थिति और मौसम की स्थिति भी ऐसी है कि यहां सबसे बुरा असर दिखता है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली के सीएम ने कहा है कि एक सॉल्यूशन विकसित किया गया है, जिसके छिड़काव से पराली खाद में बदल जाती है। पंजाब सरकार ने इसका उपयोग कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट की पंजाब को चेतावनी दी कि कुछ भी करें, पराली जलाने की घटनाएं रोकें। राजनीतिक दोषारोपण का खेल बंद हो। नीतियां इस पर निर्भर नहीं हो सकतीं कि कौन-सी पार्टी किस राज्य में शासन कर रही है। दिल्ली और पंजाब में एक ही पार्टी की सरकार है। सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि पराली जलाने की घटना बंद हों, यहां हर कोई एक्सपर्ट है, लेकिन समाधान किसी के पास नहीं है। समस्या धान की फसल के समय को लेकर है। साथ ही इसका असर भूजल स्तर पर भी पड़ता है। कुछ तो किया जाना चाहिए। धान से ज्यादा लोगों की जिदंगी जरूरी है। जब समस्या आती है, तो हम कदम उठाते हैं। फिर अगले साल वही हालात हो जाते हैं।

वहीं, इस मामले पर सुनवाई के दौरान एमिकस वकील अपराजिता सिंह ने कहा CAQM कह रहा था कि वह जनवरी से पराली को लेकर निगरानी कर रहा है कि पराली ना जलाई जाए। उसके बाद भी बड़ी तादात में पराली जलाई जा रही है। CAQM वकील अपराजिता सिंह ने कहा मुख्य मुद्दा चीजों को ज़मीन पर उतारने का है। एमिकस वकील अपराजिता सिंह ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए आईआईटी द्वारा दिए गए सुझाव को व्यापक तरीके से लागू किए जाने की जरूरत है।

कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी सवाल पूछे कि आपने अपने स्तर पर क्या किया है? केंद्र सरकार ने कहा कि हमने इस समस्या से निपटने के लिए राज्यों को तीन हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि आंकड़ों से नहीं जमीन पर क्या किया, इसकी जानकारी दें। धान की फसल के बजाय मिलेट यानी मोटे अनाज उगाने को बढ़ावा दिया जा रहा है क्या? इसका प्रचार तो खूब हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि इस समस्या का समाधान या तो अभी कीजिए नहीं तो अगले साल तक इंतजार कीजिए। अगले साल से ये समस्या नहीं होनी चाहिए इसके कड़े उपाय अभी से कीजिए।

पंजाब सरकार ने कहा कि अन्य फसलों पर MSP मुहैया करायी जानी चाहिए। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाया जाएं। पंजाब सरकार ने कहा कि MSP पर केंद्र को बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोग मर रहे हैं, ऐसा कुछ हो, जिससे समाधान निकले।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, लगातार पांच दिनों तक गंभीर वायु गुणवत्ता के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर मंगलवार सुबह थोड़ा कम हुआ और "बहुत खराब" श्रेणी में दर्ज किया गया है।

दिल्‍ली सरकार ने हलफनामे में कहा ...

देश की राजधानी में 3200 गाड़ियों की रोज़ प्रदूषण के स्तर पर चेकिंग की जाती है।
प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार 385 इंफोर्समेंट टीम तैनात की हैं, जो गाड़ियों के प्रदूषण को चेक करती है।
प्रदूषण का उल्लंघन करने पर 27,743 चालान काटा गया हैं। प्रदूषण का उल्लंघन करने पर इस साल 1 लाख 93 हज़ार 585 चलान 31 अक्टूबर तक काटा गया है।
इस साल अक्टूबर में 10 से 15 साल पुरानी डीज़ल और पेट्रोल की 32 गाड़ियों को जब्त किया गया है।
दिल्ली सरकार ने कहा कि अक्टूबर 2023 तक 14,885 गाड़ियां जो 15 साल से पुरानी है उन्हें जब्त किया गया है।
दिल्ली में रोड डस्ट पॉल्युशन रोकने के लिए MCD, PWD, DDA, NHAI के विभिन्न अधिकरियों के साथ 12 टीमें बनाई गई हैं।
सड़कों पर धूल को साफ करने के लिए 86 वैक्यूम मशीन को सड़कों पर उतारा गया है, जिसमें से 83 मशीनें दो शिफ्ट सुबह और शाम लगातार सड़कों पर काम कर रही हैं।
सितंबर 2023 तक 2861 किलो मीटर सड़कें मशीनों के द्वारा साफ की गई, सभी मशीनों पर 24 घंटे जीपीएस द्वारा नज़र रखी जा रही है।
सड़कों पर धूल साफ करने के लिए नियमित रूप से कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
दिल्ली सरकार के बड़े इंजीनियर और बड़े अधिकरियों के द्वारा सड़कों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जा रहा है।
345 पानी का छिड़काव करने वाली गाड़ियां में सड़कों पर धूल को दबाने के लिए सड़कों पर चलाई जा रही हैं।
सितंबर 2023 तक कुल 2800 किलोमीटर सड़कों पर पानी का छिड़काव करने धूल को कम करने का काम किया गया है।
सरकारी और प्राइवेट कुल 311 ऐंटी स्मॉग गन दिल्ली की सड़कों पर चलाई जा रही है। दिल्ली में कई स्थानों पर एंटी स्मॉग गन 100 मीटर तक ऊंची इमारतों पर लगाई गई हैं।
दिल्ली में जनवरी 2023 से लेकर सितंबर 2023 तक दिल्ली में 27 हज़ार 570 सड़को के गड्ढों को ठीक किया गया है, जिससे सड़कों से उठने वाले धूल की समस्या को दूर किया गया है।
दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए अक्टूबर महीने में 140 मोबाइल एंटी स्मॉग गन सड़कों पर उतारे गए हैं, जिसमें से 60 मोबाइल एंटी स्मॉग गन को दिल्ली में 13 हॉट स्पॉट इलाकों में तैनात किया गया हैं
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 591 टीमें बनाई हैं, जो डंपिंग वेस्ट के प्रदूषण को रोकने के लिए दिन रात पेट्रोलिंग कर रही हैं।
दिल्ली में कंस्ट्रक्शन की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए 7813 साइट का दौरा किया गया हैं, जिसमें नियमों का उल्लंघन करने के मद्देनजर 1657 कंस्ट्रक्शन साइट को तुरंत बंद किया गया और नियमों का उल्लंघन करने के लिए 435।35 लाख जुमार्ना गया है।
बड़ी कंस्ट्रक्शन की साइट पर प्रदूषण के नियंत्रण के लिए कुल 233 एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं।
दिल्ली में खुले में कूड़ा जलाने पर रोक लगाने के लिए कुल 611 टीमों को लगाया गया है।


पंजाब सरकार ने हलफनामा में कहा ...

पंजाब में पराली जलाने को रोकने को लेकर राज्य सरकार गंभीर है, पिछले साल की अपेक्षा इस साल पराली जलाने की घटना में कमी आई है।
पंजाब सरकार ने इसरो प्रोटोकॉल के तहत अपने हफलनामा में कहा कि 2022 में पराली जलाने की कुल 29400 घटना हुई थीं, जो 2023 में घट कर 17403 पर पहुंच गई है। यानी कि पिछले साल की तुलना में इस साल पराली जलाने में 40।8% की कमी आई है।
एग्रीकल्चर विभाग किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए 50% की सब्ज़िडी के धार पर मशीनें उपलब्ध कराता है।
पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब सरकार के द्वारा 2022-23 में 7।15 करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया।
273 मशीनें खरीदी गई हैं, जो गरीब किसानों को पराली जलाने से रोकने में मदद करेगी।

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