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भगवान शिव का ऐसा मंदिर जहां दर्शन मात्र से माफ हो जाती है कैदियो की सज़ा- कहां है ये मंदिर- देखिये ये रिपोर्ट

[Edited By: Vijay]

Friday, 8th January , 2021 11:30 am

जिसकी ना शुरुवात है जिसका ना कोई अंत है जिसका न कोई पर्याय है जिसका ना कोई आयाम है ,जिसका ना कोई खंड है जिसका ना कोई विखंड है जो आदि है, जो अनंत है उस ब्रम्हाड व्यापी शिव शक्ति की जय हो! 

फतेहपुर शहर के पश्चिमी छोर स्थित प्राचीन शिव मंदिर तांबेश्वर में लाखों भक्तों के आस्था का केंद्र है। ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले भक्त के संकट दूर होते है। ये एक ऐसा शिव मंदिर जिसके दर्शन मात्र से कैदियों की सजाएं माफ हो जाती थी. जिस मंदिर ने अंग्रेजी हुकूमत को सोचने पर मजबूर कर दिया, जिसके दर्शन से हजारों हजार कैदियों की सजाएं माफ हो गई, वह है भगवान शिव का तांबेश्वर सिद्ध पीठ मंदिर , मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है , वैसे तो तांबेश्वर मन्दिर अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है लेकिन ऐसी कई कहानियां हैं जो मंदिर के प्रति आस्था को और प्रगाढ़ और मजबूत बनाती है। मंदिर के निर्माण की सटीक जानकारी कोई नहीं है फिर भी लोग मानते हैं कि इस मन्दिर का इतिहास हजारों साल पुराना है लोग बताते हैं कि पहले यहां दूर-दूर तक कोई गांव नहीं थे चारो तरफ घनघोर जंगल था और भगवान शिव के पश्चिम दिशा में जेल थी जिसमें अंग्रेजों के शासन में कैदियों को रखा जाता था कहा यह भी जाता है कि उस समय जब कैदी जेल से निकलते थे तो पूरब दिशा में स्थित भगवान शिव के दर्शन होते थे, दर्शन मात्र से कैदियों की सजाएं माफ हो जाती थी ऐसे हजारों हजार कैदियों की जब सजा माफ होती गई तो अंग्रेजी हुकूमत में खलबली मच गई कि आखिर कैसे इन कैदियों की सजा माफ हो जाती है जब अंग्रेजी हुकूमत को इसकी भनक लगी कि भगवान शिव के मंदिर के दर्शन से कैदियों की सजा माफ हो रही है तो जेल का मुख्य दरवाजा बंद कर दिया गया और जेल का दरवाजा दक्षिण दिशा में कर दिया गया तब जाकर कैदियों की सजा माफ होने का सिलसिला रुक गया ऐसी तमाम कहानियां और किंवदंतियों हैं जो इस मंदिर के बारे में आपकी आस्था को और मजबूत बनाती है वैसे यहां पूरे साल लोगों की भीड़ जुटी रहती है लेकिन शिवरात्रि के दिनों में यहां अपार भीड़ होती है यहां लाखों लोग अपनी मनोकामना लेकर आते हैं लोग यहां पर अपनी मान्यताओं की पोटली भी बांधते हैं जब उनकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है उसके बाद उन्हे खोला जाता है और भगवान के चरणों में अर्पित किया जाता है अगर आप फतेहपुर आते हैं तो आपको भगवान शिव के मंदिर के दर्शन जरूर करने चाहिए।

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