मंगलवार को शामली में एसटीएफ और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ मामले मे घायल एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार की गुड़गांव के निजी अस्पताल उपचार के दौरान मौत हो गई है। इंस्पेक्टर की शहादत से पुलिस विभाग में शोक के बाद इंस्पेक्टर सुनील कुमार का शव पैतृक गांव बना-मसूरी (मेरठ) लाया गया। गुरुवार सुबह करीब नौ बजे शहीद सुनील कुमार का पार्थिव शरीर पुलिस लाइन के शहीद स्मारक लाया गया. यहां IG, ADG, SSP की मौजूदगी में उन्हें सलामी दी गई.

सीएम योगी ने अपराधियों के साथ साहसिक मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए यूपी STF के निरीक्षक सुनील कुमार को श्रद्धांजलि दी है. इसके साथ ही शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा ही.
सीएम योगी ने एक्स पर पोस्ट डालते हुए मुठभेड़ में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुनील के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही शहीद के परिजनों मे परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, गृह जनपद की एक सड़क शहीद के नाम पर करने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सुनील कुमार के परिवार को हर संभव मदद प्रदान की जाएगी।
इंस्पेक्टर को 3 गोलिया लगी थी, एक गोली 315 बोर की लिवर को इंजर्ड कर पार हुई थी।

शामली के झिझाना में मुठभेड़ के दौरान 4 बदमाशों की हुई थी मौत
यूपी एसटीएफ ने बीते दिन एक लाख के ईनामी बदमाश अरशद व उसके गिरोह से हुई मुठभेड़ में गोली लगने से मुस्तफा कग्गा गिरोह का सदस्य अरशद पुत्र जमील निवासी बड़ी माजरा, थाना गंगोह जिला सहारनपुर तथा तीन अन्य मंजीत, सतीश और एक अज्ञात साथी की की मौत हो गई थी। आपको बता दे अरशद थाना बेहट, सहारनपुर से लूट के एक मामले में वांछि था. उस पर एडीजी जोन द्वारा एक लाख का इनाम घोषित किया गया था, अरसद पर लूट, डकैती और हत्या के एक दर्जन मामले दर्ज थे।
21 जनवरी 2025 बीती रात शामली मे जनपद शामली के झिंझाना थाना क्षेत्र में यूपी STF (मेरठ टीम) और कुख्यात मुस्तफा कग्गा गैंग के सदस्यों के बीच हुई मुठभेड़ में गैंग का प्रमुख सदस्य अरशद समेत चार अपराधी मारे गए है। मुठभेड़ में अरशद के साथ सतीश मंजीत, और एक अन्य अज्ञात साथी भी शामिल थे।
अरशद पुत्र जमील, निवासी बड़ी माजरा, थाना गंगोह, सहारनपुर, पर डकैती, हत्या और लूट जैसे संगीन अपराधों के लगभग 17 केस दर्ज थे। वह लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। सहारनपुर और आस-पास के जिलों में उसकी सक्रियता ने पुलिस को चुनौती दी थी। उसके खिलाफ सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर और हरियाणा के पनपत में विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज थे, जिनमें 395 (डकैती), 397 (आर्म्ड डकैती) 302 (हत्या) और गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर अपराध शामिल थे।
जानकारी के मुताबिक STF को गुप्त सूचना मिली थी कि अरशद अपने साथियों के साथ झिंझाना थाना क्षेत्र से गुजरने वाला है। पुलिस ने घेराबंदी का जाल बिछाकर उन्हें रोकने की कोशिश की। लेकिन अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी मोर्चा संभाला। करीब आधे घंटे तक चली इस मुठभेड़ में अरशद और उसके साथ तीन साथी घायल हो गए। उन्हें अनन-फनन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर सुनील को कई गोलियां लगीं। आज गुड़गांव के निजी अस्पताल मे उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई है। उन्हें पहले करनाल के अमृतधारा अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में बेहतर इलाज के लिए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल रेफर कर दिया गया था। अरशद पर सहारनपुर, शामली और अन्य जिलों में 17 से अधिक संगीन मुकदमे दर्ज थे। अरशद का नाम कई जिलों के अपराध रिकॉर्ड में सबसे ऊपर था।
STF अधिकारियों ने बताया कि अरशद जैसे खतरनाक अपराधी का खात्मा कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि यह मुठभेड़ उत्तर प्रदेश सरकार की अपराध मुक्त प्रदेश बनाने की नीति का हिस्सा है। बदमाश अरशद की मौत से मुस्तफा कग्गा गैंग को एक भारी झटका लगा है। पुलिस अब अन्य वांछित अपराधियों की तलाश में जुट गई है।