यूपी में चिकित्सा सुविधा पर जोर देने वाली प्रदेश सरकार चिकित्सा शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है। पिछले साढ़े चार सालों में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र को और भी बेहतर बनाने के लिए प्रदेश सरकार संकल्पबद्ध है। लखनऊ के एसजीपीजीआई में पिछले तीन सालों के भीतर संस्थान में तरह-तरह के नए कोर्सों की शुरूआत की गई है। इसके साथ ही शोध कार्यों पर भी जोर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के पीजीआई ने चंडीगढ़ के पीजीआई को पीछे छोड़ते हुए सर्वाधिक शोध किए हैं। वर्तमान समय तक 5,873 शोध प्रकाशनों के साथ पीजीआई उच्च स्तर के क्लीनिकल और मौलिक शोध में बेहतरीन कार्य कर रहा है। पिछले साढ़े चार सालों में 2,353 प्रपत्र प्रकाशित हुए हैं। इसमें ज्यादातर शोध पत्र कोरोना काल के दौरान प्रकाशित किए गए जो कोविड-19 पर आधारित हैं। वहीं, चंडीगढ़ के पीजीआई ने 176 शोध पत्र प्रकाशित किए हैं।
सीएम योगी ने पीजीआई संस्थान और प्रदेश के मेडिकल छात्रों को सौगात देते हुए संस्थान में नए कोर्सों का संचालन शुरू किया गया है। संस्थान में शुरू हुए इन नए कोर्सों में कुछ ऐसे कोर्स शामिल हैं जो अन्य प्रदेशों में नहीं हैं। संस्थान में डीएम (नेऑनटॉलॉजी), डीएम पल्मोनरी मेडिसिन, एमसीएच पीडियाट्रिक सर्जरी, एमसीएच प्लास्टिक सर्जरी व पीडीएफ एनएस्थलॉजी की शुरूआत की गई है।
अब छात्र प्रदेश में ही कर रहे न्यूरो ओटोलॉजिस्ट की पढ़ाई
संस्थान में न्यूरो ओटोलॉजिस्ट यूनिट की भी शुरूआत की गई है। इसके तहत कोक्लीयर इंप्लांटस, कान का ट्यूमर समेत कान से जुड़ी अन्य बिमारियों का इलाज किया जाएगा। न्यूरो ओटोलॉजि यूनिट के तहत जल्द ही एकेडमिक कोर्स शुरू करने की तैयारी चल रही हैं। एमसीएच के तहत तीन वर्षीय कोर्स शुरू किए जाने की तैयारी चल रही है। ये कोर्स अन्य कुछ जगहों पर केवल सटिर्फिकेट कोर्स का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में पीजीआई देश का पहला संस्थान बनेगा जहां पर तीन साल का ये कोर्स संचालित किया जाएगा। इस तरह का कोर्स अधिकतर अमेरिका व यूरोप जैसे देशों में होते हैं।
महिलाओं व नवजात को मिलने वाली चिकित्सीय सेवाओं का होगा विस्तार
डीएम नियोनेटोलॉजी कोर्स के संचालन होने से छात्रों को बड़ी राहत राज्य सरकार ने पहुंचाई है। जो राज्य और देश में नवजात सेवाओं में सुधार के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति उत्पन्न करेगी। महिलाओं में पाई जाने वाली दूसरी आम बिमारी स्तन कैंसर है। स्तन और अंतस्त्रावी सर्जरी में पीडीसीसी स्तन संबंधित रागों के निदान करेगा और साथ ही उपचार में प्रशिक्षित डॉक्टरों का उत्पादन भी करेगा। ब्रेस्ट एंड इंडोक्राइन सर्जरी में पोस्ट डॉक्टरल सर्टिफिकेट कोर्स (पीडीसीसी) जो संस्थान में संचालित है वो देश में पहला कोर्स है। इसके साथ ही एनेस्थिसियोलॉजी की विभिन्न विशेषताओं में पीडीएएफ पाठ्यक्रम भी है। ये नए पाठ्यक्रम केवल एसजीपीआईएमएस में ही मौजूद हैं।