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यूपी में नेशनल एक्शन प्लान फार सीनियर सिटीजन के तहत बुजुर्गों के लिए खास सेवा शुरू

[Edited By: Vijay]

Thursday, 10th June , 2021 12:50 pm

आधुनिकता की ओर से बढ़ रहा समाज वृद्धों और उनकी समस्याओं को पुरानी वस्तु समझकर नजरअंदाज करता रहता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। नेशनल एक्शन प्लान फार सीनियर सिटीजन के तहत उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार की ओर से बुजुर्गों के लिए एक खास सेवा शुरू की गई है। इस सेवा में जारी किए गए हेल्पलाइन नम्बर पर फोन करके कोई भी बुजुर्ग मानसिक, शारीरिक, आर्थिक या सामाजिक जैसी किसी भी प्रकार की समस्या को साझा कर सकता है। सेवा में लगी टीम उन समस्याओं के निस्तारण के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराती हैं।

बुजुर्गों को एडल्ट हेल्पलाइन नंबर पर मिलेगी सुविधा, 'UPICON' संभाल रहा जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश में बीते 17 मई को समाज कल्याण विभाग की ओर से नेशनल एक्शन प्लान फार सीनियर सिटीजन के तहत प्रदेश में बुजुर्गों की सेवा के लिए हेल्पलाइन नंबर 14567 जारी किया गया है। इसके माध्यम से वृद्धजन अपने दुःख और तकलीफों के साथ किसी भी तरह की समस्या के समाधान के लिए सम्पर्क कर सकते हैं। इस एडल्ट हेल्पलाइन के संचालन की जिम्मेदारी यूपीकॉन (UPICON) को दी गई है। जहां 6-6 घंटे की शिफ्ट में 20 कर्मचारी लगातार वृद्धजनों की सेवा में लगे हुए हैं।

मानसिक तनाव होने पर मिलता है 'इमोशनल सपोर्ट'
यूपीकॉन की टीम ने बताया कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों से कोविड की जानकारी के साथ स्वास्थ्य, पेंशन, राशन, कानूनी सहायता, तहसील और नगर निगम व अन्य समस्याओं को लेकर हेल्पलाइन नंबर पर फोन आते हैं, जिसमें उनकी पुलिस टीम व अन्य विभागीय अधिकारियों से बात कर के मदद की जाती है। उन्होंने बताया कि कॉल के दौरान कई वृद्धजन अपनी समस्या को लेकर मानसिक तनाव से गुजर रहे होते हैं, ऐसी स्थिति में तैनात कर्मचारी उन्हें इमोशनल सपोर्ट देकर तनाव से दूर करते हैं।

75 जिलों में तैनात 35 रेस्पॉन्स ऑफिसर

मिली जानकारी के मुताबिक, यूपीकॉन की ओर से इस सेवा के लिए यूपी के 75 जिलों में 35 रेस्पॉन्स ऑफिसर की तैनाती की गई है। इन रेस्पॉन्स ऑफिसर का काम आपात स्थिति में मौके पर पहुंच कर मुसीबत का सामना कर रहे वृद्धजनों की मदद करना होता है। टीम ने बताया कि हेल्पलाइन नम्बर पर कई कॉल्स ऐसे आते हैं, जिनकी फोन पर बातचीत के दौरान सहायता की हो पाती है। उदाहरण के लिए-कोई बुजुर्ग रास्ते से भटक गए हैं, दवाईयां नहीं ले पा रहे, परिवारिक कलह से परेशान हैं, बच्चों की ओर से प्रताड़ित किए जा रहे हैं या ऐसी सभी समस्याएं जिनका फोन पर निवारण नहीं हो सकता है। इन सभी परिस्थितियों में टीम की ओर से तत्काल प्रभाव से संबंधित जिला देख रहे रेस्पॉन्स ऑफिसर से सम्पर्क किया जाता है। वे ऑफिसर संबंधित समस्या से जुड़े आलाअफसरों, पुलिस टीम व अन्य की सहायता से बुजुर्ग तक पहुंचकर उनकी मदद करते हैं। इसके साथ ही टीम में 100 से अधिक लीगल एडवाइजर भी जोड़े गए हैं, जो कानून से जुड़ी समस्याएं होने पर वृद्धजनों की सहायता करते हैं।

हेल्पलाइन पर प्रतिदिन दर्ज होती हैं तकरीबन 250 कॉल्स
एडल्ट हेल्पलाइन 14567 की टीम ने बताया कि 17 मई को हुई सेवा की शुरुआत के बाद रोजाना तकरीबन 250 कॉल्स दर्ज की जाती हैं। अभी तक इन कॉल्स में 12 से 15 कॉल्स रेस्क्यू से जुड़ी हुई रही हैं और बाकी कॉल्स किसी विषय से जुड़ी जानकारी, कोविड वैक्सीनेशन, स्वास्थ्य, मानसिक तनाव से जुड़ी हुई दर्ज की गईं, जहां टीम में कर्मचारियों ने ऑन कॉल ही बुजुर्ग लोगों की मदद की है। टीम ने बताया कि 'एडल्ट हेल्पलाइन 14567' से 75 जिलों के तकरीबन 3 हजार ओल्ड एज होम सीधे संपर्क में हैं। किसी बुजुर्ग में असहाय होने या आगे-पीछे परिवार का न होने पर ओल्ड एज होम से सम्पर्क करके मदद लेकर उनके संरक्षण में रखा जाता है।

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