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सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक नामांकन दाखिल करते ही बन गये निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष

[Edited By: Vijay]

Saturday, 26th June , 2021 05:29 pm

इटावा में भाजपा के सांसद तथा दो विधायक होने के बाद भी सत्तारूढ़ पार्टी को बड़ा झटका लगा है समाजवादी पार्टी का अपने गढ़ यानी इटावा में जलवा बरकरार है। इटावा में समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अभिषेक यादव उर्फ अंशुल के खिलाफ किसी ने भी नामांकन नहीं किया है। यहां पर अभिषेक यादव के नामांकन करने के साथ ही उनका निर्वाचन तय हो गया।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव उर्फ अंशुल ने आज यहां कचहरी में जिलाधिकारी श्रुति सिंह के समक्ष नामांकन दाखिल किया । यहां पर एक मात्र नामांकन होने के कारण उनका निॢवरोध निर्वाचित होना तय माना जा रहा है। अभिषेक यादव शनिवार को अपने प्रस्तावकों के साथ कचहरी पहुंचे और नामांकन किया। उनके साथ समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव भी मौजूद थे। अभिषेक यादव इससे पहले भी अध्यक्ष रह चुके हैं।

उनके निर्वाचित होने के बाद वह लगातार दूसरी बार अध्यक्ष बने। शनिवार को नामांकन को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम कचहरी में थे। कचहरी जाने वाले सभी रास्तों पर बैरीकेडिंग की गई थी और पुलिस बल पर्याप्त संख्या में लगाया गया था। किसी भी वाहन को जाने की इजाजत नहीं थी।

इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष का पद इस बार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है। निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक उर्फ अंशुल यादव ने चाचा प्रसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के साथ रणनीति बनाकर चुनाव में 24 में से 18 अपने गठबंधन के सदस्य निर्वाचित करवा लिए। भाजपा और बसपा का एक-एक सदस्य विजयी हुआ। इसी कारण अंशुल यादव के समक्ष किसी अन्य ने नामांकन पत्र नहीं खरीदा।

अभिषेक यादव उर्फ अंशुल इस सीट पर अपनी दावेदारी बनाए हुए थे। जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में रिकॉर्ड वोटों से सैफई पंचायत से जीतकर आए हैं। सैफई द्वितीय सीट से जिला पंचायत सदस्य के रूप से अभिषेक यादव की जीत 16254 मतों से हुई थी। अभिषेक यादव के विरोधी भाजपा प्रत्याशी अवनीश यादव को 6356 मत मिले थे। अभिषेक यादव ने जिला पंचायत सीट पर काबिज होने के लिए अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव से गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। जिसमें सपा-प्रसपा के उम्मीदवारों को रणनीति के तहत चुनाव मैदान मे उतारा गया था।

भाजपा को बड़ा झटका                                                                                                                                        

इटावा में भाजपा के सांसद तथा दो विधायक होने के बाद भी सत्तारूढ़ पार्टी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा ने यहां पर सरेंडर कर दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के ऐलान के बावजूद भाजपा की ओर से नामांकन नहीं किया गया। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वत्रंत देव सिंह तथा भाजपा जिलाध्यक्ष अजय धाकरे ने कहा था कि 1989 से जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर सपा काबिज होती चली आ रही है लेकिन इस बार भाजपा का उम्मीदवार काबिज होगा। भाजपा नेताओं के दावे खोखले साबित हुए हैं। यहां पर 24 वार्ड में सिर्फ पर भाजपा का सदस्य जीता है। 20 वार्डो में सपा-प्रसपा के प्रत्याशी, दो पर बसपा और एक पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी।

 

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