बांग्लादेश में सत्ता मे बदलाव होने के बाद से देश में बेरोजगारी बढ़ गई है। लोगों की नौकरियों पर काला संकट छा गया है। इन दिनों देश का गारमेंट सेक्टर अपने भयंकर संकट से गुजर रहा है। पूर्व PM शेख हसीना के तख्तापलट के बाद 7 महीनों में 140 से ज्यादा गारमेंट फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं। इसके चलते 1 लाख से भी ज्यादा मजदूर बेरोजगार हो गए हैं।
आपको बता दें 1 अप्रैल को ईद का त्यौहार है ईद के करीब आते ही बांग्लादेश की स्थिति और भयावह होती जा रही है। माना जा रहा है कि ईद के बाद से और अधिक फैक्ट्रियां बंद होने की आशंका है। पूर्व PM शेख हसीना के तख्तापलट के बाद 7 महीनों में 140 से ज्यादा गारमेंट फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं।
बांग्लादेश गारमेंट मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (BGMEA) के सूत्रों के अनुसार, 20% ऑर्डर देश से शिफ्ट हो चुके हैं। अब यह ऑर्डर वियतनाम, श्रीलंका, भारत, पाकिस्तान और इंडोनेशिया को मिल रहे हैं। बंद हो रही ज्यादातर फैक्ट्रियां हसीना की पार्टी के नेताओं से जुड़ीं गारमेंट फैक्ट्रियों के अचानक बंद होने के पीछे मुख्य रूप से दो बड़ें वजह बताई जा रहे हैं, देश में बढ़ रही राजनीतिक अस्थिरत्ता और मुश्किल आर्थिक हालातों के चलते ये लोग अपनी फैक्ट्रियाँ बंद करके बांग्लादेश छोड़कर दूसरे देशों का रुख रहे हैं।
बांग्लादेश में कपड़े की 140 फैक्ट्रियाँ बंद होने की वजह से 1 लाख से ज़्यादा लोग बेरोजगार हो गए हैं। इनमें ज़्यादातर महिलाएं हैं, क्योंकि बांग्लादेश के गारमेंट सेक्टर में काम करने वाले लोगों में महिलाओं की संख्या ज़्यादा है। बांग्लादेश में गारमेंट सेक्टर पर छाए इस संकट से यूनुस सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। सरकार पर इस स्थिति में सुधार करने का दबाव बना हुआ है, लेकिन इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हो रहा है। कपड़े की फैक्ट्रियों के बंद होने और देश में गारमेंट सेक्टर को लगे इस झटके के चलते बांग्लादेश में मंदी का संकट पैदा हो गया है। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में गारमेंट सेक्टर की अहम भूमिका है और अब जब गारमेंट सेक्टर पर ही मार पड़ रही है, तो देश में मंदी आने की भी आशंका जताई जा रही है।