वो मुक्तिदायिनी है वो अविरल है वो कल-कल धारा करती बहती है,गंगा जिसे हम पूजतें है जिसके दो बूंद पीने से बैकुंठ की प्राप्ति होती है पर ये क्या हो रहा है पतित पावनी गंगा के साथ, ये कैसी महामारी आयी, ये कैसी विपदा है देश पर, सैकड़ो लाशें मां गंगा की गोद मे प्रवाहित की गयी, क्या लाचारी थी, क्या मजबूरी थी उन इंसानो की जिन्होने अपने रिश्तेदारों को यूं ही गंगा मे बहा दिया, और अब वो गंगा के तटों पर नजर आने लगे, पूरा देश इस बात को कर रहा है पर इसके पीछे की सच्चाई शायद कुछ और है, कुछ मजबूरियां, कुछ परेशानियां, कुछ सरकारी कमी, कुछ मंहगाई की मार, बहराल ये सच सामने आ गया, जब गंगा के तटों पर शव उतराने लगे,
अब जब चारों ओर इस बात की आम चर्चा शुरु हुई तो सरकार के भी ध्यान मे ये बात आई और अब मां गंगा की निगरानी शुरु की गयी है, पुलिस पहरा देगी अब गंगा के तटों पर, केंद्र सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिपोर्ट मांगे जाने के बाद प्रदेश सरकार ने गंगा की निगरानी के आदेश दिए हैं। कानपुर कमिश्नरेट और कानपुर आउटर पुलिस अपने-अपने क्षेत्रों में गंगा की निगरानी करेगी। शासन ने कानपुर के लिए एसडीआरएफ की एक टीम तैनात कर दी है।
स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) की टीम शनिवार को कानपुर पहुंच जाएगी। इसके साथ एक प्लाटून पीएसी भी तैनात कर दी गई है। यह टीमें बिल्हौर से महाराजपुर के ड्योढ़ी घाट तक गंगा में पेट्रोलिंग करेंगी। यदि कोई शव उतराया मिला तो उसे निकालकर अंतिम संस्कार कराएंगी।