वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बैठक मे शुक्रवार को संसद परिसर मे हंगामा हुआ। विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नही दिया जा रहा है। हंगामा न थमता देख समिति के 10 सांसदों को दिनभर के लिए कमेटी की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी में वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त समिति कश्मीर के धार्मिक प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के विचार सुनने वाली थी. मीरवाइज को बुलाने से पहले समिति के सदस्यों ने आपस में चर्चा की और इसी दौरान विपक्षी नेताओं के साथ सांसद परिसर में हंगामा हो गया. हंगामा थमने का नाम ही नही ले रहा था तभी बैठक में हुए हंगामे के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक से सभी 10 विपक्षी सांसदों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित विपक्षी सांसदों में एम अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीमुल हक, कल्याण बनर्जी, नासिर हुसैन, मोहम्मद जावेद, ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, इमरान मसूद, मोहिबुल्लाह, शामिल हैं।
विपक्ष ने 27 जनवरी को क्लॉज बाई क्लॉज पर चर्चा करने से ऐतराज जताया है। बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक पर गठित संसदीय समिति 24 और 25 जनवरी को प्रस्तावित कानून पर खंड-दर-खंड विचार करने वाली है। यह रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया है। समिति की रिपोर्ट संसद के बजट सत्र के दौरान पेश किए जाने की उम्मीद है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संसद की संयुक्त समिति ने देशभर के हितधारकों के साथ अपनी परामर्श प्रक्रिया पूरी कर ली है और अब रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले समिति के सदस्यों की राय लेने की दिशा की तरफ बढ़ रही है।
मीरवाइज ने कहा कि वह वक्फ बिल का कड़ा विरोध करते हैं और धर्म के मामलों में सरकार के हस्तक्षेप नहीं करने का समर्थन करते हैं। हमें उम्मीद है कि हमारे सुझावों को जरूर सुना जाएगा और उन पर अमल किया जाएगा। ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाए, जो मुसलमानों को बसहज महसूस कराए। यह पहली बार है, जब लगभग निष्क्रिय हो चुके अलगाववादी समूह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज ने पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद कश्मीर घाटी से बाहर कदम रखा है।