केंद्र सरकार ने बुधवार को केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए रोप-वे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे परियोजना पर भी मुहर लगा दी है. इससे हेमकुंड साहिब और केदारनाथ जाने वाली ऊंची चढ़ाई से लोगो को बड़ी राहत मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 5 मार्च बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें केदारनाथ रोपवे परियोजना को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि सोनप्रयाग से केदारनाथ के बीच 12.9 किलो मीटर का लंबा रोपवे प्रोजेक्ट बनाया जाएगा. इस रोपवे प्रोजेक्ट मे 4,081 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट पर 2,730 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके अलावा सरकार ने 3,880 करोड़ रुपये के पशु स्वास्थ्य और रोग निवारण कार्यक्रम को मंजूरी दी है. सोनप्रयाग से बनाए जाने वाले केदारनाथ रोपवे या केबिल कार परियोजना का जिम्मा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लि. को दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आगे बताया, ‘अभी जो यात्रा 8-9 घंटे में पूरी होती है, वह घटकर 36 मिनट की हो जाएगी। इसमें 36 लोगों के बैठने की क्षमता होगी। रोपवे का कार्य पूरा होने में 4 से 6 साल लगेंगे. इन योजनाओं मे खच्चर वालों पर और पर्यावरण का भी विशेष ध्यान रखा गया है.
जानकारों का कहना है कि केदारनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए 2 ही विकल्प हैं। पहला पैदल यात्रा का है, लेकिन यह बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगों के लिए दुष्कर है। दूसरा विकल्प रोपवे या केबिल कार का है, जो बच्चों, वृद्धों, जवानों व दिव्यांगों सभी की यात्रा को सुगम बनाने वाला है।