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बर्ड फ्लू का खतरा, डॉक्टरों ने कहा- चिकन या अंडों को पकाकर खाने से नहीं कोई खतरा

[Edited By: Vijay]

Thursday, 7th January , 2021 01:45 pm

हिमाचल प्रदेश, केरल में बर्ड फ्लू फैलने और पंचकुला के बरवाला के पोल्ट्री फार्म्स में मुर्गियों के मरने की सूचना के बाद लोगों में कन्फ्यूजन है कि इस दौरान चिकन या अंडे खाएं या नहीं। तो हम आपको बता दें कि डॉक्टरों का कहना है कि अगर चिकन, फिश या अंडे को ठीक से पकाकर खाया जाए तो यह बिल्कुल भी नुकसानदायक नहीं है। लेकिन इसे पकाने के दौरान सावधानी जरूर बरतें।

पशुपालन विभाग ने मुर्गियों या अन्य किसी पक्षी में बर्ड फ्लू के लक्षण दिखने पर उसका सैंपल कलेक्ट कर जालंधर और भोपाल भेजे जाने की तैयारी कर ली है। पशु चिकित्सकों की टीमों ने पोल्ट्री फार्म्स का दौरा करना शुरू कर दिया है। सघन पशुधन विकास परियोजना गुरुग्राम की डिप्टी डायरेक्टर डॉ. पुनीता गहलावत ने बताया कि विभाग की ओर से पूरी सतर्कता बरती जा रही है। टीमें पोल्ट्री फार्म्स में जाकर मुर्गियों व अन्य पक्षियों को चेक कर रही हैं। फिलहाल कहीं भी किसी पोल्ट्री फार्म में मुर्गे या मुर्गियों के मरने की खबर नहीं हैं।

एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस खतरनाक

कोरोना के साथ अब बर्ड फ्लू का भी खौफ बढ़ता जा रहा है। बर्ड फ्लू के दूसरे राज्यों में फैले जाने के बाद यहां भी सतर्कता बरती जा रही है। इससे चिकन की कीमतों के कम होने का अनुमान है। जानकार बताते हैं कि एवियन इनफ्लुएंजा वायरस से होने वाली बीमारी से पक्षी ही नहीं लोग भी प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में सावधानी बरतनी बेहद जरूरी होगी। मुर्गे, मछली व अंडों का सेवन सतर्कता व सावधानी के साथ करना चाहिए।

पकाते वक्त किचन में बरतें सावधानी
कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल की इंटरनल मेडिसिन डॉ. मंजीता नाथ दास का कहना है कि बर्ड फ्लू के दौरान चिकन और अन्य पोल्ट्री उत्पादों को पकाकर खाने से फ्लू नष्ट हो जाता है, इसके साथ ही जो बैक्टीरिया होते हैं, वो भी इस दौरान खत्म हो जाते हैं। लेकिन कच्चे चिकन को लेकर सावधानी जरूर बरतें। चिकन को पकाने वाले बर्तनों और रसोई को पूरी तरह से डिसइन्फेक्ट करें। जहां चिकन रखा गया हो, वहां सब्जियां या अन्य खाद्य पदार्थों को न रखें। साथ ही मास्क व गल्व्स पहनकर ही उसे साफ करें।

 पोल्ट्री फार्म में काम करने वालों को ज्यादा खतरा
पारस हॉस्पिटल गुरुग्राम की इंटरनल मेडिसिन डॉ. पी. वेंकट का कहना है कि कच्चे मांस और अंडे को ऐसे समय में नहीं खाना चाहिए। हम चिकन को पका कर खा सकते हैं। अभी तक ऐसा कोई केस नहीं मिला है, जिसमे पॉल्ट्री से कुछ नुकसान हुआ हो। केवल चिड़ियों में यह फ्लू फैल रहा है। जो लोग पोल्ट्री फार्म्स में काम करते हैं या आते जाते हैं उन्हें इसका ज्यादा खतरा है। उन्हें ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए। वे फ्लू को दूसरे व्यक्तियों में ट्रांसमिट कर सकते हैं।

70 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तापमान पर पकाएं
एक्सपर्ट का मानना है कि अगर चिकन खाना चाह रहे हैं तो उसे अच्छे तरीके से 70 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तापमान पर पकाएं। मांस का कोई भी हिस्सा कच्चा या लाल न रहे इस बात का ध्यान जरुर रखें। चिकन या अन्य मांस को जब तक पकाना न हो, फ्रिज में न रखें। कच्चे मांस को छूने के बाद हाथों को अच्छे से साफ जरूर करें।

ये हैं फ्लू के लक्षण
सिर आगे और पैर पीछे की तरफ फैल जाना
सांस लेने में दिक्कत महसूस होना
पंखों का अधिक संख्या में गिरना
अंडा उत्पादन में कमी आना
सिर और मुंह का फूल जाना
टांगों में खून के चकते जमना

प्रभावित होने वाली प्रजाति
घरेलू पक्षी प्रजाति : टर्की, गिनीफाउल, बटेर, बत्तख, मुर्गी, फ्रीजेट, गीज
जंगली पक्षी : बत्तख, गीज, सेंड पाइपर, सैडरलिंग, रूडीटर्न स्टोन, टर्नस, हंस, शियर वॉटर हेरास, गिलमोर, पुफिन, गुल्स
प्रवासी पक्षी : बत्तख, मैना, काकाटूज वेवर, पैराकीट्स, फ्रंचेस, हॉक्स, तोते

ये रखें सावधानियां

कच्चे चिकन को रसोई में जहां रखें, वहां से अन्य खाद्य सामानों को हटा दें
बर्तनों को अलग रखें, साथ ही चिकन को धोते समय मास्क व गल्व्स पहनें
किचन को पूरी तरह से डिसइन्फेक्ट करें
हाफ कुक्ड चिकन या फिश न खाएं

 

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