दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री औ आप आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को चुनाव मे मिली हार के बाद एक और बड़ी मुश्किलों मे फसते नजर आ रहे है। उनके मुख्यमंत्री रहते जिस बंगले का रिनोवेशन हुआ था, सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) ने 13 फरवरी को उसकी जांच के आदेश जारी किए हैं.
केंद्रीय सतर्कता आयोग सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) ने केजरीवाल के सरकारी आवास रहे 6 फ्लैगस्टाफ रोड बंगले के रेनोवेशन पर हुए खर्च की विस्तृत जांच के आदेश जारी किए है। CVC ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) से उन आरोपों की विस्तृत जांच करने को कहा है कि करीब 8 एकड़ में फैले एक भव्य बंगले शीश महल के निर्माण के लिए भवन नियमों की अवहेलना की गई।

सेंट्रल विजिलेंस कमीशन सीवीसी के आदेश पर भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि शीश महल को लेकर आप और “अरविंद “केजरीवाल’ का भ्रष्टाचार अब सबके सामने आ गया है। सीवीसी ने तथ्यों के आधार पर संज्ञान लिया है। मैंने 14 और 21 अक्टूबर को सीवीसी को दो पत्र लिखे थे। मैंने सीवीसी को लिखा था कि ‘शीश महल’ का क्षेत्रफल मूल रूप से 10,000 गज से कम था, लेकिन बगल के बंगले और 8 टाइप-5 फ्लैट खाली कराकर उसमें मिला दिए गए। क्षेत्रफल में करीब 50,000 गज की वृद्धि हुई, पूरा ढांचा अवैध है। मैंने यह भी लिखा था कि करोड़ों रुपये की बेहिसाब विलासिता की वस्तुएं लगाई गई थीं। मेरे द्वारा लिखे गए दो पत्रों के आधार पर सीवीसी ने सीपीडब्ल्यूडी से तथ्यात्मक रिपोर्ट देने को कहा है, सीवीसी ने सीपीडब्ल्यूडी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर जांच के आदेश दिए हैं।
बता दें कि बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के कई पूर्व मंत्रियों और सांसदों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है। आप के कई नेता और विधायकों पर पहले से मामले दर्ज है। आने वाले दिनों में इनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। गौरतलब है कि 6 फ्लैगस्टाफ रोड पर स्थित अरविंद केजरीवाल का यह बंगला जिसे विपक्षी दलों ने ‘शीशमहल’ नाम दिया है, काफी चर्चा में था। इस बंगले में करोड़ो रूपये का ‘रेनोवेशन’ भी विवादों में है। शीशमहल का मुद्दा दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में काफी उछाला गया, जिसका केजरीवाल को नुकसान भी उठाना पड़ा है। अब चुनावी नतीजों के बाद सीवीसी ने उनकी और ज्यादा मुश्किल बढ़ा दी है।
आपको बता दें कि 16 अक्टूबर को सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) ने आगे की जांच के लिए शिकायत दर्ज की। नवंबर 2024 में CVC ने शिकायत को आगे की जांच के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) को भेज दिया। सीवीसी ने आश्वासन दिया कि तथ्यात्मक रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।