सिडनी में खेले गए पांचवें और अंतिम टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को छह विकेट से हराकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 अपने नाम कर ली. उसके बाद भारतीय टीम का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल खेलना का सपना भी टूट गया. ऑस्ट्रेलिया ने 10 साल बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीती है और डब्ल्यूटीसी फाइनल में जगह भी बना ली है.
ऑस्ट्रेलिया दौरा खत्म होने के बाद टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने एक हैरान करने वाला बयान दिया है. उन्होंने नीतीश कुमार के सेलेक्शन को लेकर बात की है. जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा है. उनका कहना है कि भारत ने स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों की अनदेखी की और ऑलराउंडरों को जगह दी, जिससे टीम का संतुलन बिगड़ गया.
पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने साफ तौर पर कहा कि स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों से दूर जाने से भारत को भारी नुकसान उठाना पड़ा. उन्होंने कहा, “भारत धीरे-धीरे स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों से दूर जा रहा था. टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में यह दृष्टिकोण कभी लंबे समय तक सफल नहीं हुआ. जडेजा को टीम में जगह मिलनी समझ में आती है, लेकिन वॉशिंगटन सुंदर और नितीश कुमार रेड्डी जैसे खिलाड़ियों को तरजीह देना सही नहीं था.”
संजय मांजरेकर ने सुझाव दिया कि भारत को अपने पुराने और आजमाए हुए फॉर्मूले पर वापस लौटना चाहिए. उन्होंने कहा, “उन्हें अब रुककर अपनी रणनीति पर विचार करना चाहिए. टीम को शुद्ध बल्लेबाजों और गेंदबाजों को प्राथमिकता देनी चाहिए.”
कप्तान रोहित की भूमिका पर सवाल
खराब प्रदर्शन के कारण कप्तान रोहित शर्मा पर भी संजय मांजरेकर ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि रोहित को टीम चयन में ज्यादा दखल देना चाहिए था, कप्तान को टीम चयन में मजबूत भूमिका निभानी चाहिए थी।
रोहित ने अचानक लिया टीम ले बाहर होने का फैसला
रोहित शर्मा ने अपनी ख़राब फ़ॉर्म और टीम की ज़रूरत को स्वीकार करना और ख़ुद को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा. तो लोग उनके रिटायरमेंट के बारे से सोचने लगे, इस पूरे मामले पर इंटरव्यू के दौरान रोहित शर्मा ने साफ़ तौर पर कहा, “मैंने कोच गौतम गंभीर और चयनकर्ताओं से कहा, मेरे बल्ले से रन नहीं बन रहे हैं, फॉर्म नहीं है और यह अहम मैच है.” उन्होने आगे कहा की इससे रिटायरमेंट का कोई लेाना देना नही है और मै कही भी नही जाने वाला हूं.