भारत हमको जान से प्यारा है....जब ये गीत हमारे कानों में पड़ता है तो हर हिंदुस्तानी का रोम-रोम भारत माता की जय का जयघोश लगाता है. हमारे सुरक्षाकर्मी की बदौलत ही हम चैन से सो पाते हैं और आराम से जी पाते हैं. अगर वह न होते तो आने वाले त्योहारों की खुशियों में मातम का मंजर होता.
गुमनामी के अंधेरे में काम करने वाले देश के जाबाजों की टुकड़ी ने पाकिस्तान की एक बड़ी साजिश नाकाम कर दी है. दिल्ली से लेकर राजस्थान के कोटा तक चार राज्यों में ऑपरेशन चला और मिशन पूरा होने पर चैन की सांस ली गई. ये जांबांज दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल, यूपी, महाराष्ट्र और राजस्थान के एटीएस और पुलिस के जवान थे.
पिछले दिनों बेहद चर्चा में रही वेब सीरीज 'फैमिली मैन' की भी झलक इस मामले में आई. इस वेब सीरीज में जिस तरह से 26/11 से भी बड़े हमले को अंजाम देने की टेरर प्लानिंग को दिखाया गया था, हकीकत में पाक का प्लान कुछ ऐसा ही था. ISI ने दाऊद संग मिलकर दो टीमें बनाई थीं. वेब सीरीज के मूसा की तरह 2 आतंकी पाक में ट्रेन भी किए गए. सीरीज में आतंकी हमले की कहानी मुंबई से होकर पाकिस्तान, बलूचिस्तान, सीरिया, कश्मीर और दिल्ली तक पहुंचती है. जबकि गिरफ्तार हुए 6 आतंकियों की कहानी भी यूपी के लखनऊ, मस्कट से पाकिस्तान होते हुए दिल्ली पहुंचती है. और जिस तरह सीरीज में इंटेलिजेंस एजेंसी टास्क में काम करने वाले श्रीकांत (मनोज वाजयेपी) साधारण तरीके से असाधारण काम कर आतंकी मूसा की बड़ी साजिश को नाकाम कर देते हैं, ठीक वैसे ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और बाकी 3 राज्यों की पुलिस के बेहद तेजतर्रार अधिकारी करते हैं. मूसा की जगह दिल्ली, कोटा और यूपी के शहरों से 6 आतंकियों को समय रहते दबोच लिया जाता है. इसमें पाकिस्तान में कसाब की तरह ट्रेनिंग पाए दो आतंकी भी शामिल होते हैं.
आईएसआई ने दाऊद इब्राहिम के गैंग के साथ मिलकर हमलों की पूरी प्लानिंग दो हिस्सों में की थी. इसमें दाऊद के भाई अनीस इब्राहिम की भूमिका काफी अहम है. अंडरवर्ल्ड के जिम्मे जो काम था उसमें हथियारों और विस्फोटकों को आतंकियों के पास पहुंचाना शामिल था और इसके अलावा हवाला चैनल के जरिये हमले के लिए पैसे उपलब्ध करना था. वहीं, भारत में हमले किन जगहों पर किए जाएंगे और कौन-कौन से लोग हमले में निशाने पर होंगे उनकी पहचान का काम आईएसआई को करना था. इसके अलावा हमले से पहले आईईडी को रखवाने का काम भी आईएसआई के हाथ में ही था.
दिल्ली पुलिस ने मुंबई के सायन में रहने वाले जान मोहम्मद शेख उर्फ 'समीर', जामिया नगर के रहने वाले ओसामा , रायबरेली के रहने वाले मूलचंद, प्रयागराज के जीशान कमर , बहराइच के मोहम्मद अबु बकर और लखनऊ के मोहम्मद आमिर जावेद को दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया. इन सभी की गिरफ्तारी के लिए मल्टी स्टेट ऑपरेशन चलाया गया. इनमें से ओसामा को ओखला, मोहम्मद अबू बकर को सराय काले खां, जीशान को प्रयागराज, मोहम्मद आमिर जावेद को लखनऊ और हवाला ऑपरेटर मूलचंद को रायबरेली से गिरफ्तार किया गया.
वेब सीरीज में जहां आतंकी मूसा व अन्य आतंकियों की ट्रेनिंग सीरिया में हुई थी. इसी की तर्ज पर दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तार हुए संदिग्ध ओसामा उर्फ समी और प्रयाग राज से गिरफ्तार जीशान कमर की पाकिस्तान में ट्रेनिंग हुई. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल का कहना है कि ओसामा लखनऊ से 22 अप्रैल को सलाम एयर फ्लाइट से मस्कट पहुंचा था, इंडियन एजेंट्स अप्रैल से ही ओसामा पर नजर बनाए हुए थे, जब ओसामा मस्कट पहुंचा था तो वहां उसकी मुलाकाता जीशान कमर से हुई. जीशान प्रयागराज से यहां पहुंचा था, यहां इन लोगों के साथ 15-16 बांग्लादेशी लोग भी थे. यहां इन लोगों को दो ग्रुप में बांटा गया. ओसामा और जीशान एक ही ग्रुप में मौजूद थे और यहां से इन लोगों को पाकिस्तान में सिंध प्रांत के थट्टा में ले जाया गया.
आतंकियों से पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार आंतकियों की प्लानिंग भीड़भाड़ में ब्लास्ट कर बड़े पैमाने पर खौफ फैलाने की थी. इसके लिए उन्होंने मुंबई में लोकल में ब्लास्ट करने की प्लानिंग बनाई थी. पूछताछ के अनुसार आतंकियों के निशाने पर यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव भी थे. आतंकी चुनावी रैलियों में विस्फोट के साथ ही नवरात्र समेत अन्य त्योहारों के दौरान ब्लास्ट करने की योजना बना रहे थे. आतंकियों ने महाराष्ट्र के अलावा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी कई जगहों की रेकी की थी.