भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लिया है। आरबीआई के इस कदम से बच्चों को शुरुआत से ही फाइनेंशियल डिसिप्लिन सीखने और डिजिटल बैंकिंग को समझने का मौका मिलेगा. अब 10 साल से बड़े बच्चे खुद से सेविंग्स या टर्म डिपॉजिट अकाउंट खोल और ऑपरेट कर सकते हैं। हालांकि, बैंक इसके लिए अपनी रिस्क मैनेजमेंट पॉलिसी के अनुसार शर्तें तय कर सकते हैं। चलिए जानते है कि अभी क्या हैं नियम और क्या मिलेंगी ये सुविधाएं
RBI ने बैंकों को इसकी अनुमति दे दी। केंद्रीय बैंक ने इस संदर्भ में नाबालिगों के जमा खाते खोलने और संचालन पर संशोधित निर्देश जारी किये हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों को जारी एक सर्कुलर में कहा कि किसी भी आयु के नाबालिगों को अपने प्राकृतिक या कानूनी अभिभावक के माध्यम से सेविंग्स अकाउंट और डिपॉजिट अकाउंट खोलने और ऑपरेट करने की अनुमति दी जा सकती है। उन्हें अपनी मां को अभिभावक के रूप में रखकर भी ऐसे खाते खोलने की अनुमति दी जा सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक सर्कुलर में कहा गया, ‘कम-से-कम 10 वर्ष की आयु सीमा और उससे ऊपर के नाबालिगों को उनकी इच्छा पर स्वतंत्र रूप से बचत/सावधि जमा खाते खोलने और संचालित करने की अनुमति दी जा सकती है। इसमें बैंक अपनी जोखिम प्रबंधन नीति को ध्यान में रखते हुए राशि और शर्त तय कर सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1976 के अपने पुराने नियम को दोबारा से दोहराया है जिसमें माता को भी अभिभावक बनने की अनुमति है. 10 साल या इससे बड़ी उम्र के बच्चे या बच्ची अपने अकाउंट को खुद ऑपरेट कर सकते हैं. लेकिन बैंक अपने नियमों के अनुसार कुछ लिमिट तय करेंगे, जैसे कि कितना पैसा जमा किया गया है या निकाला जा सकता है. ये नियम बच्चों और उनके अभिभावकों को साफ तौर पर जानकारी दी जाएंगी और जब बच्चा 18 साल का हो जाएगा तो बैंक को उससे नए हस्ताछर लेने होंगे. अगर अकाउंट अभिभावक चला रहे थे तो अकाउंट बैलेंस की पुष्टि की जाएगी.
आरबीआई (RBI) की तरफ से बैंकों से कहा गया कि वे इस बदलाव को आसान बनाने के लिए पहले से तैयारी करें. बैंक बच्चों को इंटरनेट बैंकिंग, ATM / Debit Card और चेकबुक जैसी सुविधाएं दे सकते हैं. लेकिन यह उनके रिस्क पर निर्भर करेगा. इससे बच्चे मॉडर्न बैंकिंग को समझ सकेंगे। 1 मई से ATM से पैसा निकालने पर अब आपको ज्यादा चार्ज देना होगा। 1 मई से ग्राहकों को फ्री लिमिट पूरी हो जाने के बाद ATM से हर फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के लिए एडिशनल 2 रुपए का भुगतान करना होगा। इस फीस हाइक की वजह से ATM से Cash निकालने के लिए हर ट्रांजैक्शन पर रू 19 चार्ज देना होगा, जो पहले 17 रुपए था।
अभी क्या हैं नियम
बैंक अकाउंट या टर्म डिपॉजिट अकाउंट पेरेंट्स के कंट्रोल में होता है, और बच्चे का नाम को-अकाउंट होल्डर के रूप में जोड़ा जाता है।18 साल या इससे ज्यादा की उम्र होने पर बच्चे के नाम पर पूरी तरह से बैंक अकाउंट या टर्म डिपॉजिट अकाउंट ट्रांसफर किया जा सकता है। कुछ बैंक अभी भी स्पेशल बैंक अकाउंट स्कीम जैसे कि SBI पहला कदम खाता या एचडीएफसी किड्स एडवांटेज अकाउंट खोलने की सुविधा देते हैं। इनमें 10 साल से अधिक उम्र के बच्चे बैंक अकाउंट खोलकर उसे खुद ही ऑपरेट कर सकते हैं।
मिलेंगी ये सुविधाएं
इसके अलावा, वयस्क होने पर, खाताधारक के नये संचालन निर्देश और नमूना हस्ताक्षर प्राप्त किए जाने चाहिए और उन्हें रिकॉर्ड में रखा जाना चाहिए। परिपत्र में कहा गया, बैंक अपनी जोखिम प्रबंधन नीति, उत्पाद और ग्राहकों के आधार पर नाबालिग खाताधारकों को इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम/डेबिट कार्ड, चेक बुक सुविधा आदि जैसी अतिरिक्त सुविधाएं देने के लिए स्वतंत्र हैं।