राहुल गांधी को पटना हाईकोर्ट से राहत मिली है। हाईकोर्ट ने एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही न्यायिक प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। निचली कोर्ट में पेश होने से छूट मिल गई है। 15 मई तक कोर्ट ने ये रोक लगाई है। मामले में अगली सुनवाई 16 मई को होगी। राहुल गांधी के वकील अंशुल वर्मा ने बताया कि हमने हाईकोर्ट से कहा कि सूरत कोर्ट ने इसी मामले में उन्हें सजा सुनाई है। अब पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट में केस चलाने से क्या मतलब है। हाईकोर्ट ने 15 मई तक निचली अदालत की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। अब 25 अप्रैल को उन्हें एमपी-एमएलए कोर्ट में उपस्थित नहीं होना होगा।
पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने सोमवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 मई को निर्धारित की है। राहुल गांधी को मोदी सरनेम को लेकर दिये बयान पर पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 25 अप्रैल को कोर्ट में हाज़िर होने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट द्वारा लगाये गई रोक के बाद उन्हें 25 अप्रैल को हाज़िर नहीं होना पड़ेगा।
बता दें कि राहुल के बयान 'इन सारे चोरों का नाम मोदी क्यों है' पर भाजपा नेता सुशील मोदी ने 2019 में उनपर मानहानि का केस दर्ज करवाया था। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने मोदी को चोर कहकर पूरे मोदी समुदाय का अपमान किया है। इसी मामले में पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस नेता को 25 अप्रैल को पेश होने का आदेश दिया था। राहुल गांधी की तरफ से पटना हाईकोर्ट में इसको लेकर याचिका दायर एमएलए-एमपी कोर्ट द्वारा पेश होने के आदेश को रद करने की मांग की गई थी। राहुल गांधी के अधिवक्ता अंशुल ने इस मामले की त्वरित सुनवाई की गुहार भी लगाई थी।
सुशील मोदी के वकील एसडी संजय ने कहा कि राहुल गांधी की ओर से सूरत कोर्ट से सजा का तर्क दिया गया। हाईकोर्ट से अपील की गई कि एक जैसे 2 केस में सजा नहीं हो सकती है। कोर्ट ने हमसे जवाब मांगा है। हम 16 मई को कोर्ट में अपना जवाब पेश करेंगे। झारखंड हाईकोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ इसी तरह का मुकदमा चल रहा था। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज किया था, लेकिन वो सूरत कोर्ट का फैसला आने से पहले का मामला था। अब देखना होगा इस मामले में हाईकोर्ट का क्या रुख रहता है।
आपको बता दें कि राहुल राहुल गांधी ने सारे मोदी को चोर बताया था। लोकसभा चुनाव में कैम्पनिंग में तमिलनाडु के कोलार में भाषण के दौरान राहुल ने ये बयान दिया था। इसे लेकर अलग-अलग जगहों पर राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसी टिप्पणी को आधार बनाते हुए वर्तमान सांसद भाजपा नेता सुशील मोदी ने 2019 में पटना के निचली अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। इसे लेकर पटना सिविल कोर्ट ने उन्हें 25 अप्रैल को सशरीर उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश जारी किया है।
मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी मामले को लेकर भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने भी मानहानि का मामला दर्ज कराया था। जिस मामले में 23 मार्च को गुजरात के सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा के अलावा 15 हजार का जुर्माना भी लगाया था। इस मामले में राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। मामला मोदी सरनेम से जुड़े होने के कारण पटना हाईकोर्ट ने यह साफ कर दिया की सूरत कोर्ट अपना फैसला सुना चुकी है। इसलिए एक केस में दो बार सजा नहीं हो सकती। इसे लेकर राहुल गांधी के वकील ने हाईकोर्ट से समय की मांग की थी।
उल्लेखनीय है कि मोदी सरनेम पर बयान के बाद सूरत में भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी पर मानहानि का केस दर्ज करवाया था। इस मामले में 23 मार्च 2023 को गुजरात की सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। साथ ही 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसके बाद राहुल की लोकसभा सांसद सदस्यता रद कर दी गई।