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प्रोनिंग-ऑक्सीजन लेवल सुधारने का बेहतर तरीका- कोविड मरीजों के लिये वरदान

[Edited By: Vijay]

Thursday, 6th May , 2021 02:02 pm

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोविड-19 मरीज जो होम आइसोलशन में हैं, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। देश में कोविड -19 रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, इसलिए देशभर के अस्पतानल तनाव में हैं। इसी वजह से डॉक्टर्स ने ऑक्सीजन का स्तर कम होने पर खुद निगरानी करने की सलाह दी है। मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन्स के अनुसार, यदि मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो, तो वह प्रोनिंग का तरीका आपना सकते हैं। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के लिए प्रोनिंग काफी मददगार है। इससे आईसीयू में रहने वाले मरीजों में अच्छे रिजल्ट्स देखने को मिले हैं।

कोरोना की दूसरी लहर के चलते हालात बेकाबू हो चुके हैं। देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन ऑक्सीजन की कमी के चलते हर रोज न जाने कितने मरीज दम तोड़ रहे हैं। जिन मरीजों को सांस लेने में परेशानी हो रही है और जो घर में रहकर इलाज कर रहे हैं, उनके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रोनिंग के तरीके सुझाए हैं। दरअसल, प्रोनिंग कोरोना मरीजों के लिए बहुत अच्छा तरीका है। होम आइसोलेशन में रहते हुए अगर मरीज इसे कर ले, तो अपने ऑक्सीजन लेवल में सुधार कर सकता है। तो चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं कि प्रोनिंग क्या है और इसे कैसे करना चाहिए।

​क्या होती है प्रोनिंग?

प्रोनिंग की यह पोजीशन सांस लेने में आराम और ऑक्सीकरण में सुधार करने के लिए मेडिकली प्रूव्ड है। इसमें मरीज को पेट के बल लिटाया जाता है। यह प्रक्रिया 30 मिनट से दो घंटे की होती है। इसे करने से फेफड़ों में ब्लड सकुर्लेशन बेहतर होता है जिससे ऑक्सीजन फेफड़ों में आसानी से पहुंचती है और फेफड़े अच्छे से काम करने लगते हैं।

ऑक्सीजनेशन में इस प्रक्रिया को 80 प्रतिशत तक सफल माना जा रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो जैसे ही मरीज को सांस लेने में तकलीफ महसूस हो, तो अस्पताल भागने के बजाय समय रहते इस प्रक्रिया को अपना लेना चाहिए। इससे हालत बिगडऩे से बचाई जा सकती है।

                           

कैसे करनी चाहिए प्रोनिंग-

प्रोनिंग के लिए लगभग चार से पांच तकियों की जरूरत होती है।

सबसे पहले रोगी को बिस्तर पर पेट के बल लिटाएं।

एक तकिया गर्दन के नीचे सामने से रखें।

फिर एक या दो तकिए गर्दन और छाती और पेट के नीचे बराबर में रखें।

बाकी के दो तकियों को पैर के पंजों के नीचे दबाकर रख सकते हैं। ध्यान रखें इस दौरान कोविड रोगी को गहरी और लंबी सांस लेते रहना है।

30 मिनट से लेकर करीब दो घंटे के लिए इस स्थिति में रहने से मरीज को बहुत आराम मिलता है। लेकिन ध्यान रहे, 30 मिनट से दो घंटे के बीच मरीज की पोजीशन बदलना जरूरी है। इस दौरान मरीज को दाई और बाई करवट लेकर लिटा सकते हैं।

सावाधानियां

खाने के तुंरत बाद प्रोनिंग करने से बचें।

इसे 16 घंटों तक रोजाना कई च्रकों में कर सकते हैं। इससे बहुत आराम मिलेगा।

इस प्रक्रिया को करते समय घावों और चोट को ध्यान में रखें।

दबाव क्षेत्रों को बदलने और आराम देने के लिए तकियों को एडजस्ट करें।

 

 

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