26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं में शामिल माने जाने वाले तहव्वुर राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की पूछताछ का सिलसिला जारी है। एनआईए की पूछताछ में तहव्वुर राणा बहुत सहयोग नहीं कर रहा है और सीमित जानकारी ही दे रहा है। तहव्वुर राणा को एनआईए मुख्यालय में रखा गया है, 2008 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के वॉयस सैंपल लिए जा सकते हैं।
बता दें शनिवार को एनआईए (NIA) ने राणा से 30 सवाल किए थे लेकिन आरोपी ने उनमें से कई के ठीक से जवाब नहीं दिए थे। हालांकि अभी राणा से एनआईए की काफी लंबी पूछताछ चलेगी। मुंबई हमले को लेकर टीम यह पता लगाना चाह रही है कि राणा ने 2008 में दुबई में किस व्यक्ति से बातचीत की थी। क्या मुंबई हमले के दौरान भी राणा उस शख्स के संपर्क में था और उसे भी हमले के बारे में पूरी जानकारी थी। यदि इस बात का पता चलता है तो ये बड़ी जानकारी होगी।
अब एनआईए राणा से दुबई लिंक को लेकर पूछताछ कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि तहव्वुर राणा ने साल 2008 में दुबई में किस व्यक्ति से मुलाकात की थी। एनआईए को शक है कि दुबई के उस व्यक्ति को भी मुंबई हमले की जानकारी हो सकती है। तहव्वुर राणा का दुबई में उस शख्स के साथ क्या नाता है फिलहाल इस बारे में NIA ये पता लगाना चाह रही है। इस बारे में यदि जानकारी मिल गई तो ये पता चल सकता है कि इस साजिश में दुबई में बैठा वह शख्स भी शामिल था। हालांकि राणा से ये बातें कबूल करवाने के लिए टीम को उंगली टेढ़ी करनी होगी।
वॉइस सैंपल देने से मना किया तो क्या करेगी NIA?
NIA तहव्वुर राणा के वॉइस सैंपल लेने की भी तैयार कर रही है ताकि उन वॉइस सैंपल Voice Sample से यह पता चल सके कि मुंबई हमले के वक्त तहव्वुर राणा तो आतंकियों के संपर्क में नहीं था। मुंबई हमले में 166 लोगों की जान चली गई थी। हालांकि वॉइस सैंपल लेने के लिए तहव्वुर राणा का सहमति जरूरी है। अगर राणा सैंपल देने से इनकार कर देता है तो एनआईए को सैंपल लेने के लिए अदालत की मंजूरी लेनी होगी। हालांकि एनआईए चार्जशीट में अगर तहव्वुर राणा के वॉइस सैंपल नहीं देने की बात को भी दर्ज करेगी तो इससे बाद में तहव्वुर राणा की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
अब तक पूछताछ में हुआ खुलासा
तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था वह पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है. उसने एक दशक से अधिक समय तक उसने पाकिस्तान की सेना मे डॉक्टर के तौर पर काम किया था. तहव्वुर राणा को अपनी नौकरी से बेहद प्यार था। इसी दौरान वह आईएसआई (ISI) के संपर्क में आया और फिर लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठन से जुड़ा। जब आईएसआई और लश्कर ए तैयबा के प्रतिनिधियों की बैठक होती थी तो तहव्वुर राणा अक्सर उनमें सेना की वर्दी पहनकर पहुंचता था। तहव्वुर राणा ने बताया कि वह अक्सर आतंकी संगठनों के कैंपों का दौरा करता था। मुंबई हमले के एक और मुख्य साजिशकर्ता साजिद मीर के संपर्क में भी तहव्वुर राणा था। रिपोर्ट्स के अनुसार, राणा के लश्कर ए तैयबा के साथ ही हरकत उल जिहाद अल इस्लामी आतंकी संगठन के साथ भी संबंध थे। तहव्वुर राणा ने मेडिकल की डिग्री हासिल की है और पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में नौकरी कर चुका है। सेना छोड़ने के बाद साल 1997 में वह कनाडा में बस गया। तहव्वुर राणा की पत्नी भी एक डॉक्टर है, जिसका नाम समराज राना अख्तर है। कनाडा में तहव्वुर राणा ने इमीग्रेशन कंसल्टेंसी फर्म की शुरुआत की। इमीग्रेशन फर्म के जरिए ही तहव्वुर राणा ने डेविड हेडली को भारत का वीजा दिलाने में मदद की थी।