पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार गुस्से मे है, 22 अप्रैल से अभी कर कई हाई लेवल की मीटिंग भी हो चुकी है, वहीं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर रहे हैं और उन्हें उचित कार्रवाई का निर्देश दे रहे हैं।
अमित शाह ने शुक्रवार 25 अप्रैल को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया और बात की। सूत्रों के मुताबिक अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों से अपील की कि वे इस काम को सबसे बड़ी प्राथमिकता दें और अपने-अपने राज्यों में कानून-व्यवस्था बनाए रखें. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान और उनके वीजा रद्द करने की प्रक्रिया में कोई देरी नहीं होनी चाहिए.बता दें यह कदम पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में उठाया गया है, जिसने पूरे देश को दंग कर दिया है। क्या यह कार्रवाई किसी बड़ो एक्शन की ओर इशारा कर रही है?
बता दें ग्रहमंत्री शाह ने मुख्यमंत्रियों को सख्त निर्देश दिए है कि सभी प्रकार के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द किए जा रहे हैं और पाकिस्तानी नागरिकों को जल्द से जल्द उनके देश वापस भेजने के लिए कदम उठाए जाएं। इस बीच, गृह मंत्री आज शाम अपने आवास पर सिंधु जल संधि (इंडस वाटर ट्रीटी) के निलंबन को लेकर एक अहम बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल होंगे।
अभी तक कई बैठक हुई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 23 अप्रैल को नई दिल्ली में CCS की एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई और पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का फैसला लिया गया। भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। सरकार ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा-पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता, तब तक यह संधि निलंबित रहेगी। वहीं अटारी एकीकृत चेक पोस्ट बुधवार को ही बंद कर दी गई। जिन लोगों ने अनुमोदन के साथ सीमा पार की है, उन्हें 1 मई 2025 से पहले उस रास्ते से लौटने की अनुमति है।
सीसीएस (CCS) की बैठक के बाद उसी रात विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बड़े फैसलें लिए गए। नई दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया और उन्हें एक सप्ताह में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।
भारत ने भी इस्लामाबाद में अपने हाई कमीशन से अपने रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया। दोनों देशों के हाई कमीशन में अधिकारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 करने का निर्णय लिया गया। बीते दिन गृहमंत्री अमित शाह और देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें पहलगाम हमले जानकारी दी फिर सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी। इस दौरान राष्ट्रपति को पाकिस्तान और भारच के बीच बढ़ते तनाव और कूटनीतिक कदमों के बारे में विस्तार के साथ बताया गया। वहींं 24 अप्रैल की रात को केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। इस बैठक में अमित शाह भी मौजूद थे। बैठक में पहलगाम हमले हुए आतंकी घटना पर चर्चा हुई और सभी दलों ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार के फैसलों का समर्थन किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने भी बैठक में हिस्सा लिया और सरकार के कदमों की सराहना की, हालांकि सुरक्षा चूक पर सवाल भी उठाए गए।