- गरीबी बनी सुमन की मौत की वजह
- पति की मौत के बाद 6 बच्चों का आया था बोझ
- मजदूरी करके भी नहीं भर पा रही थी बच्चों का पेट
- जहर खाकर दे दी थी अपनी जान
- वृद्ध सास, चार बेटियां और दो बेटे हो गए अनाथ
- परिवार के लिए भगवान बनी योगी सरकार
- सुमन की मौत के बाद प्रशासन ने खोला मदद का पिटारा
- परिवार को आर्थिक मदद के साथ हर जरूरत होगी पूरी
एटा में गरीबी से जूझ रही बेवा महिला ने अपनी चार बेटियों और दो बेटों को दो वक्त की रोटी न दे पाने से मजबूर होकर जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी थी जिसकी सूचना योगी सरकार तक पहुंची जिसके बाद शासन के निर्देश पर गरीब परिवार को लिए सुविधाओं के लिए पिटारा खोल दिया गया। परिवार में मृतका की सास 70 वर्षीय सास रामबेटी, चार बेटियों और दो बेटों की सारी समस्याओं को चुटकी बजाते ही समाप्त कर दिया गया। सरकारी मदद पाकर परिवार के सारे दुख दूर हो गए और सभी लोग योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त कर रहे हैं। क्या कुछ सरकारी सहायता मिली पीड़ित परिवार को देखिए खास रिपोर्ट में।
एटा के शीतलपुर विकास खंड के गांव नगला पवल में आर्थिक तंगी और बदहाली से जूझ रही 35 वर्षीय विधवा महिला सुमन ने सोमवार देर रात कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली थी। पति की मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारियों से जूझ रही सुमन के पास न कोई स्थायी आय थी और न ही सरकारी सहायता। मंगलवार को रिश्तेदारों की मदद से मृतका का अंतिम संस्कार किया था। घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया और परिवार को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत मदद का भरोसा दिया था। आपको बता दें कि पति की मौत के बाद से ही सुमन मजदूरी कर अपने चार बेटियों, दो बेटों और 70 वर्षीय सास रामबेटी का पेट पाल रही थी। कभी काम मिलता तो बच्चों को दो वक्त की रोटी नसीब होती, नहीं तो भूखे पेट सोना पड़ता।
बीते दिनों एसडीएम सदर जगमोहन गुप्ता और तहसीलदार संदीप कुमार मौके पर पहुंचे थे और परिवार को निजी आर्थिक मदद के साथ कंबल दिए थे। जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ. नागेंद्र नारायण मिश्रा ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत सहायता देने का आश्वासन दिया था जिसके बाद प्रशासन की ओर से मृतका के परिवार के लिए मदद का पिटारा खोल दिया गया। दादी रामबेटी को मनरेगा योजना में काम दिया जाएगा तो वहीं दो छोटे बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सुरक्षा योजना के तहत ₹4,000 प्रति बच्चा प्रतिमाह मिलेगा। इसके साथ ही दो बड़े बच्चों को महिला एवं बाल विकास स्पॉन्सर योजना के तहत ₹2,500 प्रति बच्चा प्रतिमाह सहायता मिलेगी।
पीड़ित परिवार को सहायता का सिलसिला यहीं नहीं रुका। जिला उद्योग विभाग की ओर से पीड़ित परिवार को सिलाई मशीन, कपड़े और जरूरत का सामान दिया जाएगा तो वहीं राजस्व विभाग ने परिवार को 6 बीघा जमीन और 8 कंबल उपलब्ध कराए गए हैं। बच्चों की शिक्षा के लिए निःशुल्क विद्युत कनेक्शन और प्राइवेट स्कूलों में फीस माफी की व्यवस्था की गई है। गांव प्रधान ने बच्चों की देखभाल के लिए ₹2,100 प्रतिमाह देने की घोषणा की है। ब्लॉक प्रमुख शीतलपुर ने बड़ी बेटी छाया के बैंक खाते में ₹51,000 की आर्थिक सहायता दी।
सीडीओ नागेंद्र नारायण मिश्रा ने मृतका की बड़ी बेटी छाया को गोद लेकर जब तक उसकी पढ़ाई पूरी नहीं होती, तब तक हर महीने ₹2,000 देने का वादा किया। समय-समय पर लेखपाल को परिवार की देखभाल करने के भी निर्देश दिए हैं। कुल मिलाकर पीड़ित परिवार के लिए योगी सरकार भगवान बनकर सामने आई और पलक झपकते ही बेसहारा हो चुके परिवार को मुसीबत से उबार दिया। इतनी मदद के बाद परिवार के लोगों की आंखे नम हैं और सभी सूबे कि मुखिया योगी आदित्यनाथ की प्रशन्सा करते नहीं थक रहे। न्यूज प्लस के लिए एटा से योगेश यादव की रिपोर्ट।